
'भारत का जैसा गरिमापूर्ण रिश्ता अमेरिका से है, वैसा ही रिश्ता हम भी चाहते हैं', बोले इमरान खान
Imran Khan News: भारत की विदेश नीति की दर्जनों बार तारीफ कर चुके पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने माना है, कि भारत का अमेरिका के साथ सम्मानजनक रिश्ता है, लेकिन पाकिस्तान का ऐसा रिश्ता नहीं है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा है, कि वह चाहते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान के साथ भी "गरिमापूर्ण संबंध" रखे, जैसा कि वह भारत के साथ साझा करता है।

इमरान खान ने क्या कहा?
ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा है कि, भारत के अमेरिका के साथ बेहद 'प्रतिष्ठित संबंध' हैं। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि, 'मैं मूल रूप से भारत की तरह अमेरिका के साथ एक गरिमापूर्ण संबंध चाहता हूं और भारत का अमेरिका के साथ बहुत ही गरिमापूर्ण संबंध है।' वहीं, उन्होंने कहा कि, 'अमेरिका का पाकिस्तान के साथ गुलामों जैसा रिश्ता है।' उन्होंने अपने इंटरव्यू में खुले तौर पर कहा कि, "अमेरिका का पाकिस्तान के साथ गुलामों जैसा बर्ताव है।" हालांकि, उन्होंने इंटरव्यू के दौरान इस तरह के भी संकेत दिए, कि अगर उनकी सरकार फिर से बनती है, तो वो वॉशिंगटन के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। अपनी सरकार गिराने के पीछे अमेरिकी हाथ बताने वाले इमरान खान ने इंटरव्यू के दौरान यूटर्न लेते हुए कहा कि, "अब मैं अमेरिका को दोषी नहीं मानता हूं और अब वो बातें पीछे छूट गईं हैं।"

भारत की फिर से तारीफ
चल रहे यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूसी तेल आयात करने के भारत के फैसले का हवाला देते हुए इमरान खान ने कहा कि, भारत अमेरिका को रूसी तेल पर "नहीं" कहता है, और अपने लोगों की प्राथमिकताओं के लिए काम करता है। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान अमेरिका के साथ भागीदार बनना चाहता है लेकिन ऐसे मौके आने चाहिए जहां पाकिस्तान को भी "ना कहने की इजाजत हो।" पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख ने इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच संबंधों को एक "मालिक-नौकर" के रूप में करार देते हुए दावा किया कि, पाकिस्तान को "किराए की बंदूक" की तरह इस्तेमाल किया गया है और इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान की पिछली सरकारों को दोषी ठहराया।

'मालिक और नौकर की तरह हैं संबंध'
इमरान खान ने इंटरव्यू के दौरान साफ शब्दों में कहा कि, "अमेरिका के साथ हमारा संबंध एक मालिक और नौकर जैसा है, जैसे मालिक के सामने गुलामों की हैसियत होती है, और अमेरिका ने हमें किराए की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया गया है। लेकिन इसके लिए मैं अमेरिका की तुलना में अपनी खुद की सरकारों को दोष देता हूं।" उन्होंने इंटरव्यू में ये भी कहा कि, 'पाकिस्तान के बिना अमेरिका अपने सपनों को हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकता है।' पाकिस्तान मामलों के जानकार के मुताबिक, इमरान खान ने पाकिस्तान की तुलना गुलामों से करके एक बार फिर से अपनी पिछली सरकारों को नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना को जलील किया है, क्योंकि पाकिस्तान की विदेश नीति पाकिस्तान की सेना ही तैयार करती है, खासकर अमेरिका को पाकिस्तान में एयरबेस मुहैया कराने का फैसला पाकिस्तान की सेना का था, जिसका हवाला इमरान खान दे रहे हैं।

फंस चुके हैं इमरान खान?
वहीं, पाकिस्तान की मौजूदा सरकार अमेरिका पर इमरान खान के बदले बयान को लेकर काफी सख्त है और सरकार की तरफ से कहा गया है, कि इमरान खान ने पिछले दिनों जो भी आरोप लगाए हैं और पाकिस्तान में अमेरिका की साजिश की जितनी भी बातें की हैं, अब वो इससे बचकर नहीं जा सकते हैं और उन्हें अपने लगाए गये सभी आरोपों का सबूत देना होगा, क्योंकि ये मामला पाकिस्तान की संप्रभुता से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि, शहबाज शरीफ की सरकार ने इमरान खान के आरोपों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया हुआ है, जिसमें पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के जज भी शामिल हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा है कि, पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने को लेकर एक भ्रामक कहानी फैलाने के लिए हिसाब देना होगा, क्योंकि उनकी फर्जी कहानी से देश और संसद की बदनामी हुई है और देश शर्मिंदा हुआ है।
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