अमेरिका में लगे मुस्लिम लव जीजस के बैनर, मैरी को पहना दिया हिजाब, जाने किसने शुरू की ये मुहिम?
टेक्सास सहित देश की व्यस्ततम सड़कों पर लगी इन होर्डिंग्स में ‘मुस्लिम लव जीसस’ (मुस्लिम यीशु से प्रेम करते हैं) लिखा हुआ है। इन होर्डिंग्स में आगे लिखा है- 'एक ईश्वर और उसकी पैगंबरी का संदेश'।
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अमेरिका के कई शहरों में इस्लाम और ईसाई धर्म के बीच समानता के संदेश वाले होर्डिंग लगाए गए हैं जो लोगों का खूब ध्यान खींच रहे हैं। टेक्सास सहित देश की व्यस्ततम सड़कों पर लगी इन होर्डिंग्स में 'मुस्लिम लव जीसस' (मुस्लिम यीशु से प्रेम करते हैं) लिखा हुआ है। इन होर्डिंग्स में आगे लिखा है- 'एक ईश्वर और उसकी पैगंबरी का संदेश'। आखिर इस होर्डिंग्स को किसने और क्यों लगाया, होर्डिंग लगाने वाले किसे क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको हम आगे बताते हैं।
कई शहरों में लगाए गए पोस्टर
अमेरिका के विभिन्न शहरों में ये होर्डिंग इस्लाम और ईसाई धर्म के बीच समानता के संदेश देने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। पीटीआई के मुताबिक ये होर्डिंग्स एक इस्लामिक शिक्षा केंद्र गेनपीस द्वारा लगाए गए हैं। इलिनोइस स्थित इस्लामिक शिक्षा केंद्र 'गेनपीस' शिकागो, डलास और न्यू जर्सी समेत पूरे अमेरिका में धर्मों की साझा जड़ों को उजागर करने और गलत धारणाओं को दूर करने के लिए इस तरह के होर्डिंग लगा रहा है।
मदर मैरी को पहनाया हिजाब
एक बिलबोर्ड में तो मैरी को हिजाब पहने हुए दिखाया गया है और लिखा है, ‘‘भाग्यशाली मैरी ने हिजाब पहना था। क्या आप इसका सम्मान करेंगे?'' इसी तरह के एक अन्य बिलबोर्ड में इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल माने जानी जाने वाली एवं सऊदी अरब में स्थित काबा की इमारत की एक तस्वीर लगाई गई है। इस बिलबोर्ड पर संदेश लिखा है, 'इब्राहिम द्वारा निर्मित, एक ईश्वर की पूजा करने के लिए समर्पित, लाखों मुसलमानों की वार्षिक तीर्थयात्रा का स्थल।'
इसाइयों और मुसलमानों के लिए खास संदेश
रिपोर्ट के मुताबिक ‘गेनपीस' एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका मुख्य लक्ष्य आम जनता को इस्लाम की जानकारी देना और इस संबंध में किसी भी संदेह या गलत धारणा को दूर करना है। गेनपीस ने ऐसे होर्डिंग्स लगाने के लिए उन शहरों को चुना, जहां संगठन की मजबूत उपस्थिति है और बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग रहते हैं। बहरहाल इन पोस्टरों की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। ह्यूस्टन में ‘गेनपीस' के एक स्वयंसेवक ने कहा कि उन्हें कई लोग फोन करके यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि मुस्लिम और इस्लाम धर्मों के बीच क्या समानता है।
इस्लाम के प्रति समझ बढ़ाना मकसद
स्वंयसेवक ने कहा कि जब वे लोगों को समझाते हैं कि मुसलमान होने के लिए, हमें यीशु और मैरी में विश्वास करना होगा, तो सुनने वाले चकित हो जाते हैं। जानकारी के मुताबिक ह्यूस्टन में लगे ये बिलबोर्ड जनवरी के अंत तक रहेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है। गेनपीस के निदेशक डॉ.सबील अहमद ने कहा, ‘‘इस्लाम धर्म को अक्सर गलत समझा जाता है, जिससे कुछ लोग इस्लाम के बारे में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण रखते हैं और मुसलमानों से भेदभाव करते हैं एवं उन्हें संदेह से देखते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस विज्ञापन अभियान के जरिए इन होर्डिंगों पर प्रदर्शित सरल संदेशों के माध्यम से इस्लाम को आम जनता के सामने एक नए और सकारात्मक रूप से दिखाया गया है।
धर्मगुरू
जो
खुद
को
बताता
था
गौतम
बुद्ध
का
अवतार,
एक
ही
इशारे
पर
918
लोगों
ने
ले
ली
थी
अपनी
जान
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