रेड अलर्ट: बहुत बड़े संकट में फंसा अमेरिका, खतरे में कई राज्यों की आबादी
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कोलोराडो नदी में बने लेक मीड बांध में पानी सूखने की वजह से करीब 4 करोड़ लोगों की जिंदगी सीधे तौर पर प्रभावित होगी और लाखों वन्यजीव मरने के कगार पर आ गये हैं।
वॉशिंगटन, जून 11: दुनिया में अगर प्रदूषण फैलाने की शुरूआत अगर किसी ने की, तो वो अमेरिका और ब्रिटेन है, भले ही आज विकसित हो चुके ये देश ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर भारत जैसे देशों के सिर पर ठीकरा क्यों ना फोड़ने लगे। लेकिन, अमेरिका एक बहुत बड़े संकट में फंस गया है और उसके कई राज्यों की आबादी भीषण रूप से खतरे में पड़ती नजर आ रही है। अमेरिका पर आए इस बहुत बड़े संकट की वजह है कोलोराडो नदी पर बने मीड झील में पानी का स्तर ऐतिहासिक तौर पर नीचे आना और सूखने के कगार पर पहुंच जाना। अमेरिकन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अमेरिका बहुत बड़े पानी संकट में फंस गया है और वो इस संकट से कैसे बाहर निकले, इसका कोई रास्ता उसे नहीं सूझ रहा है।
बहुत बड़े संकट में फंसा अमेरिका
कोलोराडो नदी में बना लेक मीड झील अमेरिका का सबसे बड़ा झील और रिजर्ववायर है और 1930 के बाद से ही ये संकट में है। लेकिन अब स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1930 के दशक में हूवर बांध के निर्माण के बाद जलाशय भर जाने के बाद से लेक मीड अपने न्यूनतम स्तर तक गिर गया है, जिसकी वजह कोलोराडो नदी का पूरी तरह से सूखना है। लास वेगास के पास के बने इस जलाशय से एरिज़ोना, नेवादा, कैलिफ़ोर्निया और मैक्सिको के शहरों के खेतों को पानी मिलती है, इसके साथ ही इन शहरों को पीने का पानी भी इसी बांध से भेजा जाता है। लेकिन, पिछले कई सालों से इस क्षेत्र का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और जलवायु परिवर्तन ने झील में पानी के प्रवाह को कम कर दिया है, वहीं, कोलोराडो क्षेत्र में पानी की डिमांड में इजाफा हो रहा है, जिसने लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है।
न्यूनतम स्तर पर पहुंचा पानी का स्तर
लेक मीड झील के जलस्तर में पिछले कुछ महीने से काफी तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। इसकी सतह बुधवार की रात को एक और एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई, जब यह 1,071.6 फीट की ऊंचाई के नीचे जा चुकी है। जो 2016 के मुकाबले एक रिकॉर्ड था। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि लेक मीड झील में पानी का स्तर लगातार नीचे जाएगा और 2023 तक इस झील में पानी सूखता रहेगा। पिछले महीने यूएस ब्यूरो ऑफ रिक्लेमेशन ने दावा किया था कि हूवर बांध के निर्माण के बाद लेक मीड के सामने अस्तित्व बचाने का संकट आ गया है और झील में पानी सूखने से अमेरिका और मैक्सिको के कई राज्यों में रहने वाले लाखों लोगों की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित होगी।
4 करोड़ लोग होंगे प्रभावित
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कोलोराडो नदी में बने लेक मीड बांध में पानी सूखने की वजह से करीब 4 करोड़ लोगों की जिंदगी सीधे तौर पर प्रभावित होगी, जबकि हूवर बांध बनने की वजह से करीब ढ़ाई करोड़ लोगों को बिजली मिलती है। लेकिन, इंसानों के द्वारा बनाए गये इस बांध ने प्रकृति के संतुलन को इस तरह से बिगाड़ा है कि अब 4 करोड़ लोगों के सामने पानी का विकराल संकट पैदा हो गया है। स्थिति कितनी विकराल हो चुकी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अगस्त में स्थिति की समीक्षा करने के बाद अमेरिकी इतिहास में ये पहला मौका होगा, जब अमेरिका की सरकार अरोजोना और नेवादा राज्य को सूखाग्रस्त घोषित कर सकती है। ऐसा पहली बार होगा, जब अमेरिका का कोई राज्य सूखाग्रस्त प्रदेश घोषित होगा।
लाइफलाइन है कोलोराडो नदी
संकरे पहाड़ों के बीच से निकलने वाली कोलोराडो नदी अमेरिका के करीब 4 करोड़ लोगों को, तो मैक्सिकों के भी लाखों लोगों की प्यास बुझाती है। अमेरिका के 11 नेशनल पार्क से होकर गुजरने वाली ये नदी 1450 मील की दूरी तय करते हुए मैक्सिको तक जाती है। 4 करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाली ये नदी लाखों जंगली जीव जंतुओं के लिए भी जीवनजायिनी है, लिहाजा सरकार तो इंसानों के लिए पानी का इंतजाम कर सकती है या लोग पानी का इंतजाम जैसे तैसे कर सकते हैं, लेकिन अगर ये नदी सूख गई तो फिर लाखों-करोड़ों वन्य जीव तड़पकर मर जाएंगे। वहीं, इस नदी से करीब 50 लाख एकड़ झेत्र में खेती भी होती है।
ईरान की मदद के लिए रूस ने लिया बड़ा फैसला, टेंशन में इजरायल-अमेरिका