
Fish variety:वैज्ञानिकों को मिली ऐसी मछली जो अपने ही बच्चों को खा लेती है, कारण अजीब है
मछलियों की अनगिनत प्रजातियां हैं। लेकिन, वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मछली खोजी है, जो अपने ही बच्चों को खा लेती है। बड़ी बात ये है कि जब वह ऐसा करती हैं तो काफी तनाव में होती हैं। वह कई बार दूसरा सामान्य खाना बिल्कुल ही बंद कर देती हैं। cichlid fish नाम की यह मछली पैदा होते ही अपने बच्चों को मुंह में रख लेती है और दो हफ्तों तक इसी तरह घूमती-फिरती रहती है। यह सब वह अपने बच्चों की दूसरे शिकारियों से हिफाजत के लिए करती हैं। लेकिन, खुद से ही उनकी रक्षा नहीं कर पातीं।

अपने ही बच्चों को खा लेती है यह मछली
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मछली खोजी है, जो अपने ही अंडों और बच्चों को खा लेती है। मादा cichlid fish अपने नवजात बच्चों और अंडों को करीब दो हफ्ते तक अपने मुंह में दबाए रखती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक वह ऐसा अपने बच्चों को शिकारियों से बचाने के लिए करती है। लेकिन, दिक्कत ये है कि इस दौरान बड़ी मात्रा में बच्चों और अंडों को वह खुद ही खाती भी जाती है। यह नया शोध बायोलॉजी लेटर्स में पिछले हफ्ते प्रकाशित हुआ है, जो सेंट्रल मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है।

मादा मछलियों की खुद की सेहत पर पड़ता है सकारात्मक असर
सेंट्रल मिशिगन यूनिवर्सिटी के जीव वैज्ञानिक और इस स्टडी के को-ऑथर पीटर डिजक्स्त्रा ने न्यू साइंटिस्ट की क्रिस्टा लेस्टे-लासेरे से कहा है, 'इससे (अपने बच्चों को खाने से) मादाओं को कुछ प्राप्त होता है, सिर्फ शारीरिक स्थिति के रूप में ही नहीं, बल्कि ऐसा भी जो संभावित तौर पर उनकी सेहत को मजबूत कर सकता है। ' शोध मे यह बात भी सामने आई है कि कई बार माताएं अपने बच्चों को अंडों से बाहर निकलने से पहले ही निकल लेती हैं। इसके माध्यम से वैज्ञानिकों cichlid fish के प्रजनन से जुड़ी आदतों को भी समझने में मदद मिली है।

मादाएं ऐसी स्थिति में अक्सर सामान्य खाना नही खातीं
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में 80 मादाओं को रखा, जिनके अंडे नर मछलियों के द्वारा निषेचित किए जा चुके थे। शोधकर्ताओं ने यह देखा कि निषेचन के बाद मादाओं द्वारा उन्हें मुंह में रखे जाने की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है। जैसा कि अनुमान था, माताओं ने अपने बच्चों को मुंह में दो हफ्तों तक दबाए रखा। चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि इस दौरान माताएं सामान्य खाना नहीं खा रही थीं या खाना छोड़ दिया था।

ज्यादा तनाव में रहने पर ज्यादा बच्चों को बनाया निवाला
शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि इस अवधि में माताएं काफी तनावग्रस्त लग रही थीं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न स्तर का तनाव दिखाने वाली माताओं का अलग-अलग परीक्षण किया। जो ज्यादा तनाव में थीं, उनका बर्ताव काफी अलग था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो माताएं ज्यादा तनावग्रस्त थीं, वह अपने ही बच्चों को ज्यादा खाए जा रही थीं। कुल मिलाकार पता चला है कि औसतन मादा cichlid fish अपने 40% बच्चों और अंडों को खुद ही चट कर जाती हैं। यही नहीं रिसर्च में यह भी बात सामने आई कि 93% cichlid fish ने कुछ ना कुछ बच्चों को अपना ही निवाला जरूर बना लिया है।

खाने और सांस लेने की प्रक्रिया जारी रहती है
नेशनल ज्योग्राफिक के टॉम मेटकैफे के मुताबिक, जब यह मछली अपने बच्चों और अंडों को मुंह में दबाए रखती हैं, तो वह आसानी से खा भी सकती हैं और सांसें भी लेती रहती हैं। डिजक्स्त्रा ने नैचुलर हिस्ट्री म्यूजियम से कहा है इस प्रक्रिया में 'माताएं बच्चों से अपने लिए पोषक तत्व और शायद एंटीऑक्सीडेंट भी जुटा सकती हैं।'

प्रजनन चक्र बनाए रखने के लिए फायदेमंद-शोध
शोध से खुलासा हुआ है कि मुंह में बच्चों को रखने के दो दिनों बाद उनकी तुलना में जिन्होंने ऐसा नहीं किया, लिवर में 23.7% ज्यादा डीएनए को नुकसान पहुंचा। लेकिन, 6 दिनों बाद और फिर दो हफ्तों बाद दोनों की स्थिति एक जैसी रही। न्यू साइंटिस्ट से एक वैज्ञानिक ने कहा, 'बड़े पैमाने पर देखा जाए तो जो अपने कुछ बच्चों को खा लेती हैं, उनके लिए यह ज्यादा फायदेमंद है, जिससे वह भविष्य में फिर से अंडे देने के लिए अधिक सक्षम हो जाते हैं, उनकी तुलना में जो प्रजननन चक्र पूरा करने के बाद मर जाती हैं और सिर्फ कुछ ही बच्चे छोड़ जाती हैं।'(तस्वीरें- सांकेतिक)