चीन दौरे पर गए विदेश सचिव एस जयशंकर ने मसूद अजहर के मुद्दे पर दिया करारा जवाब
चीन के दौरे पर गए विदेश सचिव एस जयशंकर की चीन को खरी-खरी। जैश कमांडर मसूद अजहर से जुड़े सुबूतों को मांगने पर दिया करारा जवाब कहा सुबूतों की कमी नहीं है।
बीजिंग। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों चीन के दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने चीन के सामने न सिर्फ आतंकवाद का मुद्दा उठाया बल्कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे पर भी करारा जवाब दिया।
क्या कहा जयशंकर ने
जयशंकर ने बुधवार को मसूद अजहर को बैन करने के लिए सुबूतों की मांग करने पर कहा कि भारत के पास इसके पूरे सुबूत हैं। सुबूतों को लेकर कई दस्तावेज भी तैयार किए जा चुके हैं। साथ ही जैश कमांडर के खिलाफ सुबूतों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने चीन के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए भारत-चीन को साथ मिलकर लड़ना होगा। जयशंकर ने चीन को बता दिया कि वह एक मजबूत देश है, इसलिए उसे आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए और ऐसा करना ही होगा। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में बातचीत के दौरान जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान के इकोनॉमिक कॉरिडोर और आतंकी मसूद अजहर के मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे लिए संप्रभुता सबसे बड़ा मुद्दा है। आपको बता दें कि जयशंकर पूर्व में चीन में भारत के एंबेसडर रह चुके हैं।
अमेरिका भी बैन के लिए पहुंचा है यूएन
पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन की ओर से एक बड़ा कदम उठाते हुए पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर पर बैन के संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) से मांग की गई है। अमेरिका ने यह कदम चीन के विरोध के बावजूद उठाया था। हालांकि चीन ने फिर से एक बार इस प्रस्ताव पर छह माह का टेक्निकल होल्ड लगा दिया है। भारत ने पिछले वर्ष अप्रैल में पहली बार मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव यूएन में दिया था। मसूद अजहर से अलग चीन कई मुद्दों पर अड़ंगा अड़ा चुका है जिसमें भारत की एनएसजी में मेंबरशिप और आतंकी मसूद अजहर पर यूएन में बैन लगाने का मुद्दा सबसे अहम है। पिछले दिनों चीन की ओर से ताइवान के उस डेलीगेशन पर भी आपत्ति जताई गई थी जो भारत दौरे पर आया था।