Facebook को किसी भी कीमत पर चाहिए थी ग्रोथ, लीक मेमो में हुए और भी कई चौंकाने वाले खुलासे
डाटा लीक को लेकर विवादों में घिरी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया कंपनी बजफीड ने फेसबुक का एक इंटरनल मेमो पब्लिश किया है दिसे कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट एंड्रयू बॉज बॉसवर्थ ने साल 2016 में लिखा था।
नई दिल्ली। डाटा लीक को लेकर विवादों में घिरी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया कंपनी बजफीड ने फेसबुक का एक इंटरनल मेमो पब्लिश किया है दिसे कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट एंड्रयू बॉज बॉसवर्थ ने साल 2016 में लिखा था। इस मेमो में एंड्रयू ने इस बात पर जोर दिया है कि कंपनी अपने सारे काम ग्रोथ के लिए करती है। इस खुलासे के बाद मालूम चलता है कि फेसबुक के लिए लोगों कि निजता और सुरक्षा से बढ़कर कंपनी की ग्रोथ है।
बजफीड ने किया फेसबुक के 'Ugly' मेमो का खुलासा
कैंब्रिज एनालेटिका कंपनी पर हुए खुलासे के बाद से ही फेसबुक का बुरा दौर शुरू हो गया है। दुनिया की सबसे पॉप्यूलर और सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक इस बार अपने इंटरनल मेमो के कारण लोगों के गुस्से का शिकार हो रही है। बजफीड ने कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग के करीबी और फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट एंड्रयू बॉसवर्थ द्वारा साल 2016 में लिखा गया ये मेमो 'The Ugly' पब्लिश किया है जो कंपनी की प्राथमिकता के बारे में कई खुलासे करता है।
फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ने लिखा था मेमो
इस मेमो में कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट लिखते हैं, 'हम अच्छे और बुरे की बात करते हैं, लेकिन आज हम अगली की बात करेंगे। हम लोगों को जोड़ते हैं। ये सकारात्मक भी हो सकता है अगर वो इसे ऐसा बनाएं तो। शायद किसी को यहां प्यार मिल जाए। शायद किसी की इससे जान भी बच जाए। इसलिए हम लोगों को और कनेक्ट करते हैं।' बॉसवर्थ ने आगे लिखा, 'ये बुरा भी हो सकता है अगर वो इसे बुरा बनाए तो। शायद कोई हमारे बनाए हुए टूल्स के कारण किसी आतंकी हमले का शिकार हो जाए। फिर भी हम लोगों को कनेक्ट करते रहेंगे। सच्चाई ये है कि हमें लगता है कि जो भी लोगों को जोड़ता है, वो सही होता है।'
'ग्रोथ के लिए किया गया काम न्यायसंगत है'
वाइस प्रेसिडेंट ने मेमो में आगे लिखा है, 'ये ऐसा कुछ नहीं है जो हम अपने लिए या कर रहे हों। हम यही करते हैं, हम लोगों को जोड़ते हैं। बस! इसलिए जो भी काम हम ग्रोथ में करते हैं, वो न्यायसंगत है। फिर चाहे वो लोगों को जोड़ने या ढूंढने लायक बनाने वाली भाषा हो। सबकुछ सही है।' बजफीड के इस खुलासे के बाद बॉसवर्थ ने अपनी सफाई पेश की है। बॉसवर्थ ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं उस मेमो की बातों से न तब सहमत था और न आज हूं। उस पोस्ट को लिखने का तब केवल यही मकसद था कि सतही मुद्दों को विचार-विमर्श के लिए उठाया जा सके। हमारे प्रोडक्ट का लोगों पर क्या असर पड़ेगा, इससे मुझे बहुत फर्क पड़ता है। मैं इसकी जिम्मेदारी बहुत ध्यान से लेता हूं कि लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।'
Ugly मेमो पर मार्क जकरबर्ग ने दिया ये बयान
मेमो के खुलासे पर फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग को भी सफाई देने आगे आना पड़ा। मार्क जकरबर्ग ने कहा कि वो मेमो में लिखी बातों से पूरी तरह से असहमत हैं। जकरबर्ग ने बॉसवर्थ को टैलेंटेड लीडर बताते हुए कहा कि मैं और फेसबुक में कई अन्य लोग इस मेमो की बात से असहमत हैं। 'हम जानते हैं कि सिर्फ लोगों को कनेक्ट करना काफी नहीं है। हमें लोगों को पास लाने के लिए काम करना होगा। हमने अपना पूरा मिशन और फोकस पिछले साल बदल दिया था।'
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