अफगानिस्तान में दुर्लभ पत्थरों की चोरी कर रहा है चीन, तालिबान ने शी जिनपिंग के 'आदमी' को पकड़ा
जानकारी के मुताबिक जिन चट्टानों की तस्करी हो रही थी उनमें 30 फीसदी तक लिथियम के तत्व होते हैं। ये चट्टान पाकिस्तान की सीमा के साथ सटे अफगान प्रांतों नूरिस्तान और कुनार से चोरी-छिपे निकाले गए थे।
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अफगानिस्तान में महंगे धातुओं की चोरी के आरोप में तालिबान ने 2 चीनी नागरिकों को पकड़ा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने 1,000 मीट्रिक टन लिथियम युक्त चट्टानों की तस्करी के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों में से 2 चीनी नागरिक हैं। चीनी नागरिक अफगानी नागिरकों की मदद से इन कीमती चट्टानों को पाकिस्तान के रास्ते चीन ले जाने की कोशिश कर रहे थे।
लिथियम वाले पत्थरों की तस्करी
स्थानीय मीडिया रिपोर्टरली के अनुसार, ये गिरफ्तारी पूर्वी अफगानिस्तान के एक सीमावर्ती शहर जलालाबाद में हुई है। जानकारी के मुताबिक जिन चट्टानों की तस्करी हो रही थी उनमें 30 फीसदी तक लिथियम के तत्व होते हैं। ये चट्टान पाकिस्तान की सीमा के साथ सटे अफगान प्रांतों नूरिस्तान और कुनार से चोरी-छिपे निकाले गए थे। तालिबान के खुफिया अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया से बताया कि ये दोनों चीनी नागरिक अपने अफगान सहयोगियों के साथ इन कीमती कीमती पत्थरों को अवैध रूप से पाकिस्तान के रास्ते चीन ले जाने की योजना बना रहे थे।
तालिबान ने लगा रखा है प्रतिबंध
आपको बता दें कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों के निकलने के बाद से तालिबान ने लिथियम के निष्कर्षण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अफग़ानिस्तान में कथित तौर पर 1 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के दुर्लभ खनिज हैं। इनमें से लिथियम के विशाल भंडार भी शामिल हैं, लेकिन दशकों के युद्ध ने अफगान खनन के विकास को रोक दिया है। आपको बता दें कि लिथियम रिचार्जेबल बैटरी में एक प्रमुख घटक है और इसका उपयोग जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में किया जाता है, जिससे इस धातु की वैश्विक मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है। फिलहाल काबुल स्थित चीनी दूतावास ने अभी तक इस मसले पर कुछ नहीं कहा है।
Taliban have arrested five men, including two Chinese nationals, for allegedly trying to smuggle an estimated 1,000 metric tons of lithium-bearing rocks out of Afghanistan. https://t.co/f18WCOFXku
— FJ (@Natsecjeff) January 22, 2023
आपको बता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रही तालिबानी सरकार ने एक चीनी कंपनी के साथ मिलकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय करार किया है। तालिबान ने अमु दरिया बेसिन से तेल निकालने के लिए एक चीनी कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। ये चीनी कंपनी पहले साल तेल और गैस ब्लॉकों का पता लगाने के लिए करीब 150 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। इसके बाद अगले 3 सालों के लिए कंपनी 540 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी।
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