बहुत बड़े खतरे में हिंदुस्तान, क्या अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों का साथ देंगे भारतीय मुसलमान? 5 देशों से आया अलर्ट
भारत पर हमला करने की प्लानिंग को रूसी सुरक्षा एजेंसी ने नाकामयाब कर दिया है, लेकिन भारत पर खतरा बना हुआ है और कई देशों में फैले इस्लामवादी लगातार भारतीय और भारत के बाहर के मुसलमानों के संपर्क में हैं।
नई दिल्ली, अगस्त 27: इस्लामिक आतंकवादियों को वैसे तो शांति जैसे शब्दों से कोई लेनादेना नहीं है, लेकिन बात भारत की हो, तो कई अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन काफी एक्टिव हो जाते हैं और भारत के खिलाफ लगातार साजिश रचते रहते हैं। वहीं, उज्बेक आतंकवादी की गिरफ्तारी के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि इस्लामिक स्टेट और अल कायदा जैसे पैन-इस्लामिक आतंकवादी संगठन ईशनिंदा के नाम पर भारत को निशाना बनाने के लिए भारत के भीतर और भारत के बाहर के मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कई देशों से मिल रही है जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेसियों को एक नहीं, बल्कि कई देशों से खुफिया जानकारियां मिल रही हैं, जिससे पता चलता है, कि कई आतंकवादी संगठनों ने भारत की शांति और स्थिरता बिगाड़ने के लिए भारत में रहने वाले मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने और अपने खतरनाक काम में उन्हें भी भागीदार बनाने का प्लान बनाया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए को अमेरिका, जॉर्डन, रूस, यूएई और सऊदी अरब जैसे मित्र देशों की तरह से साइबर स्पेस में इस्लामी कट्टरपंथ के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं, कि वो भारत में किस तरह से अपना कदम पसारने की कोशिश में हैं। लिहाजा ये देश, भारत के भीतरी इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए नई दिल्ली के साथ लगातार एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन कर रहे हैं।
उज्बेक आतंकी से मिली जानकारियां
रूसी संघीय सुरक्षा सेवा, यानि एफएसबी ने पिछले हफ्ते इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावर मशरबकोन आज़मोव को गिरफ्तार किया था, जो भारत में आत्मघाती हमला करने की कोशिश में लगा हुआ था और रूसी संघीय सुरक्षा एजेंसी लगातार उस आतंकवादी से पूछताछ कर रही है, और जांच से पता चला है, कि किर्गिस्तान का रहने वाला एक और आतंकवादी है, जिसे तुर्की के कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने उज्बेक आतंकवादी के साथ भारत में हमला करने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। हालांकि, अब किर्गिस्तान का वो आतंकवादी कहां है, इसकी फिलहाल जानकारी नहीं है, क्योंकि वो मास्को से निकल चुका है। ये दोनों आतंकवादी मास्को के रास्ते ही भारत में आने वाले थे, लेकिन एक आतंकवादी को रूसी सुरक्षा एजेंसी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया। वहीं, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अभ 30 साल के उज्बेक आतंकवादी आजमोव से पूछताछ का इंतजार क रही हैं और भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने इस बाबत अपने रूसी समकक्षों को अपने प्रश्नों की एक लिस्ट भेजी है, ताकि हमलावर से उसी तर्ज पर पूछताछ की जा सके। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां जांच में शामिल होने की अनुमति लेने के लिए अपने उज़्बेक और किर्गिज़ समकक्षों के संपर्क में हैं।
तामिलनाडु के इंजीनियर पर अलर्ट
हालांकि, भारत पर हमला करने की प्लानिंग को रूसी सुरक्षा एजेंसी ने नाकामयाब कर दिया है, लेकिन भारत पर खतरा बना हुआ है और कई देशों में फैले इस्लामवादी लगातार भारतीय और भारत के बाहर के मुसलमानों के संपर्क में हैं, ताकि उन्हें हमला करने के लिए तैयार किया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, जॉर्डन की खुफिया एजेंसी ने अपने भारतीय समकक्षों को तमिलनाडु के अंबुर टाउन के निवासी इंजीनियरिंग छात्र मीर अनस अली के बारे में जानकारी दी है, जो आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के साथ संपर्क में है और इस्लामिक स्टेट से ऑनलाइन कट्टरपंथ की जानकारियां ले रहा है।
'पैगंबर के अपमान का बदला'
रिपोर्ट के मुताबिक, पैगंबर का अपमान करने का हवाला देकर तामिलनाडु के इस छात्र को उकसाया गया है और भारत को 'दंडित' करने के लिए इस्लामिक स्टेट के ऑनलाइन कट्टरपंथियों द्वारा इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र का ब्रेनवॉश किया जा रहा था। इस छात्र को 31 जुलाई को तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, अनस के अति-रूढ़िवादी वहाबी प्रतिबंधित संगठन के साथ संबंध थे और वह टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने ऑनलाइन हैंडलरों के साथ संवाद कर रहा था। उसे इस्लामिक स्टेट के हैंडलर्स ने गैर-मुसलमानों को निशाना बनाने और समुदायों के बीच डर पैदा करने और उन्हें धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को मारने का काम सौंपा था। हालांकि, उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
भारत को लगातार किया जा रहा है अलर्ट
पिछले दो महीनों से अलग अलग देशों की सहयोगी खुफिया एजेंसियां अपने भारतीय समकक्षों को पैगम्बर के अपमान को लेकर भारत को निशाना बनाने के लिए पैन-इस्लामिक आतंकवादी समूहों के भीतर उत्तेजना के बारे में सचेत कर रही हैं। मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठन, जिनकी तुर्की, कुवैत और कतर में मजबूत उपस्थिति है, उनके अलावा पाकिस्तानी डीप स्टेट और कुछ अलग अलग कट्टरपंथी तत्वों को "भारत को सबक सिखाने" के लिए उकसाकर आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत के भीतर पाकिस्तानी कैडरों का इस्तेमाल रावलपिंडी द्वारा वहाबी संगठन में भारतीय रंगरूटों के माध्यम से नई दिल्ली को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। खुलासा हुआ है, कि मुस्लिम ब्रदरहुड धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने के लिए भारत में इस्लामी संगठनों के साथ अपने संबंधों का उपयोग कर रहा है।
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