वो चिकित्सा अधिकारी जो बनी 'पोलर प्रीत', 75 दिन के सफर पर अब जा रहीं 'दूसरी दुनिया'
नई दिल्ली, 18 जुलाई। एक सेना की महिला चिकित्सा अधिकारी अब 75 दिन के ऐतिहासिक सफर पर रवाना होने वाली हैं। उनका मकसद दूसरी दुनिया को देखना है। ये सब वे किसी भी एजेंसी के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए करने वाली हैं। ये सफर पूरा करने के बाद वो दुनिया के दुर्गम क्षेत्र की यात्रा करने वाली पहली महिला बन जाएंगी।
75 दिन का 'दूसरी दुनिया' का सफर
ब्रिटिश सेना का चिकित्सा अधिकारी कैप्टन प्रीत चंडी अब अंटार्कटिका का सफर करने जा रही हैं। ये सफर बेहद कठिन है। जहां वे शून्य से भी 50 डिग्री सेल्सियस कम (-50 °C) से भी कम तापमान के बीच रहेंगी। यहां हवाओं की रफ्तार भी काफी तेज होती है। आमतौर पर अंटार्कटिका 60 मील प्रति घंटे की गति से हवाएं चलती हैं।
700 मील लंबी यात्रा कर चुकी हैं प्रीत चंडी
प्रीत चंडी इससे पहले 40 दिन में दक्षिणी ध्रुव की यात्रा कर चुकी हैं। उन्होंने 700 मील की दूरी तय की है। ये सफर करने वाली वो दुनिया का पहली अश्वेत महिला हैं। उन्हें पोलर प्रीत के नाम से भी जाना जाता है।
अंटार्कटिका के सफर की ट्रेनिंग ले रही प्रीत
दक्षिणी ध्रुव की यात्रा के बाद प्रीत अब अपने दूसरे चरण के अभियान के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं। जिसमें उन्हें 1,000 मील से अधिक दूरी तय करनी होगी। इसके लिए वो कड़ा अभ्यास कर रही हैं। साथ ही वो अंटार्कटिका एक्सपर्ट की भी सहायता ले रही हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट से पहले अल्ट्रामैराथन रेसर भी रही हैं प्रीत
ब्रिटिश में सेना में रहकर प्रीत ने फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा की। इससे पहले वो अल्ट्रामैराथन धावक भी रही हैं। उन्होंने 156 मील की मैराथन रेस में हिस्सा लिया था। उन्होंने एक ब्लॉग पर लिखा 'अब इतनी सारी चीजें कर रही हैं कि मैंने सोचा नहीं था। आप भी अपने आप को सीमित न करें.'
कौन हैं कैप्टन प्रीत चंडी?
कैप्टन प्रीत चंडी ब्रिटिश सेना की चिकित्सा अधिकारी हैं। उनकी उम्र 33 साल है। प्रीत का उद्देश्य अंटार्कटिका का सफर खुद के दम पर करना है। वे इसके लिए किसी भी प्रकार की बाहरी मदद नहीं ले रही हैं।
क्या है अंटार्कटिका?
पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव में स्थित अंटार्कटिका दक्षिणी महाद्वीप का स्थल है। पृथ्वी का ये हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है। यहां जाने वाली अधकतर यात्री अंटार्कटिक प्रायद्वीप की यात्रा करते हैं, जो दक्षिण अमेरिका की ओर फैला है। ये पृथ्वी का एक अलग-थलग इलाका है। जहां पेंगुइन समेत कई वन्यजीव रहते हैं। यहां का तापमान शून्य से काफी कम रहता है। अंटार्कटिका सामान्य तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। इसकी बनावट और वातावरण के आधार पर इसे दूसरी दुनिया भी कहा जाता है।
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