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दक्षिण कोरिया में बढ़ रही है अंडाणु फ्रीज कराने वालीं युवतियां

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Provided by Deutsche Welle

सियोल, 13 मई। दक्षिण कोरिया में पहले की तुलना में अब कम महिलाएं बच्चे पैदा कर रही हैं. और जो कर रही हैं, उन्हें भी कोई जल्दी नहीं है. जीवनयापन, शिक्षा और बच्चों के लालन-पालन का बढ़ता खर्च बड़ी संख्या में महिलाओं को मां बनने से हतोत्साहित कर रहा है.

लिम युन-यंग 34 साल की हैं. वह सरकारी नौकरी करती हैं और कहती हैं कि अभी वह परिवार बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि वह कई महीने से अपने बॉयफ्रेंड के साथ हैं लेकिन परिवार से जुड़े खर्चों के आकार को देखते हुए फिलहाल रिश्ते को अगले स्तर पर नहीं लेना जाना चाहतीं. हां, उन्होंने तैयारी पूरी कर रखी है. मसलन, उन्होंने अपने अंडाणुओं को फ्रीज करवा लिया है क्योंकि वह जानती हैं कि उनकी उम्र बढ़ रही है.

लिम बताती हैं, "यह बहुत बड़ी राहत है. मुझे सुकून रहता है कि मैंने सेहतमंद अंडाणुओं को फ्रीज करवा दिया है."

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सीएचए मेडिकल सेंटर के मुताबिक पिछले साल करीब 1,200 अविवाहित महिलाओं ने अपने अंडाणु फ्रीज करवाए हैं और पिछले दो साल में यह संख्या दोगुनी हो गई है. सीएचए दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा फर्टिलिटी सेंटर है, और आईवीएफ के करीब एक तिहाई बाजार पर उसका कब्जा है.

अंडाणुओं को फ्रीज करवाकर भविष्य में इस्तेमाल के लिए रख देना एक ऐसा विकल्प है जिसे आजकल दुनियाभर में बड़ी संख्या में महिलाएं अपना रही हैं. लेकिन दक्षिण कोरिया में यह चलन हाल ही में जोर पकड़ने लगा है. देश पहले ही दुनिया के सबसे कम जन्मदर के लिए जाना जाता है. इसलिए विशेषज्ञ इस चलन को एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं.

घटती जन्मदर की चिंता

पिछले साल दक्षिण कोरिया की जन्मदर मात्र 0.81 थी जबकि 2020 में विकसित देशों में जन्मदर 1.59 रही थी. ऐसा तब है जबकि दक्षिण कोरिया की सरकार लोगों को बच्चे पैदा करने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए जमकर खर्च कर रही है. पिछले साल देश की जन्मदर सुधारने से जुड़ीं नीतियों के लिए बजट में 37 अरब डॉलर का प्रावधान रखा गया था.

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देश की जन्मदर कम होने के लिए ज्यादातर बेहद महंगी शिक्षा व्यवस्था को जिम्मेदार ठहाराया जाता है, जिसमें कॉम्पटिशन हद से ज्यादा हो चुका है. हालत यह है कि बेहद महंगे स्कूल और ट्यूशन सेंटर बहुत कम उम्र से ही बच्चों की जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं. लिम बताती हैं, "हम शादीशुदा जोड़ों से सुनते हैं और रिएलिटी टीवी शो में भी देखते हैं कि बच्चों को पढ़ाना कितना महंगा और खर्चीला है. इन्हीं चिंताओं के कारण कम लोग शादियां करते हैं और कम बच्चे पैदा करते हैं."

देश में घर लेना भी बहुत महंगा हो गया है. मिसाल के तौर पर राजधानी सियोल में एक औसत अपार्टमेंट की कीमत एक परिवार की 19 साल की औसत कमाई के बराबर हो चुकी है. 2017 में यह 11 साल की औसत कमाई के बराबर थी.

32 साल की चो सो-यंग सीएचए में नर्स हैं. वह भी अपने अंडाणु फ्रीज करवाने जा रही हैं. वह चाहती हैं कि बच्चे को जन्म देने से पहले वह खुद को वित्तीय और आर्थिक रूप से पूरी तरह मजबूत कर लें. चो बताती हैं, "अगर मैं अभी शादी कर लूं और बच्चे पैदा करूं तो मैं अपने बच्चे को वो माहौल नहीं दे पाऊंगी, जिसमें मैं बड़ी हुई हूं. मैं एक बेहतर घर, अच्छा पड़ोस और खाने को बढ़िया खाना चाहती हूं."

कानूनी रोड़े

इस मामले में एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि बच्चे पैदा करने के लिए दक्षिण कोरियाई समाज में शादीशुदा होना जरूरी समझा जाता है. विकसित देशों में 41 प्रतिशत बच्चे बिना शादी के पैदा होते हैं जबकि दक्षिण कोरिया में ऐसे बच्चों की संख्या सिर्फ दो फीसदी है. आलम यह है कि अविवाहित महिलाएं अपने अंडाणु तो फ्रीज करवा सकती हैं लेकिन कानून उन्हें उन अंडाणुओं से बच्चे पैदा करने का हक नहीं देता.

दक्षिण कोरिया में रहने वालीं जापानी मूल की सायूरी फुजीता ने इस मुद्दे को तब चर्चा में ला दिया था जब उन्हें अपने अंडाणुओं के लिए स्पर्म खोजने के वास्ते जापान जाना पड़ा था क्योंकि दक्षिण कोरिया में ऐसा करना अवैध था.

सियोल विमिंज यूनिवर्सिटी में समाज शास्त्र पढ़ाने वालीं जंग जाए-हून कहते हैं कि इस कानून में बदलाव की जरूरत है. जंग बताते हैं कि पिछले साल देश में मात्र 1,92,500 शादियां हुईं. एक दशक पहले से तुलना करें तो यह 40 प्रतिशत कम है. 2019 की तुलना में भी यह संख्या 27 प्रतिशत कम है, हालांकि इसकी वजह कोविड को माना जाता है.

जंग कहते हैं, "सरकार कम से कम इतना तो कर सकती है कि उन लोगों को रास्ते में रोड़े ना अटकाए जो बच्चे पैदा करने का आर्थिक बोझ उठाने को तैयार हैं."

जंग की चिंता इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि बच्चे पैदा करने की इच्छा में ही बड़ी कमी देखी जा रही है. 2020 में सरकार द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक अपनी उम्र की तीसरी दहाई यानी 20-30 वर्ष के 52 प्रतिशत दक्षिण कोरियाई युवा कहते हैं कि शादी के बाद भी वे बच्चा पैदा नहीं करना चाहेंगे. 2015 में ऐसे लोगों की संख्या सिर्फ 23 प्रतिशत थी.

वीके/एए (रॉयटर्स)

Source: DW

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English summary
kids later than sooner south korean women freeze eggs as child rearing costs surge
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