सऊदी ने माना- उन्हीं के लोगों ने की खशोग्गी की हत्या, ट्रंप ने दी किंगडम पर प्रतिबंध लगाने की धमकी
दुबई। सऊदी अरब ने आखिरकार मान लिया है कि पत्रकार जमाल खशोग्गी की तुर्की के इस्तानबुल कॉन्सुलेट में हत्या हो चुकी है। सऊदी के सरकारी मीडिया ने इस खबर की पुष्टि करते कहा कि कॉन्सुलेट बिल्डिंग में एक झगड़े के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। खशोग्गी मूल रूप से सऊदी के रहने वाले थे, लेकिन वे पिछले कई सालों से अमेरिका में रहकर वॉशिंगटन पोस्ट के लिए काम कर रहे थे। रिपोर्ट अनुसार, इस्तानबुल में स्थित सऊदी कॉन्सुलेट में पत्रकार खशोग्गी और उनसे मिले रहे लोगों के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।
तुर्की बहुत पहले से ही खशोग्गी की हत्या के बारे में खुलासा कर चुका था, लेकिन सऊदी ने इसमें अपना हाथ होने और मौत की खबरों का खंडन किया था। फिलहाल खशोग्गी की मौत को लेकर जांच चल रही है और अभी तक 18 सऊदी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस घटना के बाद रॉयल कोर्ट के एडवाइजर साउद अल-काहतनी और डिप्टी इंटेलिजेंस चीफ अहमद अल-असीरी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक खशोग्गी के शव का पता नहीं चल पाया है।
अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में एक कॉलमनिस्ट के रूप में काम कर रहे खशोग्गी सऊदी किंगडम और बढ़ती मोहम्मद बिन सलमान की ताकतों की आलोचना करते रहे हैं। खशोग्गी इसी महीने 2 अक्टूबर को गायब हो गए थे, जिसके बाद तुर्की ने सऊदी पर हत्या का आरोप लगाया था। तुर्की ने आरोप लगाया था कि सऊदी ने ही पत्रकार खशोग्गी की हत्या करवाई है और करीब 15 लोगों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। तुर्की ने दावा किया था इस्तानबुल कॉन्सुलेट में खशोग्गी की हत्या करने के बाद, दो अलग-अलग चार्टर प्लेन से हत्यारे तुर्की से फरार हो गए।
तुर्की इन्वेस्टिगेशन टीम को शक है कि खशोग्गी को हत्या कर उसके शरीर के टूकड़े कर दिए गए और उसे इस्तानबुल के बाहर फेंक दिया है। शुक्रवार को दुनिया सामने सऊदी ने इस घटना पर दुख जताकर यह बताने की कोशिश की है, जैसे किंगडम को कुछ पता नहीं था। इस घटना की पुष्टि होने के बाद माइक पोंपियो ने कहा कि अगर सऊदी नेता इसके लिए जिम्मेदार है, तो उन्हें बख्सा नहीं जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने खशोग्गी की मौत को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि वे इस घटना पर सऊदी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं।