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QUAD: जापान के हिरोशिमा में आज ही होगी क्वाड की भी बैठक, बाइडेन, मोदी, किशिदा और अल्बनीज मिलेंगे

चीन ने भारत-चीन सीमा पर काफी आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी है और इसमें भारत को क्वाड का साथ मिल रहा है। वहीं, क्वाड की बैठक में हांगकांग, ताइवान, ताइवान स्ट्रेट और सेनकाकू विवादों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

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Quad leaders Meet

Quad leaders Meet: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शाम को हिरोशिमा में ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस, जापानी पीएम किशिदा फुमियो और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ क्वाड नेताओं की तीसरी व्यक्तिगत बैठक में भाग लेंगे।

शुक्रवार को एक बयान में, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा, कि "राष्ट्रपति बाइडेन की ऑस्ट्रेलिया यात्रा स्थगित होने के बाद क्वाड देश के नेता जापान के हिरोशिमा में बैठर करने के लिए तैयार हो गये। लिहाजा, अब वो हिरोशिमा में क्वाड की बैठक करेंगे और हम सुनिश्चित करेंगे, कि चारों नेता साथ आ सकें। इसलिए बाइडेन जी7 के अलावा चारों देशों के प्रधानमंत्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे।"

आपको बता दें, कि बाइडेन प्रशासन के आने के बाद से क्वाड को लेकर काम काफी तेजी से बढ़ा है, जिसका लक्ष्य इंडो-पैसिफिक में चीनी आक्रामकता का मुकाबला करना है।

व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है, कि "रणनीतिक आकलन साझा करने के साथ-साथ, क्वाड नेता सुरक्षित डिजिटल टेक्नोलॉजी, पनडुब्बी केबल, बुनियादी ढांचा क्षमता निर्माण और समुद्री डोमेन जागरूकता पर क्वाड सहयोग के नए रूपों का स्वागत करेंगे।"

इसके साथ ही व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा, कि जापान और भारत के प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में लचीलापन दिखाया, इसीलिए क्वाड की ये बैठक हिरोशिमा में हो पाई है। आपको बता दें, कि अमेरिका गंभीर आर्थिक संकट में फंस गया है और जून के पहले महीने में अमेरिका के डिफॉल्ट होने की आशंका जताई गई है, लिहाजा जो बाइडेन फिलहाल घरेलू राजनीति में उलझे हुए हैं।

जानिए क्या है क्वाड और क्या है इसका मकसद?

2007 में जापान के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने क्वाड का कंसेप्ट तैयार किया था, लेकिन उस वक्त चीन के दवाब में ऑस्ट्रेलिया ने अपने पैर पीछे खींच लिए थे, लिहाजा उस वक्त इसका गठन टाल दिया गया था।

लेकिन, 2012 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पहल पर हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के साथ मिलकर जापान ने एक 'डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड' स्थापित करने के लिए कंसेप्ट बनाया।

जिसके बाद नवंबर 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी भी बाहरी शक्ति के प्रभाव को खत्म करने के लिए क्वाड समूह की स्थापना की गई और आसियान शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले इसकी बैठक का आयोजन किया गया था।

वहीं, क्वाड में अगर भारत की भूमिका की बात करें, तो दक्षिण एशिया के साथ साथ विश्व के सबसे बड़े बाजारों में भारत का प्रमुख स्थान है और हाल के सालों में स्वास्थ्य, रक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी भारत एक बड़ी शक्ति बनकर उभरा है।

अमेरिका भी क्वाड की संभावनों को सिर्फ रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं रखता है, बल्कि 'फाइव आइज' में भी भारत को शामिल करना चाहता है, ताकि क्वाड को और ज्यादा मजबूत किया जा सके।

Quad leaders Meet

इसके अलावा, 2021 में अमेरिका के प्रयास पर कोविड-19 संकट से निपटने के लिए क्वाड प्लस संवाद की भी शुरूआत की गई थी, जिसमें ब्राजील, इजरायल, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और वियतनाम को शामिल किया गया था।

इसके अलावा ब्रिटेन, भारत समेत विश्व के 10 लोकतांत्रित देशों के साथ मिलकर एक गठबंधन बनाने पर भी विचार कर रहा है, जिसका उद्येश्य चीन पर निर्भरता को कम करते हुए, सभी देशों के सामूहिक योगदान के जरिए एक सुरक्षित 5G नेटवर्क का निर्माण करना है। वहीं, भारत भी चीन पर निर्भरता कम करने के लिए जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए तेजी से काम कर रहा है।

चीन क्वाड को नाटो जैसा सैन्य गठबंधन मानता है, लेकिन क्वाड असल में सैन्य गठबंधन से कहीं आगे है और आने वाले वक्त में ये चीन की अर्थव्यवस्था पर सीधा चोट करेगा।

इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध काफी खराब हो चुके हैं, वहीं अमेरिका भी चीन को लेकर काफी आक्रामक है, जबकि जापान और चीन पिछले कुछ महीनों में कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। लेकिन, भारत की तरफ से चीन के खिलाफ ना ही आक्रामक बयान दिया गया है और ना ही अपना पक्ष पूरी तरह से साफ किया गया है।

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लिहाजा ऐसी उम्मीद है कि इस बार क्वाड की बैठक में भारत चीन को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट कर सकता है, क्योंकि जापानी अखबार निक्केई एशिया को दिए गये इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने पहली बार चीन का नाम लिया है और कहा है, कि सीमा पर शांति के बिना चीन के साथ संबंध मजबूत नहीं हो सकते हैं। (तस्वीर- पिछले साल जापान में हुई क्वाड बैठक की)

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English summary
On the sidelines of the G7 summit, a Quad meeting will also be held in Hiroshima, Japan today.
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