अफगानिस्तान, पाक, बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने वाली अधिसूचना के खिलाफ SC पहुंची मुस्लिम लीग
आईयूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उस अधिसूचना को चुनौती दी है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने की इजाजत देती है।
नई दिल्ली, 1 जून। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गृह मंत्रालय की उस अधिसूचना को चुनौती दी है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने की इजाजत देती है।
आईयूएमएल ने केंद्र सरकार की उस नोटिफिकेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जो भारत के कुछ राज्यों में रह रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, ईसाई, बौध, जैन और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देती है।
13
जिलों
में
रह
रहे
गैर
मुस्लिम
कर
सकेंगे
आवेदन
बता
दें
कि
बीते
शुक्रवार
को
केंद्र
सरकार
ने
गुजरात,
राजस्थान,
छत्तीसगढ़,
पंजाब
और
हरियाणा
के
13
जिलों
में
रह
रहे
पाकिस्तान,
अफगानिस्तान
और
बांग्लादेश
के
गैर
मुस्लिम
अल्पसंख्कों
को
भारत
की
नागरिकता
के
लिए
आवेदन
आमंत्रित
किए।
गृह
मंत्रालय
ने
संबंधित
जिलों
के
जिलाधिकारियों
को
नागरिकता
अधिनियम,
1955
के
तहत
ऐसे
आवेदनों
को
तत्काल
प्रभाव
से
स्वीकार
करने
को
कहा
था।
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आईयूएमएल
ने
क्या
दी
दलील
आईयूएमएल
ने
सरकार
द्वारा
जारी
अधिसूचना
को
चुनौती
देते
हुए
कहा
कि
नागरिकता
अधिनियम
के
प्रावधान
में
धर्म
के
आधार
पर
आवेदकों
के
वर्गीकरण
की
अनुमति
नहीं
है।
आईयूएमएल
ने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
की
यह
अधिसूचना
संविधान
के
अनुच्छेद-14
(समानता
के
अधिकार)
का
उल्लंघन
करती
है।