उत्तर कोरिया ने जापानी सागर में दागी दुनिया की सबसे तेज स्पीड वाली मिसाइल! गरजे किम जोंग उन
जापान के तटरक्षक बल ने इस बात की पुष्टि की है, कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया है। जापानी कोस्ट गार्ड ने कहा कि, उत्तर कोरिया ने "संभावित रूप से एक बैलिस्टिक मिसाइल" लॉन्च किया है।
प्योंगयोंग, मई 04: उत्तर कोरिया ने बुधवार को बैलिस्टिक मिसाइल दागी है, जिसकी पुष्टि दक्षिण कोरिया की सेना ने की है। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पिछले हफ्ते ही कसम खाई थी, वो सबसे तेज रफ्तार वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करेंगे और एक हफ्ते के बाद ही उत्तर कोरिया ने मिसाइल का परीक्षण किया है और आशंका है कि, शायद उत्तर कोरिया ने सबसे तेज रफ्तार वाली मिसाइल का ही परीक्षण किया है।
उत्तर कोरिया ने दागी मिसाइल
उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिका ने फिर से नये प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि, किम जोंग उन पर इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं हो रहा है और बार बार अमेरिका और दक्षिण कोरियाई अधिकारियों द्वारा चेतावनी देने के बाद भी प्योंगयांग परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है। ऐसी आशंका है कि, अगले कुछ महीने में उत्तर कोरिया परमाणु बम का परीक्षण करने वाला है और उसके लिए काफी तेज रफ्तार से एक सुरंग का पुननिर्माण किया जा रहा है। वहीं, दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि, 'उत्तर कोरिया द्वारा आज सुनान के आसपास से पूर्वी सागर (जापान सागर) की ओर 1203 (0303 GMT) पर दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल का पता चला है'। दक्षिण कोरिया ने ये भी कहा है कि, 'वर्तमान में, हमारी सेना अतिरिक्त लॉन्च की तैयारी में संबंधित स्टाइकों पर नजर रखने और निगरानी करके तैयारी की मुद्रा बनाए हुए है'।
बैलिस्टिक मिसाइल का किया परीक्षण?
जापान के तटरक्षक बल ने इस बात की पुष्टि की है, कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया है। जापानी कोस्ट गार्ड ने कहा कि, उत्तर कोरिया ने "संभावित रूप से एक बैलिस्टिक मिसाइल" लॉन्च किया है। आपको बता दें कि, परमाणु शक्ति संपन्न देश उत्तर कोरिया ने इसी साल मार्च में लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल लांच कर काफी धमाकेदार अंदाज में वापसी की थी और अपनी सबसे शक्तिशाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की पूरी रेंज में परीक्षण-फायरिंग की थी, जिसकी मारक क्षमता अमेरिका में भी बम बरसाने की है। उत्तर कोरिया के उस परीक्षण से अमेरिका भी घबरा गया था और उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ और भी नये प्रतिबंधों के ऐलान कर दिए।
ट्रंप शासनकाल में परीक्षण पर रोक
आपको बता दें कि, उत्तर कोरिया ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में इस तरह के परीक्षणों पर रोक लगा दी और किम जोंग उन की डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकातें भी हुई थी, लेकिन जो बाइडेन के अमेरिकी सत्ता में वापसी के साथ ही उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से मिसाइलों का परीक्षण करना शुरू कर दिया है। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत फिर से बंद हो चुकी है और प्रतिबंधों के बावजूद, उत्तर कोरिया ने अपने सैन्य आधुनिकीकरण अभियान को दोगुना कर दिया है।
फिर परमाणु बम का परीक्षण
किम जोंग उन ने पिछले हफ्ते एक सैन्य परेड में ऐलान किया था, कि उत्तर कोरिया में परमाणु हथियारों का निर्माण काफी तेजी के साथ किया जाएगा। किम जोंग उन ने सैन्य परेड के दौरान कहा था, कि परमाणु बल, उत्तर कोरिया की राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक और हमारी सैन्य शक्ति का मूल, गुणवत्ता और पैमाने दोनों के संदर्भ में इसे मजबूत किया जाना चाहिए। अब तक किम जोंग उन से परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने के उद्येश्य से कई बार बातचीत की गई है, लेकिन उन बातचीतों का कोई नतीजा नहीं निकला। उत्तर कोरिया को लेकर गहन अध्ययन करने वाले वाले विश्लेषक अहं चान-इल ने एएफपी को बताया कि, 'इस बात की काफी संभावना है कि, उन्होंने एक ऐसी मिसाइल का परीक्षण किया है, जो परमाणु हथियार से लैस हो सकती है'।
पहले कर सकते हैं परमाणु बम का इस्तेमाल
पिछले हफ्ते ही किम जोंग उन ने सार्वजनिक तौर पर अपने देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि, शत्रुतापूर्ण ताकतों का मुकाबला करने के लिए वो परमाणु बम का इस्तेमाल 'पहले' भी कर सकता है। आपको बता दें कि, पिछले महीने भी जब दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने थे, उस वक्त भी उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था और जब दक्षिण कोरिया के यूं सुक-योल राष्ट्रपति पद की शपथ अगले हफ्ते लेने वाले हैं, उससे पहले भी उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। माना जा रहा है, कि दक्षिण कोरिया की नई सरकार पर प्रेशर बनाने के लिए ऐसा किया गया है।
चेतावनी भरा संदेश
कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के हांग मिन ने कहा, "यह यूं के लिए एक चेतावनी संदेश हो सकता है'। हांग मिन ने कहा कि, यून ने संकेत दिया है कि वह केवल शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, बल्कि अगर उत्तर कोरिया पुष्टि करता है कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए तैयार है, तो उन्हें उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करने में काफी खुशी होगी। हालांकि, ये एक ऐसी शर्त है, जिसे उत्तर कोरिया ने कभी भी स्वीकार नहीं का है और हांग मिन ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा, कि भविष्ट में भी उत्तर कोरिया इस मांग को स्वीकार नहीं करेगा।
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