7 साल की बच्ची को पालने वाली आंटी ने पीट-पीटकर दिए खौफनाक जख्म, डॉक्टरों को काटना पड़ा हाथ
मॉस्को। एक बच्ची को उसे पालने वाली रिश्ते की आंटी लगातार जख्म देती रही। पिटाई के चलते उसके शरीर पर लगातार जख्म बने हुए थे। गंभीर हालत होने पर जब बच्ची डॉक्टरों के पास पहुंची तो उसकी हालत ऐसी थी कि डॉक्टरों को बच्ची की जान बचाने के लिए उसका हाथ काटना पड़ा।
7 साल की आइशा अजायगोवा का मामला पर रूस की अदालत में पहुंचा है। जहां कोर्ट ने पाया कि उसे पूरी उम्र सिर्फ एक हाथ के साथ अपनी जिंदगी बितानी होगी लेकिन मासूम को जो तकलीफ अपने ही रिश्तों के हाथ सहनी पड़ी है उससे उबरना बच्ची के लिए आसान नहीं होगा।
गंभीर
हालत
में
लाया
था
अस्पताल
आइशा
के
बारे
में
पिछले
साल
की
जुलाई
को
पता
चला
था
कि
उसके
दाहिने
हाथ
में
सूजन
होने
के
बाद
उसे
पालने
वाली
उसकी
रिश्ते
की
आंटी
जेनिवा
उसे
लेकर
अस्पताल
आई
थी।
डॉक्टरों
ने
जब
उसकी
जांच
की
तो
दंग
रह
गए।
लंबे
समय
तक
जख्म
रहने
की
वजह
से
उसके
दाहिने
हाथ
के
निचले
हिस्से
में
गैंग्रीन
हो
गया
था।
इसके
साथ
ही
बच्ची
के
शरीर
पर
जलाए
जाने,
कटने
और
चाकू
लगने
के
जख्म
मिले
थे
जो
कि
भयावह
था।
जेनिवा
डॉक्टरों
को
बच्ची
के
जख्म
के
बारे
में
सही-सही
नहीं
बता
पाई
थी
जिसके
बाद
डॉक्टरों
ने
पुलिस
को
जानकारी
दी
थी।
पिटाई
के
चलते
टूटा
था
हाथ
पूछताछ
के
दौरान
जेनिवा
ने
स्वीकार
किया
कि
उसकी
पिटाई
के
चलते
बच्ची
का
हाथ
टूटा
था।
जांचकर्ताओं
ने
बताया
कि
जेनिवा
बच्ची
को
कई
दिनों
के
बाद
बच्ची
को
लेकर
अस्पताल
पहुंची
थी
तब
तक
उसका
दाहिना
हाथ
बेजान
और
ठंडा
हो
चुका
था।
बच्ची
को
तेज
बुखार
की
हालत
में
राजधानी
मॉस्को
रेफर
किया
गया
जहां
डॉक्टरों
ने
उसके
हाथ
का
हिस्सा
काटकर
अलग
किया।
बच्चों के लिए आपात सर्जरी संस्थान के डॉक्टरों के मुताबिक उसके हाथ के आगे का हिस्सा मृतप्राय हो चुका था। हमने हाथ के मृतभाग को काटकर अलग कर दिया।
जब पुलिस ने आगे जांच शुरू की तो बच्ची के साथ हुए भयावह घटनाओं की पूरी लिस्ट सामने आई। जेनिवा पिछले 6 महीने से अपनी रिश्ते की आंटी जेनिवा के साथ रह रही थी। इस दौरान जेनिवा उसे बात-बात बुरी तरह पीटा करती थी। आइशा के साथ ये कोई एक दिन होने वाली घटना नहीं थी बल्कि ये उसे रोज दिन में कई बार सहना पड़ रहा था।
कोर्ट
ने
सुनाई
6
साल
की
सज़ा
इस
साल
20
नवंबर
को,
मक्का
जेनिवा
पर
विशेष
रूप
से
क्रूरता
के
साथ
जानबूझकर
गंभीर
शारीरिक
नुकसान
पहुंचाने
का
दोषी
पाया
गया
था
और
छह
साल
जेल
की
सजा
सुनाई
गई
थी।
आइशा
की
मां
लिदिया
येवलोयेवा
ने
अस्थायी
रूप
से
उस
लड़की
को
भेजा
था,
जो
उस
समय
छह
साल
की
थी,
जिसे
जेनिवा
के
परिवार
ने
वित्तीय
कठिनाइयों
का
सामना
करना
पड़ा
था।
कोर्ट में बताया गया कि जेनिवा उसे बुरी तरह टॉर्चर करती थी। इसमें उसे गर्म स्टोव से जलाना, चाकू और कैंची से उसे घाव देने जैसी खौफनाक तरीके शामिल थे। अभियोजक ने पत्रकारों से बताया कि दिसम्बर 2018 से जुलाई 2019 तक आइशा को उसकी आंटी जेनिवा रोजाना हर छोटी से छोटी गलती पर बुरी तरह सजा देती थी।
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