जिबूती: लेजर अटैक में अमेरिका के 2 सैनिक घायल, चीन ने बताया आरोपों को बेबुनियाद
जिबूती। हॉर्न ऑफ अफ्रीका में आंतकियों से लड़ रहे अमेरिकी फोर्स के लिए नया खतरा पैदा हुआ है। पेंटागन ने गुरुवार को चीन पर आरोप लगाया कि जिबूती में उनके एयक्राफ्ट पर लेजर से फायर किया गया, जिसमें उनके दो पायलट घायल हुए हैं। हालांकि, चीन ने इन आरोपों का खंडन किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुन्यांग ने कहा कि चीन की सेना द्वारा अमेरिकी एयरक्राफ्ट पर पावर लेजर फायर के आरोप बिल्कुल तथ्यों से परे हैं। चीन ने कहा कि अमेरिका ने जो आरोप लगाए हैं, वे बिल्कुल ही बेबुनियाद है।
पेंटागन प्रवक्ता डाना व्हाइट ने न्यूज कांफ्रेस में कहा कि यूएस पूरी तरह से सुनिश्चित है कि चार इंजन वाला ट्रांसपोर्ट प्लेन जब लैंडिग कर रहे थे, उसी दौरान चीन ने उन पर पावरफुल लेजर फायर किया। डाना ने इसे बहुत ही गंभीर घटना बताते हुए कहा कि इसमें उनके दो पायलट को भी चोटें आई है। डाना ने आगे कहा कि यह गतिविधि अमेरिकी आर्मी के लिए खतरा बनता जा रहा है। डाना ने बताया कि पेंटागन ने चीन से इसके बारे में शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।
हालांकि, चीन ने इस घटना में अपना हाथ होने से इनकार भले ही किया है, लेकिन यह नहीं बताया कि अमेरिका के आरोप में क्यों दम नहीं है। चीन ने हाल ही में जिबूती में अपना मिलिट्री बेस खड़ा किया है।
अमेरिका ने कहा कि उनके लेमोनियर कैंप से 10.5 किमी की दूरी पर चीनी मिलिट्री बेस है और वहीं से लेजर फायर हुआ है। अफ्रीका और मिडिल ईस्ट मामलों के पॉलिसी एनालिसिस जोशुआ मेसर्वे ने कहा कि यह एक प्रकार का टेस्ट हो सकता है। चीनी मिलिट्री एनालिसिस ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बात करते हुए कहा है कि हो सकता है कि चीन अपने लेजर का इस्तेमाल पक्षियों को तितर-बितर करने या ड्रोन्स को इंटरसेप्ट करने के उद्देश्य से किया।
जिबूती के लेमोनियर कैंप में अमेरिका के करीब 4,000 लोग है, जो हॉर्न ऑफ अफ्रीका (इथोपिया, इरिट्रिया, जिबूती और सोमालिया) में जिहादियों से लड़ रहे हैं। वही, चीन ने भी जिबूती में अब अपना नया मिलिट्री बेस खड़ा कर अमेरिका का पड़ोसी बन गया है, जिससे तनाव बढ़ने की पूरी संभावना है।