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क्यों इंडोनेशिया को जकार्ता से 1000 km दूर बोर्नियो के वर्षावन में शिफ्ट करनी पड़ रही है राजधानी ?

इंडोनेशिया की प्रशासनिक राजधानी जकार्ता से एक हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूर बोर्नियो द्वीप की ओर ले जाई जा रही है। इसकी वजह पर्यावरण संकट तो है ही, अत्यधिक जनसंख्या का दबाव भी है।

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जलवायु संकट और अन्य परिस्थियों की वजह से इंडोनेशिया को अपनी राजधानी ही शिफ्ट करनी पड़ रही है। अगले साल से जकार्ता से 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर इंडोनेशिया में सत्ता का केंद्र होगा। यह कोई मोहम्मद-बिन-तुगलक जैसे शासक का फैसला नहीं है। यह विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की राय के आधार पर किया जा रहा है। क्योंकि, 2050 तक जकार्ता का बहुत बड़ा हिस्सा समुद्र में डूब सकता है। इसपर कई सारे शोध हो चुके हैं। लिहाजा वहां की सरकार ऐसी जगह पर प्रशासनिक राजधानी बना रही है, जो हर तरह से सही लग रही है।

इंडोनेशिया को क्यों शिफ्ट करनी पड़ रही है अपनी राजधानी ?

इंडोनेशिया को क्यों शिफ्ट करनी पड़ रही है अपनी राजधानी ?

इंडोनेशिया जकार्ता से अपनी राजधानी को 1,000 किलोमीटर से भी दूर बसा रहा है। इंडोनेशिया की नई राजधानी बोर्नियो द्वीप पर वर्षावन में बन रही है। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रोजेक्ट 2024 में राष्ट्रपति जोको विडोडो के कार्यकाल के अंत होने से पहले लॉन्च होने के लिए तैयार है। सवाल है कि दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को अपना प्रशासनिक केंद्र दुनिया के सबसे पुराने वर्षावन में स्थित जैव-विविधता से भरपूर क्षेत्र नुसंतरा क्यों ले जाना पड़ रहा है।

इंडोनेशिया की राजधानी डूब रही है

इंडोनेशिया की राजधानी डूब रही है

भूजल के अप्रत्याशित दोहन की वजह से इंडोनेशिया की मौजूदा राजधानी भयानक रूप से डूब रही है, क्योंकि यहां की जमीन काफी दलदली है। 2021 में इंडोनेशिया में एजेंसी फॉर असेस्मेंट एंड एप्लिकेशन ऑफ टेक्नोलॉजी ने एक शोध में पाया था कि जकार्ता हर साल औसतन 6 सेंटीमीटर की रफ्तार से डूब रही है। इसे धरती का सबसे तेजी से डूबने वाला शहर बताया गया था। बांदुंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अर्थ साइंटिस्ट हेरी एंड्रेस ने बताया है कि 'समुद्री दीवार बनाना अनिवार्य है, क्योंकि बाढ़ पहले से ही यहां है। लेकिन, समय के साथ यह भी डूब जाएगी और फिर से बाढ़ आ जाएगी।' 'जमीन के नीचे होने को नियंत्रित करने का एक ही बेहतर समाधान है, भूजल के दोहन को नियंत्रित करना।'

जनसंख्या, ट्रैफिक जाम और पर्यावरण संकट

जनसंख्या, ट्रैफिक जाम और पर्यावरण संकट

नेशनल रिसर्च एंड इनोवेशन एजेंसी ने कहा है कि यदि तत्काल आपात कदम नहीं उठाए गए तो 2050 तक राजधानी का एक-चौथाई हिस्सा पूरी तरह से डूब जाएगा। जकार्ता दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में से एक है। इसके ग्रेटर मेट्रोपॉलिटन एरिया में 3 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। इतनी बड़ी आबादी की वजह से जकार्ता में ट्रैफिक और वायु प्रदूषण की संख्या बहुत ही भयावह है। इंडोनेशियाई सरकार का अनुमान है कि घंटों की ट्रैफिक जाम के चलते दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश को हर साल अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है। इंडोनेशिया ट्रांसपोर्टेशन सोसाइटी के एक एनालिस्ट ड्जोको सेटीजोवार्नो ने कहा, 'जकार्ता का बोझ बहुत ज्यादा भारी है।' इससे लोगों की दक्षता और उत्पादकता भी घट गई है। विडोडो कह चुके हैं कि वे नई राजधानी को एक ऐसे आधुनिक शहर के तौर पर देखते हैं, जहां हर कोई बाइक चला सकता है और आसपास की जगहों के बीच लोग टहल भी सकते हैं।

बोर्नियो के नुसंतरा में होगी नई राजधानी

बोर्नियो के नुसंतरा में होगी नई राजधानी

इंडोनेशिया में 17,000 द्वीप हैं, जिस वजह से यह दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप समूह वाला राष्ट्र है। लेकिन, इसकी जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियां राजधानी जकार्ता और जावा द्वीप तक ही मूलरूप से सिमटी है। देश की 27 करोड़ की आबादी में से आधे से ज्यादा लोग यहीं रहते हैं। सरकार का कहना है कि वह इंडोनेशिया के आर्थिक और राजनीतिक केंद्र में विविधता लाना चाहती है। मार्च में विडोडो ने कहा था, 'रीलोकेशन (राजधानी का) बांटने के लिए, निष्पक्षता के लिए है...' उन्होंने कहा था कि 'हमारे यहां 17,000 द्वीप हैं, लेकिन 56 फीसदी आबादी जावा में है। जावा में 15.6 करोड़ लोग हैं।' इसकी तुलना में पूर्वी कालिमंतन प्रांत में 40 लाख से कम लोग हैं। नई राजधानी नुसंतरा यहीं बन रही है। इंडोनेशियाई सरकार ने पूर्वी पूर्वी कालिमंतन प्रांत में 56,180 हेक्टेयर (216 वर्ग मील) तैयार किया है। यह बोर्नियो के इंडोनेशियाई हिस्से में है, जो यह मलेशिया और ब्रुनेई के साथ साझा करता है।

प्राकृतिक आपदा से मुक्ति

प्राकृतिक आपदा से मुक्ति

सरकार ने राजधानी बदलने का एक कारण आपदा से बचाव भी बताया है। मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के मुताबिक जकार्ता ऐक्टिव फॉल्ट लाइन से घिरा हुआ है। यानि यह भूकंप के लिए खतरनाक रूप से संवेदनशील जगह है। एजेंसी का कहना है कि ऐक्टिव फॉल्ट लाइन से दूर रहने के कारण इंडोनेशिया के बाकी द्वीपों के मुकाबले बोर्नियो में भूकंप की आशंका बहुत ही कम है। दूसरी तरफ दलदली जमीन होने के कारण जकार्ता को हमेशा बाढ़ की समस्या झेलनी पड़ती है।

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पेयजल संकट

पेयजल संकट

शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर जकार्ता और व्यापक जावा पर से दबाव कम नहीं किया गया तो इन शहरों में पानी की सप्लाई बंद हो सकती है। अर्थ साइंटिस्ट एंड्रेस ने जनसंख्या बढ़ोतरी और औद्योगिक विकास को दोष देते हुए कहा है कि 'जकार्ता और जावा द्वीप साफ पानी के संकट की ओर बढ़ रहे हैं, हमने 2050 में संकट होने की भविष्यवाणी की है।' उन्होंने कहा, 'जब जनसंख्या विस्फोट होगा, अस्व्छता और बढ़ जाएगी, नदियां ज्यादा प्रदूषति हो जाएंगी, भूजल उथला हो जाएगा, जिससे वह इस्तेमाल लायक नहीं रहेंगे।'


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English summary
Indonesia, the world's largest Muslim nation, is shifting its capital to the island of Borneo, more than 1000 kilometers away from Jakarta. It's because Jakarta is sinking
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