ये रोगन पेंटिंग क्या है जिसे पीएम मोदी अपने विदेशी दौरे पर नेताओं को गिफ्ट कर रहे हैं?
क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा को रोगन पेंटिंग भेंट के साथ एक लकड़ी का एक शानदार नक्काशीदार बक्शा भेंट किया।
टोक्यो, 24 मईः क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा को रोगन पेंटिंग भेंट के साथ एक लकड़ी का एक शानदार नक्काशीदार बक्शा भेंट किया। मोदी ने इससे पहले अपने तीन दिवसीय यूरोपीय दौरे पर डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेथ द्वतीय को एक रोगन पेंटिंग भेंट की थी।
PM Modi gifted Japanese PM Fumio Kishida a wooden handcarved box with Rogan painting from Gujarat. pic.twitter.com/FsppS1SLhT
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 24, 2022
रोगन पेंटिंग का ईरान से है संबंध
रोगन पेंटिंग गुजरात के कच्छ जिले में प्रचलित कपड़ा छपाई की एक कला है। इस पेंटिंग का संबंध ईरानी से है। फारसी भाषा में 'रोगन' शब्द का मतलब 'तेल' होता है। ईरानी मूल की यह 'रोगन चित्रकला' लगभग 300 वर्ष पूर्व गुजरात के कच्छ इलाके में आयी थी। रोगन पेंटिंग बनाने की प्रक्रिया बहुत श्रमसाध्य और महीन होती है। यह चित्रकारी सिर्फ सूती व रेशमी वस्त्रों पर की जाती है।
अरंडी के तेल का होता है इस्तेमाल
रोगन पेंटिंग के लिए कच्छ इलाके में पाई जाने वाली अरंडी के तेल का इस्तेमाल होता है। अरंडी के तेल में प्राकृतिक रंगो को मिलाकर एक पेस्ट तैयार किया जाता है। कलाकार इस पेस्ट की थोड़ी सी मात्रा को अपनी हथेली पर रखते हैं। कमरे के तापमान पर पेंट को ध्यान से एक धातु की कलम की मदद से कपड़े पर एक निश्चित शैली में घुमाया जाता है। इसके बाद कारीगर अपने डिजायन को कपड़े पर आकार देता है।
बीसवीं सदी में चलन हो गया था समाप्त
इसके
अंतर्गत,
वस्त्रों
पर
फूल-पत्तियों
तथा
मोर,
हाथी
जैसे
जानवरों
के
ज्यामितीय
चित्र
अंकित
किये
जाते
हैं।
यह
चित्रकला
पूर्णतः
चित्रकार
की
कल्पना
पर
आधारित
होती
है।
रोगन
पेंटिंग
को
कला
का
उच्च
रूप
माना
जाता
है।
गौरतलब
है
कि
रोगन
पेंटिंग
का
चलन
20वीं
शताब्दी
के
अंत
तक
समाप्त
हो
चुका
था।
ओबामा को भी किया था भेंट
वर्तमान में कच्छ क्षेत्र के 'निरोना गाँव' निवासी एक सिंधी-मुस्लिम-खत्री परिवार इस कला के एकमात्र संरक्षक है। इसलिये यह कला निरोना रोगन चित्रकला के नाम से भी जानी जाती है। अब्दुल गफ्फूर दाऊद खत्री, जब्बर अरब खत्री आदि प्रसिद्ध रोगन चित्रकार हैं। इन चित्रकारों को पद्म पुरस्कारों सहित विभिन्न राष्ट्रीय व राजकीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। तीन दिवसीय यूरोपीय दौरे पर डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेथ द्वतीय को एक रोगन पेंटिंग भेंट की थी। इससे पहले 2014 में भारत दौरे पर आए बराक ओबामा को भी पीएम मोदी ने रोगन पेंटिंग गिफ्ट किया था।