सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार 81 दोषियों को एक साथ दी गई फांसी, 1980 में हुआ था ऐसा
रियाद, 12 मार्च। सऊदी अरब अपने तेल के कुओं और लग्जरी लाइफ के अलावा सख्त कानून को लिए भी जाना जाता है। यहां लोगों को सीख देने के लिए दोषियों को सरेआम बीच सड़क पर सजा देने की प्रथा है। शनिवार को भी सऊदी अरब में कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनने के बाद सबकी रूह कांप गई। यहां एक ही दिन में हत्याओं और आतंकवादी समूहों से संबंधित विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए 81 लोगों को मौत की सजा दे दी गई। सऊदी अरब के इतिहास में यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में दोषियों को एक दिन में मौत की सजा दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले जनवरी 1980 में मक्का में ग्रैंड मस्जिद की जब्ती के 63 दोषी को सामूहिक मौत की सजा दी गई थी। सभी के सिर कलम कर दिए गए थे। तब से लेकर अब तक कभी इतनी बड़ी संख्या में लोगों को फांसी नहीं दी गई। हालांकि शनिवार को 81 दोषियों को मौत के घाट उतारने के बाद सऊदी अरब ने अपने इतिहास में बड़ा बदलाव किया। राज्य द्वारा संचालित सऊदी प्रेस एजेंसी ने शनिवार की फांसी की घोषणा करते हुए कहा कि उनमें 'निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या सहित विभिन्न अपराधों के दोषी' शामिल हैं।
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राज्य ने यह भी कहा कि मारे गए लोगों में से कुछ अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट समूह के सदस्य और यमन के हौथी विद्रोहियों के समर्थक थे। सऊदी अरब की स्थानीय प्रेस एजेंसी ने कहा, 'आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए वकील दिया गया था और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान सऊदी कानून के तहत उनके पूर्ण अधिकारों की गारंटी दी गई थी, जिसने उन्हें कई जघन्य अपराध करने का दोषी पाया, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक और कानून प्रवर्तन अधिकारी मारे गए।' रिपोर्ट में कहा गया है, 'सरकार आतंकवाद और चरमपंथी विचारधाराओं के खिलाफ सख्त और अटूट रुख अपनाता रहेगा, जो पूरी दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा बनता है।'