चीन और अमेरिका को रास नहीं आई पाकिस्तान की 'मैंगो डिप्लोमेसी', वापस लौटाए तोहफे में भेजे गए आम
इस्लामाबाद, 13 जून। कोरोना वायरस महामारी और गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अब दुनिया से मदद प्राप्त करने के लिए एक नई तरकीब निकाली है। नई कूटनीति के तहत पाकिस्तान दुनियाभर के देशों को तोहफे में आम की अलग-अलग किस्मे भेज रहा है। हालांकि खुद उसके मित्र देश चीन और अमेरिका को पाकिस्तान की ये 'मैंगो डिप्लोमेसी' रास नहीं आई है। बता दें कि पाकिस्तान ने 'आम कूटनीति' के तहत दुनियाभर के 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को तोहफे में आम भेजे थे लेकिन अमेरिका, चीन के साथ-साथ कई अन्य देशों ने आमों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान विदेश मंत्रालय (एफओ) ने बुधवार को फलों के बक्से भेजे थे, लेकिन अमेरिका और चीन जैसे देशों ने अपने कोरोना वायरस क्वारंटीन नियमों का हवाला देते हुए तोहफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी की ओर से 32 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों को 'चौंसा' आम भेजे गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आमों की पेटी को ईरान, खाड़ी देशों, तुर्की, अमेरिका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस भेजा गया था।
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सूत्रों के हवाले से ऐसा भी कहा गया कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की इस लिस्ट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन का भी नाम था लेकिन पेरिस से पाकिस्तान के इरादे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। आपको बता दें कि चीन और अमेरिका के अलावा कनाडा, नेपाल, मिस्र, और श्रीलंका ने भी पाकिस्तान के आमों को स्वीकार करने पर खेद प्रकट किया। बता दें कि पाकिस्तान द्वारा भेजे जाने वाले आमों की किस्मों में पहले, आम की किस्में 'अनवर रत्तोल' और 'सिंधारी' भी खेप का हिस्सा थीं, लेकिन इस बार दोनों को हटा दिया गया है।