क्या शुक्र ग्रह के बादल में है एलियन जिंदगी होने की संभावना? वैज्ञानिकों का प्रयोग कितना कामयाब
क्या शुक्र ग्रह के बादलों में एलियन जीवन होने की संभावना है? जानिए वैज्ञानिकों के प्रयोग में क्या निकला है।
वॉशिंगटन, दिसंबर 22: शुक्र ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने एक बड़ी संभावना जताई है। वैज्ञानिकों ने संभावना जताते हुए कहा है कि, शुक्र ग्रह के बादलों में एलियन जिंदगी हो सकता है। वैज्ञानिकों के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं, जिनके आधार पर उन्होंने संभावना जताई है कि, शुक्र ग्रह के बादलों में शायद बैक्टीरिया मौजूद हो और उनमें जीवन भी हो।
एलियन जिंदगी होने की संभावना
वैज्ञानिकों ने कहा है कि शुक्र के बादलों में बैक्टीरिया के "जीवनरूप" पाए जाने के बाद यह "अधिक रहने योग्य" हो सकता है। कार्डिफ यूनिवर्सिटी, एमआईटी और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शुक्रग्रह को लेकर बड़ा दावा किया है। पृथ्वी से करीब 4.5 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद शुक्र ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने भले ही बड़ा दावा कर दिया हो, लेकिन खुद वैज्ञानिकों में भी इस बात को लेकर एकराय नहीं है, कि क्या भविष्य में शुक्रग्रह पर इंसानों के रहने की कोई गुंजाइश बन सकती है? वैज्ञानिकों ने कहा है कि, शुक्र ग्रह पर मौजूद बादल नाइट्रोजन, हाइड्रोजन और रंगहीन गैस अमोनिया मौजूद है।
स्टडी के आधार पर वैज्ञानिकों का दावा
शुक्रग्रह पर जीवन की संभावनाओं को खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने रासायनिक प्रक्रियाओं का एक सेट तैयार किया है, ताकि यह दिखाया जा सके कि, अमोनिया के कोई निशान होने पर रासायनिक प्रतिक्रियाओं का एक प्रोसेस सल्फ्यूरिक एसिड की आसपास की बूंदों को कैसे बेअसर कर देगा। इसके परिणामस्वरूप बादलों की एसिडिटी -11 से शून्य हो जाएगी, हालांकि यह अभी भी पीएच पैमाने पर काफी ज्यादा अम्लीय है, लेकिन, फिर भी यह एक ऐसे स्तर पर होगा, जिस पर जीवन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
शुक्र ग्रह पर कैसा है वातावरण?
कार्डिफ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फिजिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर और इस स्टडी के सह लेखक डॉ. विलियम बैंस ने कहा कि, "हम जानते हैं कि पृथ्वी पर अम्लीय वातावरण में जीवन पनपता है, लेकिन शुक्र के बादलों में एसिड है या नहीं, ये अभी हमें पता नहीं चल सका है।'' हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि, "लेकिन अगर कुछ बादलों में अमोनिया बना रहा है, तो वह कुछ एसिड की बूंदों को बेअसर कर देगा, जिससे वे संभावित रूप से अधिक रहने योग्य हो जाएंगे।"
1970 से चल रहा है अध्ययन
खगोलविद और वैज्ञानिक 1970 के दशक से शुक्र के ऊपरी वायुमंडल में मौजूद अमोनिया का अध्ययन कर रहे हैं। विशेष रूप से यह हमेशा माना जाता है कि, शुक्र ग्रह इतना ज्यादा गर्म है, कि इसपर जीवन का होना नामुमकिन है। लेकिन, अब वैज्ञानिकों का मानना है कि, जिस तरह से धरती पर बैक्टीरिया पाए जाते हैं, ठीक उसी तरह से शुक्र के वायुमंडल में संभावित रूप से बैक्टीरिया हो सकते हैं। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि, अमोनिया का निर्माण वायुमंडल में स्वाभाविक तौर पर नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल तरीके से होता है, लिहाजा अगर अमोनिया शुक्र के वायुमंडल में है, तो क्या वहां पर किसी तरह का कोई जीवन मौजूद है?
शुक्र पर अमोनिया होने में संदेह
वहीं, एमआईटी के डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ, एटमोशफेयर एंड प्लानेट्री साइंसकी प्रोफेसर सारा सीगर ने कहा कि, "अमोनिया शुक्र पर नहीं होना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि, "इसमें हाइड्रोजन जुड़ा हुआ है, और चारों ओर बहुत कम हाइड्रोजन है। कोई भी गैस, जो अपने पर्यावरण के संदर्भ में नहीं है, वह जीवन के स्वत: संचालित होने देने को लेकर संदिग्ध है।"
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