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गर्व की बात: इंडियन नेवी का विश्व विजय अभियान शुरू, चीन और पाकिस्तान के खिलाफ बड़े मिशन का आगाज

भारतीय नौसेना ने दुनिया में अपनी ताकत दिखाने की दिशा में बेहद मजबूती से अपने कदम बढ़ा दिए हैं। इस साल पारस की खाड़ी और हिंद प्रशांत क्षेत्र में इंडियन नेवी युद्धाभ्यास करेगी।

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नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने दुनिया में अपनी ताकत दिखाने की दिशा में बेहद मजबूती से अपने कदम बढ़ा दिए हैं। इंडियन नेवी हिंद महासागर के साथ साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र और पारस की खाड़ी में भी अपना प्रभुत्व दिखाने के लिए पानी की लहरों पर ऊफान के साथ कदम बढ़ाना शुरू कर दिए हैं। भारतीय नेवी आने वाले दिनों में कई ऐसे प्लानिंग पर काम करने जा रही है, जिसे देख हर भारतवासी को गर्व होगा तो दुश्मनों के घर में धुएं उठने शुरू हो जाएंगे।

इंडियन नेवी का विजय अभियान

इंडियन नेवी का विजय अभियान

अगले कुछ महीनों के दौरान इंडियन नेवी कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस और क्वाड देशों के साथ युद्धाभ्यास शामिल है। सबसे पहले भारत-संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस, तीनों देश फारस की खाड़ी में संयुक्त युद्धाभ्यास में भाग लेंगे। फारस की खाड़ी में कदम बढ़ाना भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीतों में से एक है। क्योंकि, इस रास्ते के जरिए भारत अब व्यापार शुरू करने वाला है साथ ही इस रास्ते पर आने से पाकिस्तान नेवी को पूरी तरह से ब्लॉक किया जा सकता है। इंडिनय नेवी 'वरूणा' बैनर के तले पारस की खाड़ी में युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने जा रही है। साथ ही ये पहली बार है जब इंडियन नेवी के साथ युद्धाभ्यास में संयुक्त अरब अमीरात शामिल हो रहा है और पाकिस्तान के लिए ये सबसे बड़ा झटका है। फ्रांस का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स दे गुएला के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा तो भारत का इंडियन कोलकाता विध्वंशक जहाज फारस की खाड़ी में होने वाली युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगी।

दुश्मन देखेगी शक्ति

दुश्मन देखेगी शक्ति

इससे पहले फरवरी में आबूधाबी में इंडियन नेवी पूरी दुनिया को अपनी शक्ति का अहसास करा चुकी है। 25 से 25 फरवरी तक आबूधाबी में भारत ने डिफेंस एग्जविशन में हिस्सा लिया था। जिसमें भारत और संयुक्त अरब अमीरात मे मिलिट्री टू मिलिट्री इंगेजमेंट हुआ था। इंडियन नेवी शिप 'प्रलय' ने नेवल डिफेंस एग्जविशन में हिस्सा लिया था। जहाज प्रलय गोवा शिपयार्ड में तैयार किया गया है, जो प्रबल क्लास मिसाइल जहाज है। इसमें कई खतरनाक मिसाइल्स लगाए गये हैं। भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने मार्च 2018 में नेवल एक्सरसाइज के लिए आपसी सहमति भरी थी। 17 मार्च 2018 से 22 मार्च 2018 के बीच गल्फ स्टार-1 आबू धाबी बंदरगाह पर दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास किया गया था, जिसमें आईएनएस गोमती और आईएनएस कोलकाता ने हिस्सा लिया था। मगर फारस की खाड़ी में पहली बार इंडियन नेवी एक्सरसाइज करने जा रही है। डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच होने वाली ये नेवल एक्सरसाइज ना सिर्फ दोनों देशों के बीच के संबंध को और प्रगाढ़ करेगी बल्कि डिफेंस संबंध भी मजबूत होंगे।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विजय अभियान

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विजय अभियान

फारस की खाड़ी में होने वाले युद्धाभ्यास के अलावा भारत के साथ इंडो पैसिफिक क्षेत्र में होने वाले युद्धाभ्यास में भी फ्रांस हिस्सा लेगा। और इस बार चीन को चुनौती देने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इंडियन नेवी के एक्सरसाइज में ऑस्ट्रेलियन नेवी भी भाग लेने वाली है। शुक्रवार को हुई क्वाड की बैठक में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध को और मजबूत करने की बात कही है। चीन के साथ गलवान घाटी झड़प के बाद भारत लगातार अपने मिलिट्री संबंध दूसरे देशों के साथ मजबूत कर रहा है। भारत सरकार अलग अलग देशों के साथ मिलिट्री साझेदारी बेहद तेज गति से बढ़ा रही है। वहीं, हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिहाज से फ्रांस भारत का बेहद मजबूत भागीदार है। वहीं, न्यू इंडिया-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में इस गठबंधन को और ज्यादा खतरनाक बना दिया है।

इंडिया-ऑस्ट्रेलिया-इंडोनेशिया युद्धाभ्यास

इंडिया-ऑस्ट्रेलिया-इंडोनेशिया युद्धाभ्यास

फारस की खाड़ी और हिंद प्रशांत महासागर के अलावा ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के साथ इंडियन नेवी के एक और युद्धाभ्यास की प्लानिंग की जा रही है। इन युद्धाभ्यास का मकसद अगर आप समझ रहे हैं कि सिर्फ मिलिट्री युद्धाभ्यास है, तो आप पूरी तरह से गलते हैं। दरअसल, इंडियन नेवी नये दोस्त बनाने के साथ साथ भविष्य में दुश्मनों को कैसे घेरा जाए, इसकी भी प्लानिंग तैयार कर रही है। भारत सरकार कई ऐसे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय युद्धाभ्यास करने की इजाजत दे चुकी है, जिससे दुश्मनों के दिल में खौफ भरा जा सके। हालांकि, भारत सरकार ज्यादा से ज्यादा युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ही करने को अनुमति दे रही है, ताकि इस पूरे इलाके में चीन के प्रभुत्व को कम से कम किया जा सके।

क्वाड और क्वाड प्लस मिलिट्री एक्सरसाइज

क्वाड और क्वाड प्लस मिलिट्री एक्सरसाइज

अप्रैल महीने में ही इंडियन नेवी क्वाड और क्वाड प्लस देशों के साथ मिलकर युद्धाभ्यास करने वाली है। हालांकि, अभी तारीख का फैसला होना बाकी है। लेकिन, ये युद्धाभ्यास विश्व का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होने वाला है। इस युद्धाभ्यास में इंडिया, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस के साथ कई देशों की नौ-सेना हिस्सा लेने वाली है। इन युद्धाभ्यासों में विश्व के सबसे खतरनाक हथियारों के साथ लड़ाई होगी। ये मिलिट्री अभ्यास इंडियन नेवी की शक्ति और आत्मविश्वास को दर्शाता है। इन मिलिट्री एक्सरासइजों के जरिए इंडियन नेवी नये नये फ्रंट बनाने का काम कर रही है तो ये अभ्यास इंडियन नेवी की शक्ति को दुश्मनों के सामने भी ला रही है। पाकिस्तानी नेवल एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इंडियन नेवी अब इतनी ज्यादा खतरनाक हो चुकी है कि पाकिस्तान के लिए इंडियन नेवी के रास्ते में आना अब खतरनाक साबित होगा।

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English summary
The Indian Navy has moved very strongly towards showing its strength in the world. This year, the Indian Navy will conduct maneuvers in the Gulf of Paras and the Indian Pacific.
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