प्रशांत क्षेत्र के 14 देशों के लिए भारत ने बनाए 12 सूत्रीय एक्शन प्लान, पापुआ न्यू गिनी में FIPIC समिट खत्म
पीआईसी के लिए एक्ट ईस्ट पॉलिसी के रूब्रिक के तहत शुरू की गई एक प्रमुख पहल भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग के लिए फोरम (एफआईपीआईसी) है।
Papua New Guinea PM Modi: प्रशांत महासागर के द्वीप देश पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर कल पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने FIPIC शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया है।
प्रधान मंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधान मंत्री जेम्स मारपे के साथ तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की, जिसमें प्रशांत क्षेत्र के 14 प्रशांत द्वीप देश (PIC) इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
सभी 14 प्रशांत क्षेत्र द्वीप देशों के राष्ट्रप्रमुखों का एक साथ एक कार्यक्रम में जुटना अपने आप में दुर्लभ बात है। इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रशांत क्षेत्र के 14 द्वीप देशों, जिसे PIC कहा जाता है, उसके लिए 12 सूत्रीय प्लान पेश किया है।
पीआईसी के लिए 12 स्टेप एक्शन प्लान
FIPIC शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 स्टेप एक्शन प्लान पेश किया है, जिसका मुख्य मकसद प्रशांत क्षेत्र के लोगों के साथ भारत का रिश्ता जोड़ना है।
1- फिजी में भारत 100 बेड का सुपर स्पेशियिलिटी अस्पताल का निर्माण करेगा।
2- पापुआ न्यू गिनी में भारत आईटी एंड साइबर सिक्योरिटी हब ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण करेगा।
3- सागर अमृत स्कॉलरशिप- अगले पांच सालों में 1000 स्कॉलरशिप दिए जाएंगे
4- पापुआ न्यू गिनी में 2023 का जयपुर फुट कैंप। इसके बाद हर पीआईसी देश में हर साल 2 जयपुर फुट कैंप
5- FIPIC SME डेवलपमेंट प्रोजेक्ट
6- सरकारी दफ्तरों के लिए सोलर प्रोजेक्ट
7- साफ पानी के लिए पानी सफाई यूनिट की स्थापना
8- समुद्री एंबुलेंस की सप्लाई
9- डायलायसिस यूनिट की स्थापना
10- 24*7 आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर की स्थापना
11- जन औषधि केन्द्र की स्थापना
12- योगा सेंटर्स की स्थापना
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि क्वाड इस दिशा में काम कर रहा है।
FIPIC (भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग के लिए मंच) शिखर सम्मेलन में एक संबोधन में, PM मोदी ने बहुपक्षवाद की आवश्यकता और सभी देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करने पर भी जोर दिया है।
भारत का ये शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब चीन इस क्षेत्र में अपने सैन्य और राजनयिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।
PM Narendra Modi & PM James Marape successfully hosted the FIPIC III Summit in Port Moresby. PM Narendra Modi announced a 12-step action plan to propel India’s partnership with Pacific Island Countries. It will fulfill the developmental aspirations of the people of the region and… pic.twitter.com/WSCyc4HL25
— ANI (@ANI) May 22, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने 14 प्रशांत द्वीप देशों को संबोधित करते हुए कहा, कि "आपकी तरह, हम बहुपक्षवाद में विश्वास करते हैं। स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत का समर्थन करते हैं और सभी देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि क्वाड- जिसमें जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, जो इसके लिए काम कर रहे हैं"।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि "हम अपनी क्षमताओं और अनुभवों को बिना किसी हिचकिचाहट के आपके साथ साझा करने के लिए तैयार हैं। चाहे वह डिजिटल तकनीक हो या अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सुरक्षा हो या खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन हो या पर्यावरण संरक्षण। हम हर तरह से आपके साथ हैं।"
पीएम मोदी ने यह भी कहा, कि ग्लोबल साउथ की आवाज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार हमारी साझा प्राथमिकता होनी चाहिए।'
आपको बता दें, कि इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता प्रधान मंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष के साथ की थी।
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
वहीं, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, कि प्रशांत द्वीप समूह के देश भारतीय प्रधानमंत्री को ग्लोबल साउथ का नेता मानते हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के नेतृत्व का समर्थन करेंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रशांत द्वीप देशों के सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए, मारापे ने तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही है, जिसकी सह-अध्यक्षता पीएम मोदी ने की थी।
मारापे ने कहा, कि "हम ग्लोबल पावरप्ले के शिकार हैं... आप (पीएम मोदी) ग्लोबल साउथ के लीडर हैं। हम ग्लोबल फोरम पर आपके (भारत) नेतृत्व के साथ खड़े रहेंगे।"
उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण अपने देश पर मुद्रास्फीति के दबाव की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा, कि प्रशांत द्वीप समूह के देशों को युद्ध का खामियाजा भुगतना पड़ता है, क्योंकि उनके पास ईंधन और बिजली शुल्क के बदले काफी ज्यादा भुगतान करना पड़ता है और बड़े देशों के बीच होने वाली और सत्तासंघर्ष का परिणाम उन जैसे छोटे देशों को भुगतना पड़ता है।
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मारापे ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, कि "रूस के साथ यूक्रेन युद्ध या यूक्रेन के साथ रूस युद्ध का मुद्दा, कुछ भी हो, लेकिन हमारे जैसे छोटी अर्थव्यवस्थाओं के लिए ये महंगाई का कारण होता है। हम ज्यादा कीमत देकर सामान खरीदते हैं।
उन्होंने पीआईसी के बाकी देशों की तरफ इशारा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा, कि प्रधानमंत्री जी, आपके सामने इन देशों के जो प्रतिनिधि बैठे हुए हैं, वो बिजली और ईंधन के लिए काफी ज्यादा शुल्क का भुगतान करते हैं और हमें बड़े देशों के बीच होने वाले सत्ता संघर्ष के बीच पिसना पड़ता है।