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इथियोपिया में सरकार ने जनता से की हथियार उठाने की अपील

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अदीस अबाबा, 11 अगस्त। इथियोपिया की सरकार ने लोगों से हथियार उठाकर विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने की अपील की है. देश में पिछले लगभग नौ महीने से युद्ध चल रहा है, जो अब टिग्रे से बाहर दूसरे इलाकों में भी पैर पसार रहा है.

प्रधानमंत्री अबी अहमद के दफ्तर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "अब वक्त आ गया है कि सारे सक्षम इथियोपियाई, जिनकी उम्र सेना, स्पेशल फोर्स और मिलिशिया में भर्ती की हो गई है, अपनी देशभक्ति दिखाएं."

ethiopia urges citizens to join armed forces as conflict spreads

छह हफ्ते पहले ही सरकार ने टिग्रे इलाके में एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा की थी. ऐसा तब हुआ जब विद्रोहियों ने प्रांतीय राजधानी मेकेले पर दोबारा कब्जा कर लिया और आठ महीने से जारी युद्ध का रुख बदल दिया.

कब शुरू हुई लड़ाई

टिग्रे में सरकारी फौजों और टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट के बीच युद्ध नवंबर में शुरू हुआ. टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ने तीन दशक तक इथियोपिया पर राज किया है और अब टिग्रे प्रांत पर उसका कब्जा है. इस लड़ाई के चलते बीस लाख से ज्यादा लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है. 50 हजार से ज्यादा लोग पड़ोसी देश सूडान में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं.

जून में सरकार ने एकतरफा युद्ध विराम लागू कर दिया था ताकि किसान खेतों में बुआई कर सकें. लेकिन विद्रोही फ्रंट द्वारा राजधानी मेकेले पर कब्जा कर लेने के बाद अब सरकार लोगों से हथियार उठाने की अपील कर रही है.

टिग्रे विद्रोही पहले ही युद्ध विराम को खारिज कर चुके हैं. उनका कहना था कि सरकार को उनकी शर्तें माननी होंगी. जून और जुलाई के बीच विद्रोही प्रांत के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं और अब अफार और अमारा क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने लालीबेला में एक विश्व धरोहर पर भी कब्जा कर लिया है.

तस्वीरों मेंः नील नदी के किनारे जीवन

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले हफ्ते बताया था कि नई लड़ाई के कारण अफार और अमारा में ढाई लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. दुबीती अस्पताल के प्रमुख ने गुरुवार को बताया था कि अफार में हुए एक हमले में 12 ऐसे लोग मारे गए थे जो पहले ही अपने घर छोड़ चुके थे.

इसके अलावा 46 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जो लोग मारे गए थे वे स्कूलों और अस्पतालों में शरण लिए हुए थे.

भुखमरी का खतरा

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है टिग्रे प्रांत में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. और लाखों लोगों के सामने अकाल का खतरा मंडरा रहा है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने पिछले महीने टिग्रे प्रांत में तत्काल जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने के लिए रास्तों को खोले जाने का आग्रह किया था. सरकारी सुरक्षा बलों और हथियारबंद गुटों के बीच लड़ाई जारी रहने से, हिंसा प्रभावित इलाके में साढ़े तीन लाख लोगों पर अकाल का खतरा मंडरा रहा है.

देखिएः इथियोपिया की कॉफी वालियां

यूएन एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रांत के 55 लाख लोगों को तत्काल खाद्य सहायता की जरूरत है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि 2010 से 2012 तक सोमालिया में आए अकाल के बाद टिग्रे में खाद्य संकट सबसे खराब है. सोमालिया में उस दौरान ढाई लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई थी उनमें से आधे से अधिक बच्चे थे.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

Source: DW

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English summary
ethiopia urges citizens to join armed forces as conflict spreads
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