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'रूसी जवानों ने अपने ही सैनिकों के शव पर मार्च किया', दिनों-दिन नर्क बनता जा रहा है यूक्रेन युद्ध

यूक्रेन के खिलाफ रूस ने 24 फरवरी 2022 को युद्ध शुरू किया था और युद्ध के 11 महीने बीत जाने के बाद भी रूस को अभी तक जीत हासिल नहीं हुई है।

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Russia-Ukraine War: रूस ने दावा किया है कि, उसकी सेना पूर्वी यूक्रेन में स्थिति नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध शहर सोलेदार पर कब्जा करने के करीब पहुंच रही है, जो क्रेमलिन के लिए बहुत बड़ी जीत साबित होगा। लेकिन, युद्ध के मैदान से आने वाली तस्वीरों से पता चलता है, कि अगर रूस ने सोलेदार शहर पर कब्जा भी कर लिया, तो ये उसके लिए विनाशकारी कीमत पर मिली जीत होगी। यूक्रेन के दोनेत्स्क के गवर्नर पावलो किरिलेंको ने टेलीविजन पर टिप्पणी करते हुए कहा है, कि पिछले 24 घंटों के दौरान सोलेदार की लड़ाई में 100 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं।

'सैनिकों के शव पर रूसियों का मार्च'

'सैनिकों के शव पर रूसियों का मार्च'

दोनेत्स्क के गवर्नर पावलो किरिलेंको ने दावा करते हुए कहा कि, 'रूसी सैनिकों ने वास्तव में अपने ही सैनिकों के शव पर मार्च किया है। उनके रास्ते में जो कुछ भी आया, उन्होंने उसे जला डाला।' यूक्रेन कता दावा है, कि रूसी सेना ने पिछले दिनों इस क्षेत्र में एक दर्जन शहरों और गांवों पर भीषण गोलाबारी की थी। वहीं, सोलेडर पर बमबारी करने के लिए रूसी सेना मोर्टार और रॉकेट का इस्तेमाल कर रही है और दावा किया गया है, कि लगातार मिल रही नाकामयाबी के बीच रूसी सैनिक कामयाबी हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है। पावलो किरिलेंको ने कहा, कि रूस की अब कोशिश है, कि 11 महीनों से लगातार चल रहे युद्ध को अंत तक लाने के लिए तेजी से युद्ध को जीते। पावलो किरिलेंको ने दावा कि, "यूक्रेन के नागरिक रूसी सैनिकों द्वारा किए जा रहे नरसंहार के बीच जीने को मजबूर हैं।" वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है, कि दिसंबर महीने में खेरसॉन शहर हारने के बाद अगर रूसी सोलेदार जीतते हैं, तो रूसियों के मनोबल के लिए ये एक बड़ी जीत होगी।

बख्तमुत के लिए जंग

बख्तमुत के लिए जंग

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, बख्तमुत पर कब्जा करने के लिए भी जोदरार संघर्ष चल रहा है और अलजजीरा के रिपोर्टर चार्ल्स स्ट्राफोर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, कि रूसी सेना बख्तमुत शहर में भारी बमबारी कर रही है और तोप से गोले दागे जा रहे हैं। वहीं, यूक्रेनी सैनिकों का कहना है, कि रूसी सैनिक सोलेदार पर इसलिए कब्जा करना चाहते हैं, क्योंकि वो शहर नमक का केन्द्र है और रूस नमक के खदानों पर नियंत्रण करना चाहता है। वहीं, यूक्रेनी सैनिकों का कहना है, कि सोलेदार शहर पर कब्जा करने के लिए अब रूस वैगनर ग्रुप के सैनिकों को भी भेज सकता है, जो ठेके के सैनिक होते हैं। वहीं, यूक्रेनी सैनिक शहर के पश्चिमी रास्तों को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

रूस के हौसले हैं बुलंद

रूस के हौसले हैं बुलंद

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि, जब युद्ध के मैदान में थकने लगते हैं, या जब वो कमजोर पड़ने लगते हैं, उस वक्त रूस काफी तेजी से वार करता है और उस वक्त की लड़ाई में सबसे ज्यादा ट्रेंड रूसी सैनिक और पैराट्रूपर्स या फिर स्पेशल फोर्स के जवान हिस्सा लेते हैं। वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रूसी सैनिकों की "निस्वार्थ और साहसी कार्रवाई" की प्रशंसा की है और कहा है, कि सोलेदार शहर पर कब्जा करने के लिए रूसी सैनिक काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि, रूसी सैनिकों ने सोलेदार पर कब्जा करने की दिशा में शानदार काम किया है।

पुतिन के लिए सोलेदार जीतना कितना जरूरी

पुतिन के लिए सोलेदार जीतना कितना जरूरी

यूक्रेन युद्ध को करीब से कवर करने वाले सैन्य एक्सपर्ट्स का मानना है, कि यदि रूसी सैनिक दक्षिण-पूर्व में स्थित नमक खदानों वाले छोटे शहर सोलेदार पर कब्जा कर लेती है, तो ये जीत लगातार असफल हो रहे रूस के लिए सांत्वना पुरस्कार से थोड़ा ज्यादा होगा। हालांकि, इस शहर की आबादी महज 10 हजार है, लेकिन रणनीतिक लिहाज से रूस के लिए ये एक बड़ी बढ़त होगी। दरअसल, सोलेदार शहर, यूक्रेन के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले बख्तमुत शहर के बिल्कुल करीब है और अगर सोलेदार पर रूस का कब्जा हो जाता है, तो रूस के रडार पर यूक्रेनी सैनिक आ जाएंगे। रूस पिछले कई महीनों से बख्तमुख के पास के शहर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जो यूक्रेनी सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण रसद केन्द्र है, लिहाजा सोलेदार पर कब्जा करने के बाद रूसी सैनिकों की कोशिश बख्तमुख पर नियंत्रण करने की होगी।

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मॉस्को को है जीत की जरूरत

मॉस्को को है जीत की जरूरत

पिछले कुछ महीनों में रूस के हाथों से एक के बाद एक कई शहर निकल गये हैं और मास्को को एक जीत की जरूरत है। अगर वो शहर रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण नहीं भी हो, फिर भी एक छोटी जीत पर रूस ढिंढोरा पीट सकता है और पुतिन इसे अपनी जीत बता सकते हैं। वहीं, सोलेदार शहर में विशाल नमक के खदान होने के साथ साथ द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के फायरआर्म्स के डिपो भी हैं। जर्मनी के ब्रेमेन विश्वविद्यालय के इतिहासकार निकोले मित्रोखिन के मुताबिक, नमक पानी को अवशोषित करता है और जंग को मुश्किल बनाता है और मॉस्को ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इस हिटलर के सैनिकों को हराने के लिए इस शहर का जबरदस्त इस्तेमाल किया था।

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English summary
Russia has come closer to capturing the strategically important city of Soledar amid the Ukraine war.
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