रेस्टोरेंट में लंच करने बैठा युवक, मुंह में आ गया 2.5 लाख का मोती
न्यूयॉर्क। कहते हैं कि सच्चा मोती आसानी से नहीं मिलता है और जब मिलता है तो इसे किस्मत का खुलना कहते हैं। न्यूयॉर्क के ग्रैंड सेंट्रल ऑइस्टर बार में लंच करने गए रिक एंटोश के साथ कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। रिक यहां पर डिनर करने गए थे। डिनर करते समय उनके मुंह में कुछ अटक गया। पहले तो उन्हें लगा कि यह पत्थर हो सकता है लेकिन यह सच्चा मोती था। रिक का डिनर पूरी तरह से किस्मत के खजाने जैसा साबित हुआ जो उनके लिए एक अनमोल तोहफा लेकर आया। रिक के साथ यह घटना दिसंबर की शुरुआत में घटी और वह इसे क्रिसमस का तोहफा भी मान रहे हैं तो सैंटा ने उन्हें दिया है।
पहले लगा मुंह में आ गया दांत
66 वर्षीय रिक एक रिटायर्ड हॉस्पिटैलिटी एग्जिक्यूटिव हैं। वह अपने एक दोस्त के साथ न्यूयॉर्क के ग्रैंड सेंट्रल ओइस्टर बार में लंच करने गए थे। रिक ने सीएनएन के साथ बातचीत में कहा, 'अचानक से मुझे लगा कि मेरे मुंह में कुछ आ गया है। पहले तो मुझे लगा कि हो सकता है मेरा दांत हो और यह जो भी था, उसके बारे में सोचकर मुझे डर लगा।' रिक ने आगे बताया, 'तभी मुझे इस बात का अहसास हुआ कि हे भगवान यह दांत नहीं है बल्कि एक मोती है।' एंटोश और उनके दोस्त ने लंच में ओइस्टर पैन रोस्ट ऑर्डर किया था।
10,000 में से एक में मिलता है मोती
एंटोश ने इसके बाद मैनेजर को बुलाया और उससे पूछा कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। मैनेजर ने भी उनसे कहा कि उसने आज तक इस बारे में पहले कभी नहीं सुना। मैरीलैंड सेंटर फॉर एनवॉयरमेंटल साइंस में प्रोफेसर मैथ्यू ग्रे ने बताया कि खाने लायक घोंघे में मोती मिलना बहुत ही दुर्लभ घटना है। उनका कहना था कि 10,000 घोंघो में से एक घोंघे में यह मिल सकता है। ग्रे के मुताबिक एंटोश वाकई बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें रोस्टेड ओइस्टर में मोती मिला हैं। एंटोश का कहना है कि अब वह फिर से ओइस्टर बार में लंच करने जाएंगे ताकि उन्हें और मोती मिल सके।
कीमत जानकर पैरों तले निकली जमीन
एंटोश को इस मोती की कीमत के बारे में नहीं मालूम था। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि मोती की कीमत 2,000 डॉलर से 4,000 डॉलर के बीच है तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। भारतीय रुपयों में इसकी कीमत 1.50 लाख से दो लाख रुपयों के बीच बैठती है।इस रेस्टोरेंट के एग्जिक्यूटिव शेफ सैंडी इंगबर ने न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में कहा, 'मैं यहां पर पिछले 28 वर्षों से हूं और यह बस दूसरा मौका है जब मेरे सामने ऐसी घटना हुई है। हम रोजाना करीब 5,000 घोंघे बेचते हैं।' घोंघा अपने शरीर से निकलने वाले एक चिकने तरल पदार्थ द्वारा अपने घर का निर्माण करता है। धीरे-धीरे यह तरल पदार्थ कठोर हो जाता और मोती में बदल जाता है।