खशोग्गी की मौत पर अमेरिका में बवाल, लेकिन अपने फायदे के लिए सऊदी पर कार्रवाई नहीं करना चाह रहे ट्रंप
वॉशिंगटन। वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलमनिस्ट जमाल खशोग्गी की मौत पर अमेरिका और सऊदी अरब के बीच तल्खियां बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। खशोग्गी की मौत पर मिडिल ईस्ट मे अपने सबसे करीबी सऊदी पर नाराजगी व्यक्त कर चुका अमेरिका हथियार सौदों की वजह से कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। ट्रंप हर उस कार्रवाई के खिलाफ है जिससे कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो। सऊदी के खिलाफ ट्रंप ऐसी कोई भी कार्रवाई करना नहीं चाह रहे हैं जिससे कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तें खराब हो। ट्रंप ने कहा कि सऊदी के साथ हुए हथियार सौदे को रद्द करने से अमेरिकी जॉब्स पर असर पड़ेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमने सऊदी के साथ 100 बिलियन डॉलर का हथियार सौदा किया है, लेकिन अगर इसे कैंसिल किया गया तो हमें इससे नुकसान होगा। इस सौदे को कैंसिल करने से जितना नुकसान सऊदी को पहुंचेगे उतना ही हमारे लिए भी नुकसानदेय होगा।' हालांकि, ट्रंप ने कहा कि सऊदी प्रतिबंध लगाने को लेकर उनकी सरकार विचार कर रही है, लेकिन इसमें कुछ भी हो सकता है।
खशोग्गी की हत्या पर सऊदी पर कार्रवाई करने के लिए ट्रंप भले ही आनाकानी कर रहे हैं, लेकिन अमेरिकी मीडिया और कांग्रेस ने किंगडम पर प्रतिबंध लगाने के लिए ट्रंप पर दबाव डाल रही है। खशोग्गी की मौत पर अमेरिका ने सऊदी की कड़ी आलोचना की है।
गौरतलब है कि सऊदी के प्रिंस और उनके किंगडम की शक्तियों के खिलाफ अक्सर लिखने वाले खशोग्गी के 2 अक्टूबर को इस्तांबुल कॉन्सुलेट में गायब होने की खबर आई थी, जिसके दो सप्ताह बाद आखिरकार सऊदी अरब ने स्वीकार कर लिया कि पत्रकार की हत्या हो गई है। सऊदी का कहना है कॉन्सुलेट में लड़ाई के वक्त खशोग्गी की हत्या कर दी गई। वहीं, तुर्की ने दावा किया है कि कॉन्सुलेट में सऊदी के ही 15 हत्यारों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था।
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