आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में सीरिया ने मांगी भारत से मदद
दमिश्क। शनिवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने भारत के विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर से मुलाकात की। दोनों के बीच यह मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि जहां एक ओर सीरिया सिविल वॉर के बीच ही आईएसआईएस का खतरा झेल रहा है तो वहीं भारत पर भी अब आईएसआईएस का खतरा मंडराने लगा है।
असद ने की भारत से अपील
सीरिया ने भारत से अपील की है कि वह आईएसआईएस के खिलाफ उसकी लड़ाई में एक बड़ा रोल अदा करे। असद ने एमजे अकबर के साथ हुई चर्चा में फैसला किया कि दोनों ही देश आईएसआईएस से लड़ाई में एक-दूसरे की मदद करेंगे।
दोनों ने माना आईएसआईएस अब दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में दोनों ने फैसला किया कि सीरिया और भारत के बीच एक ऐसा समान जरिया शुरू किया जाए जिससे सुरक्षा मामलों में सलाह ली जा सके।
असद का मानना है कि भारत और सीरिया के बीच इंटेलीजेंस शेयरिंग को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इस खतरे से मिलकर निबटा जा सके।
नागरिकों की होगी स्क्रीनिंग
दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा में इस बात पर भी निष्कर्ष निकला कि ऐसे भारतीय नागरिक जो सीरिया जाते हैं उनकी स्क्रीनिंग प्रक्रिया को और बेहतर बनाया जाए।
आईएसआईएस से त्रस्त सीरिया अब दुनिया के बाकी देशों तक अपनी पहुंच बना रहा है और सीरिया का मानना है कि भारत उसका एक अहम साझीदार बन सकता है।
असद ने विदेश राज्य मंत्री अकबर को बताया कि भारत को आईएसआईएस के खिलाफ कड़ा कदम उठाना होगा। अभी तक भारत आईएसआईएस से लड़ने में वैश्विक शक्तियों की मदद लेने से बचता आ रहा था।
अभी तक क्यों बच रहा था भारत
भारत का मानना है कि अगर वह आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के बाकी देशों के साथ आता है तो फिर भारतीय मुसलमनों के अंदर एक विरोध की भावना पैदा हो सकती है।
हालांकि भारत ने इस बात को कई मौकों पर माना है कि सीरिया के साथ इंटेलीजेंस शेयरिंग में एक अहम रोल अदा करने की जरूरत अब बढ़ गई है। इससे सुरक्षा संबंधी उपायों में भारत को आगे काफी मदद मिल सकती है।