हजारों लोगों के सामने 'धर्म संकट', 16 वर्षों तक गलत मंत्र पढ़कर ईसाई बनाता रहा एक पादरी, जानिए अब क्या होगा
फीनिक्स, 18 फरवरी: अमेरिका के एरीजोना प्रांत में हजारों लोगों के सामने यह संकट आ गया है कि उन्होंने जो ईसाई धर्म की दीक्षा ली है, वह मान्य है या नहीं। क्योंकि, यह गलती कुछ दिनों में नहीं हुई है, बल्कि कम से कम 16 साल या उससे भी कहीं ज्यादा से होती आ रही है कि उन्हें गलत मंत्र पढ़ाकर दीक्षा दी गई है। इस गलत मंत्र को अब वेटिकन भी अमान्य कर चुका है। अब कैथिलोक ईसाई बने रहने के लिए ऐसे लोगों के सामने एक ही विकल्प है कि वह फिर से बैप्टाइज्ड हों। लेकिन, संकट ये है कि इतने साल से हो रही गलती की जानकारी कैसे मिले और ऐसे लोगों को खोजा कैसे जाए।
अमेरिका में हजारों लोगों के सामने 'धर्म संकट'
अमेरिका के एरीजोना राज्य में हजारों लोगों के सामने बहुत बड़ा 'धर्म संकट' आ गया है। 16 वर्षों तक एक पादरी मंत्र का गलत उच्चारण कर लोगों को ईसाई धर्म की दीक्षा देता रहा। मार्केटवॉच डॉट कॉम की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक अब रोमन कैथोलिक अधिकारियों ने कहा है कि गलत शब्दों के उच्चारण की वजह से यह दीक्षा अमान्य मानी जाएगी। एंड्रेस ऐरांगो नाम का ये पादरी अमेरिका के फीनिक्स शहर के चर्च में सितंबर 2005 से लेकर पिछले 1 फरवरी को इस्तीफा देने तक तैनात था। फीनिक्स के बिशप-क्षेत्र में कैथोलिक धर्म के अन्य जानकारों का मानना है कि दीक्षा के इन संस्कारों की प्रक्रिया को फिर से दोहराना पड़ेगा।
पादरी की गलती, हजारों की मुश्किल
फीनिक्स का बिशप-क्षेत्र अब उन लोगों की पहचान की कोशिशों में जुट गया है, जिसे इतने वर्षों में ऐरांगो ने बैप्टाइज्ड किया था। इसके लिए इसकी वेबसाइट पर भी लोगों से जानकारी मांगी गई है, ताकि इस गलती में सुधार का काम आगे बढ़ाया जा सके। इसमें लोगों से कुछ सवाल पूछे जा रहे हैं और एक फॉर्म में पादरी की ओर से दी गई दीक्षा का सारा विवरण भरवाया जा रहा है। दरअसल, एंड्रेस ऐरांगो दीक्षा के दौरान बोलते थे, 'हम आपको फादर एंड सन और पवित्र आत्मा के नाम से बैप्टाइज्ड करते हैं।' जबकि, उन्हें ऐसा करते हुए इसकी जगह बोलना चाहिए था- 'मैं तुमको बैप्टाइज्ड करता हूं।'
वेटिकन ने उस 'मंत्र' को कर दिया है खारिज
बिशप थॉमस ओल्मस्टेड ने जनवरी के मध्य में बिशप-क्षेत्र की साइट पर लिखे संदेश में कहा था, ''हम' का उपयोग करने में समस्या यह है कि ये समुदाय नहीं है जो किसी व्यक्ति को बैप्टाइज्ड करता है, बल्कि ये ईसा मसीह हैं और अकेले ईसा मसीह हैं, जो सभी संस्कारों की अगुवाई करते हैं और इसलिए ये ईसा मसीह हैं, जो बैप्टाइज्ड करते हैं।' इससे पहले 2020 के जून में वेटिकन ने एक दिशानिर्देश जारी कर बताया था कि 'हम तुमको बैप्टाइज्ड करते हैं' वाला फॉर्मूला अमान्य था और अगर कोई इसका इस्तेमाल कर बैप्टाइज्ड किया गया है तो उसे उचित फॉर्मूले के हिसाब से दोबारा ईसाई धर्म में दीक्षा देनी होगी।
धर्मांतरण के लिए अपनाया जा रहा था गलत फॉर्मूला ?
वेटिकन की ओर से कहा गया कि वह इसलिए कार्रवाई कर रहा है, क्योंकि कुछ अज्ञात पादरियों की ओर से 'हम' वाला फॉर्मूला मुख्यतौर पर सांप्रदायिक वजहों से अपनाया जा रहा था। इसमें कैथोलिक चर्च में माता-पिता, परमपिता और समुदाय नए सदस्य का स्वागत कर रहे होते थे। एरांगो फीनिक्स में सेंट ग्रेगरी पैरिश के पादरी थे। 2005 में एरीजोना आने से पहले वे सैन डिएगो और ब्राजील में भी तैनात रह चुके थे।
दोबारा दीक्षा लेना ही है उपाय
सैन डिएगो के रोमन कैथोलिक बिशप-क्षेत्र के एक्सटर्नल एंड कम्यूनिटी रिलेशंस के डायरेक्टर केविन एकेरी ने लोगों से कहा है कि जिन लोगों को लगता है कि उन्होंने एरांगो से ईसाई धर्म की दीक्षा ली थी, वे अपने पैरिश पादरी से बात करें, अपनी दीक्षा वाला सर्टिफिकेट चेक करें और अगर वह अमान्य है तो फिर से ईसाई धर्म में दीक्षा लें। उनके मुताबिक इस गलती को ठीक करने का यही सबसे आसान तरीका है और अगर लोग चाहते हैं तो वह दोबारा दीक्षित हो सकते हैं।
पादरी ने अपनी गलती पर खेद जताया है
फीनिक्स बिशप-क्षेत्र की वेबसाइट पर एरांगो ने बिना तारीख वाले नोट में अपनी गलती मानते हुए लिखा है, 'मुझे यह जानकर दुख होता है कि मैंने एक पादरी के तौर पर अपने पूरे कार्यकाल में नियमित रूप से गलत फॉर्मूले का उपयोग करके अमान्य दीक्षा दिलाई है। मुझे अपनी त्रुटि पर गहरा खेद है और इसने किस तरह से पैरिश और अन्य जगहों पर अनेकों लोगों को प्रभावित किया है।'(सभी तस्वीरें- सांकेतिक)