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चीन ने पहले किया एलियंस के सिग्नल पकड़ने का दावा, फिर रिपोर्ट किया डिलीट, क्या छिपा रहे जिनपिंग?

चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया है कि, दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप ‘स्काई आई’ द्वारा पता लगाए गए नैरो-बैंड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल पिछले कैप्चर किए गए सिगनल्स से अलग हैं।

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बीजिंग, जून 15: चीन की सरकारी मीडिया ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि, शायद चीन ने किसी और ग्रह पर रहने वाले जीवन के संकेतों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। चीन की राज्य समर्थित साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, उसके विशाल स्काई आई टेलीस्कोप ने पृथ्वी से अलग ग्रह पर जीवन के संकेत पकड़े हैं। सबसे हैरानी की बात ये है, कि पहले चीन के सरकारी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट को डिलीट कर दिया है, जिसमें इसे एक 'खोज' बताया गया है।

चीन की रिपोर्ट में क्या दावें हैं?

चीन की रिपोर्ट में क्या दावें हैं?

चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया है कि, दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप 'स्काई आई' द्वारा पता लगाए गए नैरो-बैंड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल पिछले कैप्चर किए गए सिगनल्स से अलग हैं और टीम उनकी आगे जांच कर रही है। रिपोर्ट में मुख्य वैज्ञानिक झांग टोनजी का हवाला देते हुए कहा गया है कि, एक अलौकिक सभ्यता खोज टीम के बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज की नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ने की है।

वैज्ञानिक ने कहा, जांच की जरूरत

वैज्ञानिक ने कहा, जांच की जरूरत

चीन के वैज्ञानिक झांग ने रिपोर्ट में कहा है कि, 'ये संदिग्ध सिगनल किसी प्रकार के रेडियो हस्तक्षेप भी हो सकते हैं और इसकी आगे जांच किए जाने की जरूरत है।' वहीं, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, कि आखिर चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आधिकारिक समाचार पत्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी दैनिक की वेबसाइट से रिपोर्ट को स्पष्ट रूप से क्यों हटा दिया गया था। हालांकि समाचार पहले से ही सोशल नेटवर्क वीबो पर ट्रेंड करना शुरू कर दिया था और अन्य मीडिया आउटलेट्स ने इस खबर को प्रमुखता से छापना शुरू कर दिया था। रिपोर्ट हटाने को लेकर चीन की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

चीन कर रहा है जीवन की खोज

चीन कर रहा है जीवन की खोज

आपको बता दें कि, सितंबर 2020 में चीन की स्काई आई टेलीस्कोप, जो चीन के दक्षिण-पश्चिमी गुइझोउ प्रांत में स्थित है और जिसका व्यास 500 मीटर (1,640 फीट) है, उसने आधिकारिक तौर पर अलौकिक जीवन की खोज शुरू की है। रिपोर्ट के अनुसार, झांग ने कहा कि टीम ने 2019 में एकत्र किए गए डेटा को संसाधित करते हुए 2020 में संदिग्ध संकेतों के दो सेटों का पता लगाया था, और 2022 में एक्सोप्लैनेट लक्ष्यों के अवलोकन डेटा से एक और संदिग्ध संकेत को पकड़ा था। झांग ने कहा है कि, चीन की स्काई आई कम आवृत्ति वाले रेडियो बैंड में बेहद संवेदनशील है और विदेशी सभ्यताओं की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली से जब इस बाबत विस्तृत जानकारी मांगी गई, तो कॉल का जवाब नहीं दिया गया।

अकौकिक सभ्यता खोजने के लिए तेजी से काम

अकौकिक सभ्यता खोजने के लिए तेजी से काम

पिछले साल अक्टूबर में चीनी मीडिया में कहा गया था कि, चीनी वैज्ञानिकों का मानना है कि, यदि एलियंस सभ्यताएं मौजूद हैं, तो हो सकता है कि चायनीज टेलीस्कोप ने भानुमती का पिटारा खोल दिया हो। हालांकि, यह दूर की कौड़ी लग सकता है, लेकिन एक एलियन सभ्यता से संपर्क और उनकी जांच पृथ्वी के अल्पविकसित समाजों के लिए एक गंभीर उपद्रव का कारण बन सकती है। चीन का नया विशाल रेडियो टेलीस्कोप एलियंस का पता लगाने में सक्षम हो सकता है, जिसे वॉन न्यूमैन जांच भी कहा जाता है, हाल ही में साझा किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा किया गया है।

बेहद विशालकाय है चीन का टेलीस्कोप

बेहद विशालकाय है चीन का टेलीस्कोप

चीन ने अंतरिक्ष की जानकारियां हासिल करने के लिए विश्व का सबसे विशालकाय टेलीस्कोप तैयार किया था, जो 500 मीटर का है और इस विशालकाय टेलीस्कोप का पूरा नाम अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलीस्कोप है। इस टेलीस्कोप की क्षमता भी काफी विशाल है, लिहाजा खास ऑब्जर्वेशन के जरिए उस टेलीस्कोप की मदद से एलियंस के बारे में पता लगाया जा सकता है। हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, चीन के वैज्ञानिकों को ऐसी सभ्यताओं से संपर्क करने की कोशिश बिल्कुल नहीं करनी चाहिए, जिनके बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं हैं, क्योंकि हो सकता है वो मानवसभ्यता के लिए विनाशकारी हों।

एलियंस को लेकर वैज्ञानिकों की राय अलग

एलियंस को लेकर वैज्ञानिकों की राय अलग

एलियंस को लेकर दुनियभार के वैज्ञानिकों में मतभेद है और अलग अलग अलग वैज्ञानिकों की अलग अलग राय है। कुछ वैज्ञानिक चाहते हैं कि एलियंस से किसी भी हालत में इंसानों को संपर्क करना चाहिए तो कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि, एलियंस से संपर्क साधने का मतलब इंसानों की बर्बादी है। जॉर्जिया फ्री यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉक्टर जाजा ओसमानोवा का कहना है कि अगर एलियंस भी प्रजनन करते होंगे, तो फिर वो इंसानों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि वो अपनी संख्या बढ़ाने के लिए धरती पर मौजूद संसाधनों का खुलेआम इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे, जो इंसानों के लिए ठीक नहीं होगा। लिहाजा, उनका मानना है कि, भविष्य में अगर इंसानों को एलियंस के खतरे से बचना है, तो फिर अभी एलियंस के बारे में पता लगा लेना चाहिए और उस मुताबिक हमें तैयारी भी शुरू कर देनी चाहिए।

कई सालों में बना है चीनी टेलीस्कोप

कई सालों में बना है चीनी टेलीस्कोप

चीन की सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि फास्ट टेलीस्कोप दुनिया का सबसे उन्नत टेलीस्कोप है और इस टेलीस्कोप को बनाने में सरकार को 5 सालों का वक्त लगा था। इस टेलीस्कोप को चीन ने देश के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत गुउझोउ के डाओडांग में स्थापित किया गया है। साल 2020 के जनवरी महीने से ये टेलीस्कोप काम कर रहा है। चीन की सरकार ने पिछले साल भी दावा किया था, कि इस टेलीस्कोप की मदद से देश को अविश्वसनीय जानकारियां मिली हैं। लेकिन, चीन ने रिपोर्ट पब्लिश करने के बाद इस रिपोर्ट को क्यों डिलीट कर दिया है, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

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English summary
China first claimed in its report, that it had caught signals of alien civilization, then deleted the report.
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