
Nepal Election: नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन? केपी शर्मा के चैलेंज पर खामोश क्यों है सत्ताधारी गठबंधन?
नेपाल में होने वाले आमचुनाव में अब एक सप्ताह से भी कम वक्त बच गया है। 20 नवंबर को होने वाले इस मतदान में कुल 275 संसदीय और 330 प्रांतीय सीटें हैं। 2017 में हुए पिछले आम चुनाव में यूएमएल सबसे बड़ा दल बन कर उभरा थी और इसके नेता केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि पार्टी में दरार पड़ जाने के कारण 3 साल बाद ही उनकी सरकार गिर गई। तब नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में पांच दलों के गठबंधन ने नई सरकार बनाई और शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री के पद पर चुने गए।

सत्ताधारी ने पीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं की
इस बार के चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन ने किसी नेता को प्रधानमंत्री पद का नेता घोषित नहीं किया है। इसकी वजह ये है कि कई नेता खुद को अगले प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे हैं। जबकि ऐसी खबरें भी आई हैं कि प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और माओइस्ट सेंटर के नेता पुष्प कमल दहल दोनों ने आधे-आधे वक्त के लिए पीएम पद को बांट लिया है।

खुलकर चुनौती दे रहे ओली
हालांकि इसके अलावा गठबंधन में रामचंद्र पौडेल, गगन थापा और प्रकाश मान सिंह जैसे कई अन्य नेता हैं जो पीएम पद की चाह खुल कर रखते हैं। वहीं, विपक्षी दल यूएमएल ने केपी शर्मा ओली को इस आम चुनाव में अपना प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। वह अब खुल कर अपने विरोधी गठबंधन को पीएम पद का दावेदार घोषित करने की चुनौती दे रहे हैं। केपी शर्मा ओली ने कई बार कटाक्ष करते हुए पूछा है कि सत्ताधारी गठबंधन प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार का नाम क्यों नहीं बता रहा है।

ओली की पार्टी ने 150 सीट जीतने का दावा किया
नेपाल के चुनाव आचार संहिता के अनुसार देश में ओपिनियन पोल या एग्जिट पोल जारी करने की अनुमति किसी संगठन या मीडिया को नहीं है। लेकिन राजनीतिक दलों के आंतरिक आकलन के अलावा सुरक्षा एजेंसियां भी नियमित रूप से खुद को चुनाव के बारे में अपडेट करती रहती हैं। ऐसे वक्त में जब नेपाल में 6 दिन बाद वोटिंग होनी है, कई चुनावी प्रेडिक्शन सत्ता के गलियारों में घूम रहे हैं। ओली की पार्टी यूएमएल का दावा है कि वह150 सीटें जीतेगी। यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली दावा करते रहे हैं कि पार्टी बहुमत वाली सीटें जीतेगी और अकेले दम पर या जनता समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के समर्थन से सरकार बनाएगी।

नेपाली कांग्रेस ने भी किया सबसे बड़े दल होने का दावा
वहीं नेपाली कांग्रेस जो 2017 के चुनावों में दूसरे स्थान पर रही थी, सबसे बड़ी पार्टी होने के दावे कर रही है। पार्टी के नेताओं और राजनीतिक दलों और राज्य एजेंसियों द्वारा किए गए कुछ सर्वेक्षणों ने संकेत दिया है कि कांग्रेस संसद में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। केवल 91 सीटों पर चुनाव लड़ रही पार्टी ने 71 सीटें जीतने का दावा किया है। पिछले स्थानीय चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। हालांकि पार्टी चार अन्य दलों के साथ संयुक्त रूप से चुनाव लड़ रही है, लेकिन इसके मूल वोट अन्य पार्टियों को हस्तांतरित होने की संभावना नहीं है।

राज्य एजेंसी ने क्या अनुमान लगाया?
विभिन्न प्रकार के चुनावी अनुमानों ने सत्तारूढ़ गठबंधन को चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में निश्चित बहुमत दिया है। एक अन्य सत्तारूढ़ पार्टी, सीपीएन (माओवादी सेंटर), जो 47 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने 30 सीट जीतने के दावे कर रही है। राज्य एजेंसियों का अनुमान है कि सत्तारूढ़ गठबंधन फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट के तहत 105 सीटें जीतेगा, जबकि चार पार्टियों का यूएमएल गठबंधन 57 सीटों पर जीत हासिल करेगा। तीन सीटें मजदूर किसान पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी को मिलने का अनुमान है।