इमरान ख़ान बोले- हिन्दुस्तान को देखिए क्या हो गया, हम पर अल्लाह का करम
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को सऊदी अरब, चीन और यूएई ने बचा लिया. इसके साथ ही उन्होंने भारत की मिसाल दूसरी तरह से दी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने मंगलवार को कहा है कि अगर पाकिस्तान ने निर्यात नहीं बढ़ाया तो फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ के पास क़र्ज़ लेने के लिए जाना पड़ेगा.
पाकिस्तान अभी आईएमएफ़ से क़र्ज़ लेने के लिए कई तरह के बदलाव के दौर से गुज़र रहा है और विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इमरान ख़ान ने आईएमएफ़ के सामने आत्मसर्पण कर दिया है.
मंगलवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के लिए निर्यात और टैक्स वसूली बहुत अहम है. इमरान ख़ान ने कहा कि उनकी सरकार इन दोनों चीज़ों पर ध्यान दे रही है.
इमरान ख़ान मंगलवार को रावलपिंडी चेंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आरसीसीआई) की ओर से आयोजित 14वें इंटरनेशनल चेंबर्स समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि उनकी सरकार सस्ते में कारोबारियों को ज़मीन लीज़ पर देने की योजना बना रही है ताकि उद्योग-धंधे लगाए जा सकें.
- पाकिस्तान में इमरान ख़ान के लिए करो या मरो की स्थिति
- अर्जेंटीना से श्रीलंका तक, आख़िर क्या होता है मुल्क का दिवालिया होना
https://twitter.com/appcsocialmedia/status/1480870076928696321
कोरोना को लेकर पाकिस्तान की तारीफ़
इमरान ख़ान बार-बार पाकिस्तान को मदीने की रियासत बनाने की बात करते हैं. मंगलवार को एक बार फिर से उन्होंने इसका ज़िक़्र किया. इमरान ख़ान ने कहा, ''यह दुनिया का सबसे बेहतरीन मॉडल था. अल्लामा इक़बाल कहते थे कि जब भी मुसलमान गिरकर खड़ा हुआ है तो वो इस्लामिक उसूलों के सहारे ही हुआ है. ये उसूल मदीने की रियासत से ही आए. जब एक मुल्क में क़ानून-व्यवस्था नहीं होती है तो इंसाफ़ नहीं होता.''
इमरान ख़ान ने कहा, ''पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी सरकार को इतने बड़े राजस्व घाटे और चालू खाता घाटे का सामना नहीं करना पड़ा. अगर हमारे दोस्त चीन, यूएई और सऊदी अरब ने फ़ंड ना दिया होता तो हम डिफ़ॉल्ट कर गए होते. हमारे पास क़र्ज़ चुकाने के लिए पैसे नहीं थे. रुपए को गिरने से बचाने के लिए डॉलर नहीं थे. इसी बीच कोविड महामारी ने दस्तक दे दी. हम तब आर्थिक मुश्किलों का सामना कर ही रहे थे.''
इमरान ख़ान ने कोविड संकट से निकलने में अपनी सरकार की तारीफ़ की और भारत में महामारी की भयावहता की मिसाल दी. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ''अल्लाह ने जिस तरह से हमें कोविड से निकाला उसकी पूरी दुनिया में तारीफ़ होती है. हमने अपनी अर्थव्यवस्था भी बचा ली और अपने लोगों की जानें भी बचा लीं. दुनिया में देख लें कि कोविड ने क्या तबाही मचाई है. हिन्दुस्तान हमसे कितना आगे है, लेकिन उनका ग्रोथ रेट माइनस में चला गया. हिन्दुस्तान में कोविड से कोई कहता है कि 10 लाख मरे, कोई कहता है कि 30 लाख मरे. हमारे ऊपर देखिए अल्लाह ने कितना करम किया.''
- अर्जेंटीना से श्रीलंका तक, आख़िर क्या होता है मुल्क का दिवालिया होना
- पाकिस्तान में कौन से बिल पर विपक्ष ने कहा- ये IMF के सामने सरेंडर
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैंने कई ऐसे फ़ैसले किए जो अब इंग्लैंड में बोरिस जॉनसन कर रहे हैं. अगर मैं लॉकडाउन कर देता तो आप आज देखते कि मुल्क के अंदर क्या हालात होते. मेरे ऊपर लॉकडाउन करने का बहुत दबाव था. उसके बाद महंगाई बढ़ गई. महंगाई से पूरी दुनिया तकलीफ़ में है. बोरिस जॉनसन के अपने सांसद गैस की क़ीमत पर घेर रहे हैं. पूरा सप्लाई चेन बाधित हो गया है. स्टील, गैस, कोयला और पाम तेल सब महंगे हो गए. इसके बावजूद पाकिस्तान सस्ता है. अगर आप हिन्दुस्तान से पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमत देखें तो बहुत कम है.''
इमरान ख़ान ने कहा, ''पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए दो चीज़ें बेहद अहम हैं. एक है निर्यात और दूसरा टैक्स वसूली. निर्यात बढ़ाने के लिए मैं रोज़ बैठकें कर रहा हूँ और इस इंडस्ट्री की सारी रुकावटें हटाने पर काम कर रहा हूँ. बहुत ज़्यादा रुकावटें थीं.''
''हमने कभी भी निर्यात को तवज्जो नहीं दी. हमने इस पर ज़ोर ही नहीं दिया. हमारी सरकार निर्यात पर हर तरह की मदद देगी. हम अगर निर्यात नहीं बढ़ाएंगे तो फिर से आईएमएफ़ के पास फँस जाएंगे. निर्यात नहीं बढ़ाएंगे तो चालू खाता घाटा बढ़ेगा और रुपया दबाव में आएगा. ऐसी स्थिति में हमें फिर से आईएमएफ़ के पास जाना होगा.''
- सऊदी अरब ने मुश्किल में फँसे पाकिस्तान के लिए उठाया बड़ा क़दम
- क्या इमरान ख़ान की सरकार ने पाकिस्तान को क़र्ज़ में डुबो दिया है?
इमरान ख़ान ने कहा, ''टैक्स कलेक्शन में पाकिस्तान बहुत पीछे है. हमारे यहाँ टैक्स कल्चर नहीं है. लोग सिस्टम पर भरोसा नहीं करते हैं. लोगों को लगेगा कि टैक्स देश हित में है तो लोग टैक्स देना शुरू कर देंगे. टैक्स कल्चर हमें विकसित करनी होगी. लोगों के टैक्स के पैसे हुक्मरानों पर ख़र्च होंगे तो कोई टैक्स नहीं देगा. टैक्स के पैसे हम ईमानदारी से ख़र्च करेंगे तो लोग टैक्स देने के लिए प्रोत्साहित होंगे.''
''बिना टैक्स कल्चर बनाए पाकिस्तान एक आधुनिक अर्थव्यवस्था नहीं बन सकता. दो-तीन महीने के लिए मुश्किलें हैं, वो छँट जाएंगी. पाकिस्तान में टूरिज़्म की व्यापक संभावनाएं हैं लेकिन कभी ध्यान ही नहीं दिया गया. आईटी पर हमने कभी ध्यान ही नहीं दिया. पाकिस्तान ने क्यों नहीं दिया? हमें इन्हें ठीक करना होगा.''
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.