रूस ने पहली बार महिला कैदियों को भेजा यूक्रेन, क्या युद्ध लड़ने व्लादिमीर पुतिन के पास नहीं बचे जवान?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है, कि पिछले कुछ दिनों में 1,100 से ज्यादा रूसी सैनिक फ्रंट लाइन के बखमुत सेक्शन में लड़ते हुए मारे गए हैं।
Russia-Ukraine War: युद्ध में भारी नुकसान उठाने के बाद अब पुतिन ने यूक्रेन में पहली बार महिला कैदियों को भेजना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध में रूस की अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को भारी नुकसान हुआ है, जिसके बाद पुतिन ने पहली बार महिला कैदियों को यूक्रेन में भेजना शुरू कर दिया है। यूक्रेनी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने दावा किया है, कि युद्ध में 'भारी नुकसान' की वजह से व्लादिमीर पुतिन ने 'दूसरे विकल्पों पर विचार' करना शुरू कर दिया है। उन्होंने दावा किया है, कि 'पिछले हफ्ते कैदियों को ले जाने के लिए आरक्षित सीटों वाली एक ट्रेन डोनेट्स्क क्षेत्र की ओर बढ़ रही थी। जिसके जरिए महिला कैदियों को यूक्रेन भेजा गया है।"
यूक्रेन युद्ध में महिला कैदी
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले ऐसी विश्वसनीय जानकारी थी, कि रूस ने महिला कैदियों को युद्ध क्षेत्र के करीब क्रास्नोडार क्षेत्र के कुशचेवका में ट्रांसफर कर चुका है। और फिर कुछ महिला कैदियों को तय योजना के मुताबिक, यूक्रेन में विशेष योजना के तहत भेजा जा रहा है। वहीं, बाकी महिला कैदियों को फिलहाल खेतिहर मजदूरों के साथ-साथ 'ग्रीनहाउस और गौशालाओं' में काम करने के लिए रखा गया है, जहां से सेना के लिए सामानों की आपूर्ति की जाती है। रशियन बिहाइंड बार्स फाउंडेशन की ओल्गा रोमानोवा का मानना है, कि करीब 100 महिलाओं को यूक्रेन भेजा गया है। दावा किया गया है, कि रूस में दसियों हज़ार की संख्या में पुरुष कैदियों को सेना में भर्ती किया गया है और एक सौदे की पेशकश की गई है, जिसके तहत युद्ध में जाने वाले कैदी, अगर जिंदा रहते हैं, तो फिर उनकी सजा माफ कर दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें कम से कम 6 महीने तक यूक्रेन में अग्रिम पंक्ति में रहकर युद्ध लड़ना होगा।
कैदियों के सहारे जीतेंगे जंग?
दावा किया गया है, कि जिन पुरूष कैदियों को सेना में शामिल किया गया है, उनमें कई कैदियों पर बलात्कार और अन्य हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम हैं और उन्हें अब आजाद कर दिया गया है। इनमें से कई कैदी अब रूस के साथ लड़ने वाले निजी संगठन वैगनर ग्रुप का हिस्सा बन चुके हैं। वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने पिछले महीने दावा किया था, कि उनका समूह अब यूक्रेन में लड़ने के लिए कैदियों की भर्ती नहीं करेगा। हालांकि, उन्होंने इसके पीछे का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया था। लेकिन, अब इस बात के सबूत हैं कि रूसी रक्षा मंत्रालय सीधे दोषियों को शामिल कर रहा है। पिछले महीने यूक्रेनी जनरल स्टाफ ने कहा था, कि रूस सक्रिय रूप से 'दोषी महिलाओं को शत्रुता में भाग लेने के लिए भर्ती करने की कोशिश' कर रहा है और ये सैनिकों की कमी की भरपाई करने के लिए है।
महिला कैदी लड़ पाएंगी जंग?
डेली मेल की रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि कुछ महिला कैदियों को रूसी कब्जे वाले डोनेट्स्क शहर के स्नेज़्नोय में भेजा गया है। यूक्रेनी जनरल स्टाफ ने कहा, कि "यह भी पता चला है, कि उन्हें प्रशिक्षण के लिए रूसी संघ के क्षेत्र में भेजा जाता है।" सेवरडलोव्स्क क्षेत्र की जेलों में कई सौ महिलाएं बंद हैं और पिछले दिनों वहां के सांसद ने उन्हें यूक्रेन भेजने की मांग की थी। वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा, कि युद्ध क्षेत्र में महिलाओं को तैनात करने के लिए रूसी अधिकारियों के बीच 'विरोध' था। हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है, कि महिलाओं को अब युद्ध क्षेत्र में तैनात किया जा रहा है, हालांकि उनकी सटीक भूमिका फिलहाल अज्ञात है। युद्ध के मैदानों पर भारी नुकसान ने भी पुतिन को उन टैंकों को युद्धक्षेत्र में भेजने के लिए मजबूर कर दिया है, जो सोवियत संघ के जमाने के हैं और पुतिन की सेना अब कई पुरानी टैंकों के साथ जंग लड़ रही है। युद्ध के मैदान से आने वाली कुछ तस्वीरों से पता चला है, कि साइबेरिया में एक फैक्ट्री में 24 घंटे काम चल रहा है, जहां सोवियत युग के टी -62 टैंक को 'आधुनिकीकरण' किया जा रहा है।
पुराने टैंक से कैसे जंग जीतेंगे पुतिन
103वें प्लांट में कुछ टैंकों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, जो 60 साल पुराने हो सकते हैं। ये टैंक उस वक्त के हैं, जब रूस सोवियत संघ हुआ करता था और निकिता ख्रुश्चेव और लियोनिद ब्रेझनेव ने देश पर शासन किया था। इस बीच बखमुत शहर पर कब्जे के लिए दोनों देशों में भीषण युद्ध चल रहा है और रूस के भीषण हमलों में यूक्रेन का बखमुत शहर अब करीब करीब बर्बाद और निर्जन हो चुका है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है, कि रूस के वैगनर समूह ने बखमुत शहर के पूर्वी हिस्से के अधिकांश हिस्से को नियंत्रण में ले लिया है, और बखमुटका नदी क्षेत्र पर अब रूस के वैगनर ग्रुप का कब्जा हो गया है।
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