टेक्नोलॉजी चुराकर भारत के खिलाफ विध्वंसक हथियार बना रहा है पाकिस्तान, नॉर्वे ने जारी की चेतावनी
नॉर्वे ने पाकिस्तान पर न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करने, न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी चुराने और भारत के खिलाफ विध्वंसक हथियार बनाने के आरोप लगाए हैं।
ओस्लो/नॉर्वे, अप्रैल 12: पाकिस्तान पर अपनी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ विध्वंसक हथियार बनाने के आरोप लगे हैं। ये खुलासा नॉर्वे की सिक्योरिटी एजेंसी ने किया है साथ ही दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजाते हुए कहा है कि पाकिस्तान को जल्द से जल्द रोकना होगा। नॉर्वे सिक्योरिटी एजेंसी ने पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया को सावधान करते हुए कहा है कि पाकिस्तान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का दोहरा इस्तेमाल कर रहा है और वो भारत के खिलाफ विध्वंसक हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है, इसके लिए पाकिस्तान अलग अलग देशों से न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी की चोरी भी कर रहा है।
न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल
नॉर्वे सिक्योरिटी एजेंसी की थ्रेट एसेसमेंट रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए नये नये परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ये सब शिक्षा और स्वास्थ्य में इस्तेमाल के बहाने कर रहा है, लेकिन इसका नतीजा मॉडर्न डिप्लोमेसी के लिए बेहद खतरनाक होने वाला है। फेबियन बॉस्सर्ट ने मॉडर्न डिप्लोमेसी को लेकर एक आर्टिकिल लिखा है, जिसमें बताया गया है कि नॉर्वे वो लेटेस्ट देश है, जिसने दुनिया को पाकिस्तान के न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है।
जर्मनी ने सबूतों के साथ किया था खुलासा
नॉर्वे इकलौता देश नहीं है जिसने पाकिस्तान पर न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के पाकिस्तान में ट्रांसफर होने से भयानक नुकसान की आशंका जताई है बल्कि कई और देश हैं, जो पाकिस्तान के न्यूक्लियर खतरों को लेकर दुनिया को आगाह कर चुके हैं। जर्मनी ने पिछले साल एक रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा था पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करते हुए भारत के खिलाफ वीपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन यानि डब्ल्यूएमडी तैयार करने में लगा हुआ है। जर्मनी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया था पाकिस्तान विध्वंसक हथियारों का निर्माण अपने पुराने दुश्मन भारत के खिलाफ कर रहा है। रिपोर्ट के साथ जर्मनी ने वो अकाउंट डिटेल्स और दस्तावेज भी जारी किए थे, जिसने बताया गया था कि पाकिस्तान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर सामानों को चुराने की कोशिश कर रहा है ताकि न्यूक्लियर हथियार बनाया जा सके।
चेकिया गणराज्य की रिपोर्ट
नॉर्वे और जर्मनी के अलावा चेकिया गणराज्य ने भी अपनी सालाना सिक्योरिटी इनफॉर्मेशन रिपोर्ट सर्विस-2019 में पूरी दुनिया को आगाह करते हुए कहा था कि न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को लेकर पाकिस्तान पूरी दुनिया को गुमराह कर रहा है और इंटरनेशनल कंट्रोल्ड न्यूक्लियर सामानों और टेक्नोलॉजी को खरीद रहा है ताकि वो अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को आगे बढ़ा सके।
यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट
वहीं 2019 में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने पांच ऐसे लोगों की पहचान की थी जिनका पाकिस्तान से संबंध था और जो एक ऐसे नेटवर्क का संचालन कर रहे थे जिसके जरिए न्यूक्लियर सामान पाकिस्तान तक पहुंचाया जा सके। यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में कहा गया था कि ये पांचों संदिग्ध असली जगह का पता छिपाते हुए न्यूक्लियर सामनों की खेप पाकिस्तान तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने खुलासा करते हुए कहा था कि ये नेटवर्क सामानों को पाकिस्तान के एडवांस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानि एईआरओ और पाकिस्तान एटोमिक इनर्जी कमीशन पीएईसी तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं और इनके पास कोई लाइंसेस नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की दोनों ऑर्गेनाइजेशन एईआरओ और पीएईसी यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट की लिस्ट में शामिल हैं, जिन्हें कोई भी सामान खरीदने से पहले या लेनेसे पहले यूएस नेशनल सिक्योरिटी या फिर फॉरेन पॉलिसी से इजाजत लेनी होगी। यानि ये दोनों ऑर्गेनाइजेशन अमेरिका की संदिग्धों की लिस्ट में शामिल हैं।
गरीबी का बहाना
नॉर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और सामान हासिल करने के लिए अपनी गरीबी का बहाना बना रहा है। अपनी गरीबी, छात्रों की पढ़ाई और अपनी खराब स्वास्थ्य व्यवस्था का हवाला देकर पाकिस्तान इन टेक्नोलॉजी की चोरी करने की कोशिश में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की सरकार न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का दोहरा इस्तेमाल अपनी गरीबी दूर करने, स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के नाम पर कर रही है लेकिन पाकिस्तान का ये कदम काफी ज्यादा खतरनाक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के आतंकियों के हाथ में जाने का सबसे बड़ा डर है क्योंकि पाकिस्तान की बैकग्राउंड की आतंकवादियों की मदद करना रहा है और इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों के हाथ में हमेशा टेक्नोलॉजी सौंप दी है और बाद में चोरी होने का बहाना बनाने लगा। नॉर्वे की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि टेक्नोलॉजी चुराने में पाकिस्तान हमेशा से आगे रहा है और वो अभी भी यही कर रहा है।
प्रतिबंध लगाने की मांग
नॉर्वे ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में शासन व्यवस्था काफी खराब है और पाकिस्तान की शासन व्यवस्था हमेशा से नाकामयाब रही है, लिहाजा पश्चिमी देशों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब यह देखना है कि नॉर्वे के इस रिपोर्ट के आने के बाद क्या पाकिस्तान पर कोई प्रतिबंध लगाया जाता है या फिर पाकिस्तान ऐसे ही दुनिया को गुमराह करते हुए न्यूक्लियर प्रोग्राम को आगे बढ़ाएगा और पूरी दुनिया के सामने विक्टिम कार्ड खेलता रहेगा।