G7 Summit: चीन की करतूतों के खिलाफ एकजुट हुए G7 के नेता, इन मुद्दों पर बनी सहमति
वाशिंगटन, 13 जून। चीन की करतूतों के देखते हुए अब अमेरिका समेत दुनिया के अन्य विकसित देशों ने चीन को घेरने की तैयारी कर ली है। जी7 शिखर सम्मेलन की बैठक में दुनियाभर में चीन के बढ़ते प्रभुत्व और उसके अपने देश में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि G7 स्पष्ट रूप से झिंजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों के हनन को लेकर चिंतित है। इसके अलावा बाइडेन ने कहा कि उइगर मुसलमानों और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों से बंधुआ मजदूरी कराने के खिलाफ भी एक स्वर में आवाज उठाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक G7 में शामिल देश ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका के बीच चीन की बाजार निर्देशित अर्थव्यवस्था से भिन्न पद्धतियों को चुनौती देने के लिए मिलकर काम करने की सहमति बनी है। इसके साथ ही सभी राष्ट्र प्रमुखों ने झिनजियांग एवं हांगकांग में मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया। जी7 शिखर सम्मेलन की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन की गैर-बाजार नीतियों से निपटने के लिए साथी लोकतांत्रिक नेताओं को अधिक एकजुट मोर्चा पेश करने पर राजी करना चाहते हैं।
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आपको बता दें कि जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं और इस बार जी-7 की मेजबानी ब्रिटेन कर रहा है। जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ब्रिटेन पहुंच चुके हैं, जहां ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने स्वागत करते हुए कहा कि जो बाइडेन से मिलना ताजी हवा में सांस लेने जैसा है। जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा दक्षिण कोरिया और जापान को भी आमंत्रित किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल जून में जी7 समूह को 'पुराना समूह' बताते हुए इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को शामिल करने की मांग की थी।