ना अभी चुनाव होंगे, ना ‘आजादी मार्च’ की इजाजत, पाकिस्तान में इमरान खान की लोकप्रियता से डरे शहबाज?
इस्लामाबाद, मई 24: जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमत्री थे, को विपक्ष की तरफ से बार बार चुनाव की मांग की जा रही थी, लेकिन अब जब इमरान खान प्रधानमंत्री नहीं रहे और वो चुनाव की मांग कर रहे हैं, तो शहबाज शरीफ की सरकार ने इस साल चुनाव करवाने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं, इमरान खान की प्रस्तावित 'आजादी मार्च' रैली को भी सरकार ने इजाजत नहीं दी है। ऐसे में सवाल ये उठता है, कि आखिर इमरान खान की लोकप्रियता से किसे डर लग रहा है?

चुनाव करवाने से इनकार
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की तत्काल चुनाव कराने की मांग को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि, सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने कहा कि चुनाव अगस्त 2023 में ही होंगे, जब उनकी सरकार बाकी का कार्यकाल पूरा कर लेगी। पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि, सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के सहयोगियों ने कहा कि, चूंकि पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पहले ही तारीखों की घोषणा कर दी थी, लिहाजा अगस्त तक परिसीमन करवाना और फिरजल्दी चुनाव कराना संभव नहीं है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि शहबाज शरीफ बुधवार को गठबंधन सरकार की एक बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं, ताकि अगले आम चुनाव के संबंध में कार्रवाई का फैसला किया जा सके।

इमरान खान कर रहे हैं चुनाव की मांग
सत्ता से हटा दिए जाने के बाद से इमरान खान लगातार शहबाज शरीफ की सरकार पर आक्रामक हैं और बिजली की रफ्तार से पूरे पाकिस्तान में रैलियां कर रहे हैं। पहले तो इमरान खान के विपक्षियों ने कहा कि, उनकी रैली में लोग नहीं जुट रहे हैं, लेकिन धीरे धीरे उन्होंने मानना शुरू कर दिया, कि इमरान खान तगड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। पाकिस्तान के कुछ पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ने अब कहना शुरू कर दिया है, कि इमरान खान एक तरह से जनता को ये मैसेद देने में कामयाब हो गये हैं, कि अमेरिका के इशारे पर ही उनकी सरकार गिराई गई है। इतना ही नहीं, इमरान खान यह संदेश भी देने में सफल हुए हैं, कि उनके सभी विरोधी देशद्रोही हैं और अभी की जो पाकिस्तान की सरकार है, वो अमेरिका के इशारे पर काम कर रही है। वहीं, इमरान खान ने मौजूदा सरकार के खिलाफ 'आजादी मार्च' रैली का आह्वान किया है, लेकिन जियो न्यूज के मुताबिक, सरकार ने इमरान खान की रैली को इजाजत देने से इनकार कर दिया है।

आजादी मार्च रैली को इजाजत नहीं
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जल्दी चुनाव कराने के लिए पीटीआई के बढ़ते प्रेशन के बीज पीएमएल-एन सरकार ने इस्लामाबाद में इमरान खान के आजादी मार्च को रोकने का फैसला किया है। वहीं, सोमवार को इमरान खान की पार्टी के कम से कम 100 नेताओं के घर में छापेमारी की गई है। वहीं, इमरान खान ने कह दिया है, कि वो आजादी मार्च रैली किसी भी हाल में करेंगे, जिसके बाद राजधानी इस्लामाबाद की सुरक्षा काफी ज्यादा बढ़ा दी गई और जियो न्यूज के मुताबिक, कल रात से देश भर में पीटीआई सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि इस्लामाबाद में लाखों लोगों के जुटने की संभावना है। वहीं, पाकिस्तान सरकार का कहना है कि, इमरान खान देश के अंदर गृहयुद्ध करवाना चाहते हैं और सरकार ऐसा किसी भी हाल में नहीं होने देगी।
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इमरान के ऐलान से बेचैन शहबाज सरकार?
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि, इमरान खान की रैली की वजह से पूरे पाकिस्तान में खून-खराबा हो सकता है। जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि, सरकार में इस बात पर सहमति बनी है, कि "जनता की सुरक्षा" सुनिश्चित की जानी चाहिए। वहीं, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, 'ऐसी रणनीति अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बराबर है'। वहीं, शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि राज्य के आदेश का किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा और हर अवैध कार्रवाई का रास्ता अवरुद्ध कर दिया जाएगा। वहीं, इस बात की पूरी संभावना है, कि रैली से पहले इमरान खान को गिरफ्तार किया जा सकता है।

होकर रहेगी आजादी मार्च- कुरैशी
जियो न्यूज की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार रात से पीटीआई के 100 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर पर छापे और गिरफ्तारी के बावजूद, पीटीआई नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि लॉन्ग मार्च योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा। पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी ने पेशावर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, मौजूदा सरकार ने पीटीआई के लांग मार्च पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है और सरकार का ये फैसला जनता की स्वतंत्रता, मौलिक, संवैधानिक और कानूनी अधिकार का उल्लंघन है। कुरैशी ने कहा कि, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम रुकेंगे नहीं और हमारा मार्च योजना के अनुसार जारी रहेगा'।

क्या इमरान की लोकप्रियता से है डर?
इमरान खान ने सीएनएन को दिए गये इंटरव्यू में एक बार फिर से कहा है कि, अमेरिका ने ही उनकी सरकार को साजिश के तहत गिराने का काम किया है और 'गुंडों' को पाकिस्तान की सत्ता पर बिठा दिया गया है। इमरान खान ने सीएनएन को दिए गये इंटरव्यू में कहा कि, भले ही अमेरिका ने उनकी सरकार को गिरा दिया हो, लेकिन अगले चुनाव में वो विपक्ष का सूपड़ा साफ कर देंगे। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या वाकई इमरान खान के विरोधी उनकी लोकप्रियता से डर गये है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का तो कम से कम यही मानना है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और इमरान खान के मुखर आलोचक रहे नजिम सेठी ने भी इस बात को माना है, कि सत्ता से जाने के बाद लग रहा था, कि इमरान खान की राजनीति खत्म हो जाएगी, लेकिन उन्होंने पूरा गेम ही पलट दिया है। उन्होंने कहा कि, इमरान खान की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया है और पाकिस्तान में ऐसा पहली बार ही हुआ है, जब सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
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पीटीआई के आक्रामक तेवर
वहीं, इमरान खान के करीबी शाह महमूद कुरैशी, जो इमरान सरकार में विदेश मंत्री थे, उन्होंने मौजूदा सरकार से कहा कि, "लोगों को यह तय करने दें कि वे किसे चाहते हैं" और ये फैसला लोकतांत्रिक तरीके को लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता पहले ही बंद दरवाजे की राजनीति को खारिज कर चुकी है। कुरैशी ने कहा कि, 'यह अब अभियान सिर्फ पीटीआई का नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक हो गया है।" कुरैशी ने पीटीआई कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा कि, उन्हें अंडरग्राउंड रहना चाहिए और गिरफ्तारी से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छापेमारी की जा रही है और बंद दरवाजों से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का दमन किया जा रहा है।