अमेरिकी पब के टॉयलेट में हिंदू देवी-देवताओं के चित्र, भारतीय महिला ने लगाई फटकार, तो पब मालिक ने दिया ये जवाब
न्यूयॉर्क। भगवान गणेश, सरस्वती, ब्रह्मा, शिव, राधा, कृष्ण, मां काली और मां लक्ष्मी सभी हिंदू देवी-देवताओं की पेंटिंग्स दीवारों पर थीं, लेकिन यह कोई मंदिर नहीं बल्कि टॉयलेट की दीवारें हैं। भारतीय-अमेरिकी अंकिता मिश्रा ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, 'पिछली महीने मैं दोस्तों के साथ रात को पार्टी के लिए गई। न्यूयॉर्क के बुशविक स्थित पब 'हाउस ऑफ यस' के वीआईपी टॉयलेट में मैंने हिंदू देवी-इेवताओं की पेंटिंग्स देखीं। भगवान गणेश, मां काली, शिव की तस्वीरें दीवारों पर थीं।' भारतीय-अमेरिकी अंकिता ने न केवल इस मुद्दे को उठाया बल्कि पब को इस बारे में एक ई-मेल भी लिखा है। अंकिता मिश्रा के ई-मेल पर नाइट क्लब की ओर से जवाब भी भेजा गया है।
नजर घुमाकर देखा तो टॉयलेट की दीवार पर काली से लेकर शिव तक सब दिखाई दिए
अंकिता मिश्रा लिखती हैं- 'हाउस ऑफ यस' पब के साथ मेरी बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं। ये सभी खूबसूरत हैं। दोस्तों के साथ यहां पार्टी करना, डांस करना बेहद खूबसूरत माहौल, सब अच्छी यादे हैं, लेकिन शनिवार को जब मैं यहां आई तो मुझे जरा भी गर्व नहीं हुआ। इसी दौरान मैं प्राइवेट बाथरूम में गई, जो डीजे बूथ के बिल्कुल पीछे बना है। जब मैं टॉयलेट पेपर लेने लगी तो मुझे महादेव की तस्वीर दिखी। धीरे-धीरे मैंने नजर घुमाई तो देखा दीवार पर सभी हैं- गणेश, सरस्वती, ब्रह्मा, शिव, राधा, कृष्ण और लक्ष्मी। टॉयलेट के ठीक ऊपर काली को भी देखा। ऐसा लगा मानो मैं मंदिर में हूं, लेकिन वह मंदिर नहीं था, मैं जूते पहने हुए थी, मैं वहां टॉयलेट कर रही थी।'
अंकिता मिश्रा ने यूं पढ़ाया भारतीय संस्कृति का पाठ
अंकिता मिश्रा ने ब्लॉग में आगे अमेरिकियों को भारतीय संस्कृति का पाठ भी पढ़ाया और उन्हें बताया कि हम अपने देवी देवताओं का सम्मान कैसे करते हैं, किस तरह उन्हें पूजते हैं। अंकिता लिखती हैं- स्वच्छता और पवित्रता हर भारतीय घर का हिस्सा हैं। भारत में हिंदू देवी देवताओं को सम्मान देने के लिए ये दो मूलभूत बाते हैं। आप मंदिर में जूते पहनकर नहीं जा सकते। यहां तक भगवान को अर्पण किया जाने वाला पुष्प आप सूंघ भी नहीं सकते। और यहां तो आप टॉयलेट में मल-मूत्र कर रहे हैं। नाइट क्लब के टॉयलेट में जहां इस प्रकार की एक्टिविटी होती हैं, वहां भगवान की तस्वीरें कैसे हो सकती हैं। ये सब अस्वच्छता के दायरे में आता है।
600 डॉलर से ज्यादा पे करने वाले ही जा पाते हैं उस वीआईपी टॉयलेट में
अंकिता मिश्र ने बताया, 'अमेरिकी नाइट क्लब के उस बाथरूम में मुझे जाने का मौका इसलिए मिला, क्योंकि यहां केवल वही कस्टमर जा पाते हैं ग्रे ग्रॉस की एक बॉटल के लिए 600 डॉलर से ज्यादा पे करने में सक्षम होते हैं।' अंकिता कहती हैं कि पश्चिम में हिंदू, बौद्ध और साउथ एशियन कल्चर के साथ लगातार भेदभाव हो रहा है। गोरों के कल्चर में हमारी संस्कृति को एसेसरी के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
अंकिता मिश्रा का ई-मेल पढ़ने के बाद पब के अमेरिकी मालिक ने भेजा ये जवाब
अंकिता मिश्रा की ओर से आपत्ति किए जाने के बाद केई बर्क ने जवाब दिया है, जो कि अमेरिकी पब हाउस ऑफ यस के को-फाउंडर और क्रिएटिव डायरेक्टर हैं। केई ने अपने जवाब में लिखा, 'टायॅलेट की दीवार हिंदू देवी-देवताओं की पेंटिग्स बनाने की पूरी जिम्मेदारी मेरी है। मैं क्षमा चाहता हूं कि संस्कृति के बारे में बिना जानें और बिना रिसर्च किए मैंने टॉयलेट का इस तरह से डेकोरेट किया। मुझे बहुत खेद है कि आपको हाउस ऑफ यस पब में इस प्रकार से संस्कृति के अपमान का अनुभव हुआ। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जल्द से जल्द देवी-देवताओं की तस्वीरों को हटाकर टॉयलेट को री-डिजाइन कराया जाएगा। मैं आपके ई-मेल का एक-एक शब्द पढ़ा और मैं आपका धन्यवाद देता हूं कि आपने इसके लिए समय निकाला। आपने हम पर भरोसा किया, इसके लिए भी मैं आपका शुक्रगुजार हूं।'