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अमरीका: सबसे बड़े हॉटस्पॉट इलाक़े में कैसे फैलता चला गया कोरोना?

अमरीका में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा कलस्टर साउथ डाकोटा प्रांत में कैसे बन गया?दरअसल यहां के एक सूअर मांस की फैक्ट्री में कोरोना का संक्रमण जंगल में लगी आग की तरह फैलता गया. इस बीच में यह सवाल बना रहा कि इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों के बचाव के लिए क्या कुछ किया. यह 25 मार्च की दोपहर का वक्त था. जूलिया अपने लैपटॉप को लेकर बैठी, 

By जेसिका लूसेनहॉप
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फैक्ट्री और वायरस का ग्राफिक
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फैक्ट्री और वायरस का ग्राफिक

अमरीका में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा कलस्टर साउथ डाकोटा प्रांत में कैसे बन गया?

दरअसल यहां के एक सूअर मांस की फैक्ट्री में कोरोना का संक्रमण जंगल में लगी आग की तरह फैलता गया. इस बीच में यह सवाल बना रहा कि इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों के बचाव के लिए क्या कुछ किया.

यह 25 मार्च की दोपहर का वक्त था. जूलिया अपने लैपटॉप को लेकर बैठी, उन्होंने अपने नकली फेसबुक एकाउंट पर लॉग इन किया. ये एकाउंट उन्होंने मिडिल स्कूल के दौरान खोला था, इस एकाउंट के जरिए वह उन लड़कों पर नजर रखा करती थीं, जिन्हें लेकर वह क्रश महूसस करती थीं. अब कई सालों के बाद यह एकाउंट उनकी कहां ज्यादा मदद करता है.

जूलिया ने अपने एकाउंट से एकाउंट पते Argus911 पर एक मैसेज भेजा, "क्या आप स्मिथफील्ड को देख सकते हैं?". यह एकाउंट स्थानीय समाचार पत्र Argus Leader का फेसबुक पेज है, जिसका इस्तेमाल खबरों की सूचना देने के लिए भी किया जाता है.

जूलिया ने आगे लिखा, "वहां कोरोना पॉजिटिव का मामला है लेकिन वे अपने प्लांट को खोले रखने की योजना बना रहे हैं." जूलिया स्मिथफील्ड फूड्स पोर्क प्रोसेसिंग प्लांट का जिक्र कर रही हैं. यह प्लांट उनके शहर साउथ डाकोटाके सियोक्स फॉल्स में स्थित है. यह फैक्ट्री आठ मंजिली विशालकाय इमारत है जो बिग सियोक्स नदी के किनारे स्थित है.

यह अमरीका में सूअर मांस से संबंधित खाद्य सामाग्री प्रोसेस करने वाली नौवीं सबसे बड़ी फैक्ट्री है. जब यह फैक्ट्री अपनी पूरी क्षमता से काम करती है तो यहां हर दिन 19,500 सूअर के मांस के टुकड़े काटे जाते हैं, उन्हें भूना जाता है. इससे लाखों पाउंड भार वाले मांस के टुकड़े, हॉट डॉग्स और स्पाइरल कट हैम तैयार किए जाते हैं. इस फैक्ट्री में करीब 3700 कर्मचारी काम करते हैं, कर्मचारियों के हिसाब से शहर की चौथी सबसे बड़ी फैक्ट्री है.

Argus911 एकाउंट ने प्रतिक्रिया में कहा, "सूचना देने के लिए धन्यवाद. टेस्ट में जो वर्कर कोरोना पॉजिटिव आया है, वह वहां कौन सा काम करता था?"

जूलिया ने जवाब में लिखा, "हमें ठीक ठीक मालूम नहीं है."

Argus911 ने जवाब दिया, "ओके, धन्यवाद. हमलोग संपर्क में रहेंगे."

मास्क पहने सूअर का ग्राफिक
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मास्क पहने सूअर का ग्राफिक

अगले दिन सुबह 7.35 बजे, Argus Leader ने अपनी वेबसाइट पर स्टोरी प्रकाशित की, जिसका शीर्षक था- स्मिथफील्ड फूड्स के कर्मचारी को कोरोना वायरस संक्रमण. ख़बर लिखने वाले रिपोर्टर ने कंपनी की प्रवक्ता से इसकी पुष्टि की थी कि टेस्ट में एक कर्मचारी पॉजिटिव पाया गया है और उसे 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया है. कंपनी की प्रवक्ता ने यह भी बताया कि पॉजिटिव पाए गए कर्मचारी के काम की जगह और कॉमन स्पेस को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है. लेकिन फैक्ट्री पूरी तरह से काम कर रही है क्योंकि फूड प्लांट, ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्धारित क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का हिस्सा है.

जूलिया ने की कोशिश

स्मिथफील्ड के सीईओ केनेड सुलिवन ने 19 मार्च को जारी अपने ऑनलाइन वीडियो संदेश में फैक्ट्री खोले रखने के फैसले के बारे में कहा था, "फूड हमलोगों के जीवन का आवश्यक हिस्सा है. हमारी टीम के 40 हज़ार सदस्य, अमरीकी किसानों के परिवारों के हजारों सदस्य और हमारे सप्लाई चेन के अन्य साझादीर सब मिलकर कोविड-19 के खिलाफ चलाए जा रहे मुहिम का हिस्सा हैं. हम अपने कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर संभव बचाव के उपाय कर रहे हैं."

लेकिन जूलिया सर्तक हो गई थी. याद करते हुए उन्होंने कहा, "अफवाह तो ये भी थी कि इससे पहले भी मामले हुए हैं. मैं ये तो सुन रही थी कि स्मिथफील्ड के लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. लेकिन ये जानकारी केवल मुंहजुबानी मिल रही थी."

जूलिया स्मिथफील्ड फैक्ट्री में काम नहीं करती हैं. वह करीब 20 साल की ग्रेजुएट की छात्रा हैं, जो कोविड-19 महामारी के चलते यूनिवर्सिटी बंद होने के बाद घर में कैद हैं. जूलिया के माता पिता, दोनों लंबे समय से स्मिथफील्ड के कर्मचारी हैं.

जूलिया ने अपने माता-पिता के बेहद करीब हैं. ये दोनों अपनी बेटी को फैक्ट्री में होने वाली बातों की हर दिन जानकारी देते थे. फैक्ट्री में काम करने वाले तमाम कर्मचारियों के बच्चे व्यस्क हो चुके हैं, जूलिया भी उनमें एक है. ये बच्चे प्रवासी मजदूरों के पहली पीढ़ी है, इनमें से कुछ तो अपने को स्मिथफील्ड के बच्चे कहते हैं. लेकिन फैक्ट्री में कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए जूलिया इन बच्चों में से सामने आयीं.

जूलिया ने कहा, "मेरे माता-पिता अंग्रेजी नहीं जानते हैं. वे अपने हितों की बात खुद से नहीं कह सकते. उनके लिए किसी को बोलना पड़ता है."

जूलिया का परिवार सियोक्स फॉल्स के दूसरे परिवारों की तरह ही हरसंभव वह कोशिश कर रहा था जिससे कोई बीमार नहीं हो. जूलिया के माता-पिता काम के घंटों के बाद अपना पूरा वक्त घर पर ही बिताते थे. काम से लौटने के बाद वे बाहर ही अपने जूते उतार लेते थे और सीधे नहाने जाते थे. जूलिया अपने माता पिता के लिए वालमार्ट से कपड़ों का हेडबैंड ले आयीं थीं जिससे काम करते वक्त इन दोनों के मुंह और नाक ढके रहते थे.

जूलिया के लिए मीडिया को इसकी खबर देना भी एक तर्कसंगत कदम था, जिसके बहाने वह अपने माता पिता को सुरक्षित रखना चाहती थीं. वह चाहती थी कि इस प्लांट को बंद करने का पब्लिक प्रेशर बने, जिससे माता-पिता घर ही रहें.

लेकिन यह तीन सप्ताह तक चली बेचैनी की शुरुआत थी क्योंकि उसके माता पिता को फैक्ट्री जाना ही पड़ रहा था. हालांकि वे जानते थे कि वे संक्रमित हो सकते थे लेकिन नौकरी खोने का जोखिम वे नहीं उठा सकते थे. वे फैक्ट्री की प्रॉडक्शन लाइंस में अपने सहकर्मियों से एक फीट से कम दूरी पर खड़े होते थे. उन्हें भीड़ वाले लॉकर रूम में जाना पड़ता था. उन्हें रास्ते से गुजरने के अलावा कैंटीन भी जाना पड़ता था, जहां दूसरे लोग भी होते थे.

इसी तीन सप्ताह के दौरान स्मिथफील्ड कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण बढ़ना शुरू हो चुका था. पहले 80 कर्मचारी संक्रमित हुए, फिर 190 और इसके बाद 238.

पैकेज्ड फ़ूड
Getty Images
पैकेज्ड फ़ूड

15 अप्रैल को साउथ डाकोटाके गवर्नर ऑफिस से पड़े दबाव के बाद स्मिथफील्ड फैक्ट्री को बंद किया गया. तब तक यह प्लांट अमरीका का नंबर एक हॉटस्पॉट बन चुका था. इस कलस्टर में कोरोना के 644 मरीजों की पुष्टि हो चुकी थी, जिसमें स्मिथफील्ड के कर्मचारी और उनके संपर्क में आए लोग शामिल थे.

साउथ डाकोटामें कोरोना संक्रमण के जितने भी मामले सामने आए थे उनमें से 55 प्रतिशत लोग स्मिथफील्ड के चलते संक्रमित हुए थे. न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मिथफील्ड फूड्स प्लांट के चलते संक्रमण के मामले आण्विक क्षमता से लैस अमरीकी युद्धपोत यूएसएस थियोडर रोजवेल्ट नेवल शिप और इलिनोसिस के कुक काउंटी जेल, शिकागो से भी बढ़ गए थे.

फूड इंडस्ट्री के कामगारों की मजबूरी

अस्पताल में स्मिथफील्ड के एक कर्मचारी की मौत के एक दिन के बाद ये आंकड़े जारी किए गए. उस कर्मचारी की पत्नी एंजेलिया ने बीबीसी को स्पेनिश में कहा, "वह फैक्ट्री में संक्रमित हुआ था. इससे पहले वह काफी स्वस्थ्य था. मेरे पति के अलावा और भी लोगों की मौत होगी."

स्मिथफील्ड पोर्क प्लांट, रिपब्लिकों के नेतृत्व वाले राज्य में स्थित है. यह उन पांच राज्यों में एक है जहां अमरीका ने किसी तरह के शेल्टर प्लान का आदेश जारी नहीं किया था. वैश्विक महामारी ने जिस तरह की सामाजिक आर्थिक विषमताओं को नंगा किया है, उसकी झलक यहां दिख सकती है.

देश में कई व्हाइट कॉलर वर्करों को अपने अपने घरों से काम करने की अनुमति दी गई थी लेकिन फूड इंडस्ट्री को आवश्यक सेवाओं में गिना गया और यही वजह है कि स्मिथफील्ड फैक्ट्री के कर्मचारी फ्रंटलाइन पर काम करते रहे.

ब्रूकिंग इंस्टीट्यूट के फेलो एंडी टोमर ने बताया, "आवश्यक सेवा के तहत आने वाले इन वर्करों का वेतन अमरीका की औसत नौकरियों के वेतन से कम है. कई नौकरियों से तो बहुत ज्यादा कम. इनमें घरों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने वाले और कैशियर इत्यादि को भी फ्रंट लाइन पर काम करना पड़ रहा है. उन्हें अपने काम की जगह पर मौजूद होना पड़ता है. इनकी कामकाजी आबादी में ज्यादातर लोग अफ्रीकी या लैटिन अमरीकी मूल के हैं."

स्मिथफील्ड फूड प्लांट के वर्करों में ज्यादातर अप्रवासी और शरणार्थी हैं जो म्यानमार, इथोपिया, नेपाल, कांगो और अल सल्वाडोर जैसे देशों से आए हैं. इस प्लांट में 80 विभिन्न भाषाएं सुनने को मिलती हैं. इन लोगों को औसतन प्रति घंटे 14 से 16 डॉलर की दर से पारिश्रमिक मिलती है. इनके काम के घंटे ज्यादा होते हैं और काम भी भयंकर रूप से थकाने वाला होता है. इसमें प्रॉडक्शन लाइन में लोगों को घंटों तक खड़ा होना पड़ता है. इस दौरान साथ काम करने वाले से उनकी दूरी एक फीट से कम ही होती है.

बीबीसी ने स्मिथफील्ड के आधे दर्जन मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से बात की. इन लोगों का कहना है कि उन्हें काम पर जाते हुए डर लग रहा था लेकिन रोजगार और स्वास्थ्य में से किसी एक को चुनना उनके लिए आसान नहीं था.

25 साल के एक कर्मचारी की पत्नी आठ महीने की गर्भवती है. उसने बताया, "काफी ज्यादा खर्च है. मेरा बेबी भी आने वाला है इसलिए मुझे काम करना पड़ रहा था. मुझे चिंता होती थी कि अगर मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया तो मैं अपनी पत्नी को भी संक्रमित होने से नहीं बचा पाऊंगा."

मास्क का ग्राफिक
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मास्क का ग्राफिक

दरअसल, अमरीका के फूड प्रोसेसिंग प्लांटों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. इससे अमरीकी फूड सप्लाई चेन के बाधित होने का खतरा तक उत्पन्न हो गया था. कर्मचारियों में पांच की मौत और 103 के कोरोना संक्रमित होने के चलते कोलारोडो के जेबीएस मीट पैकिंग प्लांट को भी बंद करना पड़ा. आयोवा के टायसन फूड्स प्लांट के दो कर्मचारियों की मौत हो गई जबकि 148 कर्मचारी बीमार पड़ गए.

लेकिन सियोक्स फॉल्स के बड़े मीट प्रोसेसिंग फैसिलिटी के बंद होने से सप्लाई के प्रभावित होने की आशंका थी. इसके अलावा सूअर की ब्रीडिंग करने वाले किसानों के सामने भी संकट उत्पन्न होने का खतरा था. सियोक्स फॉल्स प्लांट में करीब 550 स्वतंत्र फार्म सूअरों की आपूर्ति किया करते थे.

इसलिए इस प्लांट के बंद करने की घोषणा करने के वक्त स्मिथफील्ड के सीईओ ने सुलिवन ने मांस की आपूर्ति के लिहाज से गंभीर और संभवत विनाशकारी नतीजों की आशंका जताई थी.

लेकिन स्मिथफील्ड के कर्मचारियों, कर्मचारियों के यूनियन के प्रतिनिधियों और सियोक्स फॉल्स के अप्रवासी समुदाय की वकालत करने वाले, सभी ने माना कि प्लांट को बंद करने की स्थिति से बचाया जा सकता था. इन सबने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट (पीपीई) के शुरुआती मांग की उपेक्षा की गई, बीमार पड़े मजदूरों को इंसेंटिव का लालच देकर काम कराया जाता रहा और प्लांट में कोरोना वायरस फैलने की खबर भी वर्करों से छिपाई गई जबकि इससे उनके परिवार और बाहर के लोगों को भी खतरा था.

स्पेनिश भाषा में खबरों का प्लेटफॉर्म क्यू पासा सियोक्स फॉल्स की संस्थापिका नैंनी रेनोजा ने बताया, "अगर सरकार चाहती थी कि कंपनी करती रहे तो यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह देखती कि इन कंपनियों ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए क्या क्या उपाय किए हैं." नैंनी बताती हैं कि वे स्मिथफील्ड के कर्मचारियों की मुश्किलों के बारे में बीते कई सप्ताह से सुन रहीं थीं.

बीबीसी ने स्मिथफील्ड के पास अपने सवालों और कर्मचारियों के आरोपों की विस्तृत सूची भेजी थी लेकिन स्मिथफील्ड की ओर से व्यक्तिगत मामलों के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

कंपनी की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है, "सबसे पहली बात तो यही है कि हर दिन हमारे कर्मचारियों और समुदाय का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता रही. फरवरी की शुरुआत में ही हमने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए थे. मार्च की शुरुआत से ही हमने अपने यहां की यूनिटों में किसी संभावित कोविड-19 के मामलों को संभालने के लिए सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के निर्देशों के तहत संबंधित प्रक्रिया और प्रोटोकॉल्स का पालन शुरू कर दिया था."

लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जूलिया जैसे लोगों में डर बढ़ रहा था क्योंकि उसकी मां का स्वास्थ्य बहुत ठीक नहीं रहता था. जूलिया को यह भी लगने लगा था कि उसके माता पिता अपनी नौकरी बचाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं.

जूलिया ने बताया, "मेरे लिए मेरे माता-पिता सबकुछ हैं. मैंने सोचना शुरू कर दिया था कि जब वे नहीं होंगे तो मेरा किया होगा." ऐसा बताते हुए जूलिया की आवाज टूटने लगी. उन्होंने बताया, "दरअसल मैं लोगों को यह बताना चाहती थी कि वहां क्या हो रहा था ताकि उन चीजों का रिकॉर्ड रखा जा सके कि कंपनी क्या नहीं किया."

फैक्ट्री में काम करते कर्मचारी
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फैक्ट्री में काम करते कर्मचारी

अहमद ने पहली बार नीला को स्मिथफील्ड प्लांट में ही अपनी शिफ्ट के दौरान देखा था. अहमद को नीला खूबसूरत लगी थी और नीला को अहमद की हंसी पसंद आई थी.

अहमद और नीला की स्टोरी

जब अहमद ने आसपास के लोगों से नीला के बारे में पूछा तो उसे मालूम हुआ कि दोनों इथोपिया के एक ही गांव के हैं और दोनों एक ही भाषा ओरोमो बोलने वाले हैं.

अहमद ने याद करते हुए बताया, "यह जानकर मैं काफी खुश हो गया था. अपने ब्रेक टाइम में मैं उसे ढूढ़ने लगा कि वह कहां काम करती थी. जहां वह काम कर रही थी वहां जाकर ही रुका. मैं ने उससे कहा क्या चल रहा है. मैंने उससे यह भी कहा कि तुम खूबसूरत हो."

इसके बाद अहमद, नीला को मशहूर न्यू अमरीकन रेस्टोरेंट में ले गए. इसके बाद दोनों एक सप्ताह की छुट्टियों पर विसकोंसिन डेल्स गए. विसकोंसिन डेल्स छुट्टियों पर सैर सपाटे के लिए बेहद मशहूर है, यहां गर्म पानी के झरने भी हैं. दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे, इसके बाद दोनों ने शादी कर ली.

अब नीला आठ महीने की गर्भवती है. दोनों को पहली संतान का इंतजार है. नीला ने दिसंबर में ही स्मिथफील्ड में काम छोड़ दिया था. लेकिन अमहद को काम पर जाना पड़ रहा था. हर वक्त उसे यह डर सताता रहता था कि अगर वह संक्रमित हुआ तो फिर उसकी पत्नी और होने वाला बच्चा भी संक्रमित हो जाएगा, क्योंकि सातवें महीने के बाद से गर्भवती नीला को चलने के लिए अहमद की मदद लेनी होती थी. दोनों एक दूसरे को आइसोलेट करके रहने की स्थिति में नहीं थे.

अहमद ने बताया कि उनके दो दोस्त कोरोना से संक्रमित हो गए थे. इसके बाद अहमद को खुद में भी कोरोना के लक्षण दिखने लगे थे.

नीला ने बताया, "स्मिथफील्ड अपने कर्मचारियों की कोई चिंता नहीं करते. उन्हें केवल अपने पैसों की चिंता होती है."

सियोक्स फॉल्स प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों के संघ एएफएल-सीआईओ के अध्यक्ष कूपर कारावे के मुताबिक मार्च की शुरुआत में ही स्मिथफील्ड प्रबंधन से यूनियन ने कई कदम उठाने की मांग की थी जिसमें कर्मचारियों के बचाव के लिए काम की शिफ्टों और लंच की टाइमिंग में बदलाव की बात शामिल थी.

प्लांट में लंच टाइम में एक वक्त में 500 लोग कैंटीन में खाने के लिए जमा हो जाते थे. कूपर के मुताबिक यूनियन ने प्रबंधन से कर्मचारियों को मास्क और ओवरकोट जैसे प्रोटेक्टिव गियर देने की मांग की थी, इसके अलावा प्लांट के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन स्टेशन बनाने की मांग भी की गई थी.

कूपर ने बताया, "हमने ये मांगें तब रखी थी जब प्लांट में कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं थी लेकिन प्रबंधन ने कर्मचारियों की मांग को गंभीरता ने नहीं लिया."

टिम कंपनी के नए कर्मचारी थे, उन्होंने ओरिएंटेशन के दौरान अपने बगल में बैठे किसी से कोरोना के पहले मामले के बारे में सुना था. टिम के मुताबिक शुरुआती घोषणा के बाद कंपनी ने इस मामले पर चुप्पी साध ली.

टिम ने बताया, "हमने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बारे में कुछ नहीं सुना था. हम सोचते थे कि स्थिति अच्छी है."

इसके बाद आठ अप्रैल को साउथ डाकोटाके स्वास्थ्य विभाग ने प्लांट में 80 कमर्चारियों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि की. कई कर्मचारियों ने बीबीसी को बताया कि उन्हें इसकी जानकारी स्मिथफील्ड प्रंबधन के बदले मीडियो रिपोर्ट्स से मिली.

जूलिया की मां हेलन ने बताया, "मुझे भी मेरे सहकर्मियों से पता चला कि मेरे विभाग में कुछ लोग संक्रमित हो गए थे."

गले मिलते दो लोग
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गले मिलते दो लोग

फैक्ट्री के मुख्य दरवाजे पर सफेद टेंट में थर्मल स्क्रीनिंग स्टेशन मौजूद है लेकिन रेयनोजा और कारावे दोनों के मुताबिक निर्धारित तापमान से ज्यादा तापमान वाले कर्मचारियों को भी फैक्ट्री के अंदर आने दिया जाता था. वहीं हेलन के मुताबिक अगर कर्मचारी इस थर्मल स्क्रीनिंग से बचाना चाहते थे तो उन्हें बगल के दरवाजे से जाने दिया जाता था.

स्मिथफील्ड प्रबंधन ने दूसरे बदलाव भी किए, जैसे कर्मचारियों के लंच करने की जगह एक दूसरे से होने वाले संपर्क को कम करने के लिए टेबल पर कार्डबोर्ड लगाकर क्यूबिकल जैसा रूप दे दिया गया, शिफ्टों में भी बदलाव किए गए और हाथों को सैनिटाइज करने वाले स्टेशन बनाए गए. लेकिन कई कर्मचारियों ने बताया कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट के नाम पर चेहरे पर लगाने के लिए जाल वाले नेट्स दिए जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर साबित नहीं होते हैं. कर्मचारियों ने अपने दावे के साक्ष्य के लिए तस्वीरें भी भेजी हैं, जिससे उनका दावा सही मालूम पड़ता है.

कंपनी में क्या क्या व्यवस्था थी?

कारावे ने बताया, "मैंने कहीं नहीं पढ़ा है कि सीडीसी ने चेहरे पर जाल लगाने का कहा है और इससे बचाव होने की बात कही है."

स्मिथफील्ड ने जाल वाले नेट्स से जुड़े सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ना ही अपने कर्मचारियों को कंपनी किस तरह के पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स मुहैया करा रही थी, इसके बारे में कोई जानकारी दी है. कंपनी ने अपने जवाब में कहा, "सप्लाई चेन पर दबाव को देखते हुए हमलोगों ने लगातार अपने कर्मचारियों को थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा मुहैया कराए. कर्मचारियों को मास्क उपलब्ध कराए जबकि इनकी आपूर्ति बेहद कम हो रही है."

मिनिसोटा के वर्थिंगटन का जेबीएस प्लांट सियोक्स फॉल्स से 30 मिनट की दूरी पर स्थित है. स्टार ट्रिब्यून अखबार से कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनकी कंपनी ने कर्मचारियों को गलव्स, सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड्स और ओवरकोट्स मुहैया कराए थे. पिछले सप्ताह में एक ही दिन में जेबीएस प्लांट में कोरोना के 19 संक्रमित मामले सामने आए थे. टायसन फूड्स की एक प्रवक्ता ने न्यूयार्क टाइम्स से बताया कि उनके यहां इस बारे में नीति लागू की गई थी अगर कोई कर्मचारी किसी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आया हो तो उसे इसके बारे में जानकारी दी जाएगी.

इसकी प्रतिक्रिया में कुछ कर्मचारी प्लांट में अपने मास्क के साथ आने लगे और कुछ ने परिवार के अन्य सदस्यों से खुद को क्वारंटीन कर लिया.

कालेब स्मिथफील्ड में 12 साल से काम कर रहे हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया कि पिछले दो सप्ताह से उन्होंने खुद को, पत्नी, छह महीने की बेटी और तीन साल के बेटे से अलग एक कमरे में कैद कर रखा है क्योंकि वे इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि हर दिन काम से घर लौटने पर उनका परिवार संक्रमित नहीं होगा.

उन्होंने बीबीसी को बताया, "आप जानते हैं कि मेरा बेटा कमरे के दरवाजे को खटखटाता है, कहता है डैडी बाहर आओ. मैं उससे कहता हूं कि ममा के पास जाओ. मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. मैं क्या कर सकता हूं? मैं अपने परिवार को बचाना चाहता हूं."

कालेब जैसे कर्मचारियों को काम छोड़ना पड़ा है, लेकिन उन्हें कोई बेरोजगारीभत्ता नहीं मिल पाएगा. ये वीजा धारक इस बात को लेकर भी गुस्से में हैं कि अगर उन्होंने बेरोजगारीभत्ते के लिए आवेदन भी कर दिया तो उन्हें पब्लिक चार्जेंस के तौर पर समझा जाएगा और उन्हें ट्रंप प्रशासन द्वारा पिछले साल लागू नए नियम के मुताबिक उन्हें स्थायी निवास के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है.

कोरोना वायरस एड, सहायता और आर्थिक सुरक्षा देखभाल के कानून में वे लोग शामिल नहीं हैं जिनका स्टेट्स मिक्स्ड है या फिर उनके घर के किसी सदस्य के कागजात पूरे नहीं हैं.

साउथ डाकोटावायसेज फॉर पीस के कार्यकारी निदेशक और अप्रवासियों की वकील तानिजा इस्लाम बताती हैं, "इन लोगों को कुछ भी नहीं मिलेगा. इनके सामने एक ही विकल्प है. इन्हें काम पर जाना ही होगा यानी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लिए खुद को एक्सपोज करना होगा."

नौ अप्रैल को स्मिथफील्ड के 80 कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी थी तब ईस्टर के मौके पर प्लांट को तीन दिनों के लिए बंद किया गया. बताया गया कि इस दौरान प्लांट को पूरी तरह साफ किया जाएगा और मंगलवार से प्लांट एक बार फिर अपनी पूरी क्षमता से काम करने लगेगा.

कंपनी के बयान में कहा गया है, "कंपनी ने 11 अप्रैल को बड़े हिस्से में काम बंद रखा था, जबकि 12 और 13 अप्रैल को प्लांट पूरी तरह बंद रखा गया था."

कब बंद हुआ काम

लेकिन बीबीसी को कर्मचारियों और कर्मचारियों के वकीलों से बात करके मालूम चला कि इन तीनों दिन भी प्लांट में काम करने वालों को बुलाया गया. रेयनोजा ने इन दिनों प्लांट में कर्मचारियों के आने और पार्किंग के भरे होने के वीडियो लिए हैं. कारावे भी बताते हैं कि उन्हें पता चला कि कंपनी अपनी 60-65 प्रतिशत क्षमता से चल रही थीं, इसका मतलब यही है कि प्लांट में इन दिनों भी सैकड़ों कर्मचारी काम कर रहे थे.

टिम ने ईस्टर के बाद वाले सोमवार को बीबीसी से बताया, "मैंने काम करना बंद नहीं किया था. मैंने शुक्रवार, शनिवार और रविवार को भी काम किया था. वे चाहते हैं कि मैं सोमवार को भी काम करूं. मैं डरा हुआ हूं. एकदम डरा हुआ हूं. मैं इसे शब्दों में नहीं बता सकता. लेकिन मेरे चार बच्चे हैं, जिनको पालना है. इसी कमाई से सिर पर छत है."

सियोक्स फॉल्स के मेयर पॉल टेनहेकन ने बताया कि स्मिथफील्ड ने जिस तरह से अपने प्लांट को बंद करने की घोषणा की थी उससे वे काफी प्रभावित हुए थे. उन्होंने यह भी माना कि जब उन्हें पता चला कि प्लांट में आंशिक रूप से काम चल रहा था तो उन्हें काफी अचरज हुआ था.

टेनहेकन ने बताया, "वे जो कदम उठा रहे थे उसमें थोड़ी और पारदर्शिता होनी चाहिए थी. जो संदेश उन्होंने लोगों को दिया वह वास्तविक योजना से अलग था." स्मिथफील्ड ने अपने कर्मचारियों को महीने के अंत तक अपनी शिफ्टों में काम पूरा करने पर 500 डॉलर के रिस्पांस्बिलिटी बोनस देने का एलान कर दिया. यह एक तरह से असुरक्षित स्थितियों में काम करने के लिए रिश्वत देने जैसा था.

चाइल्ड केयर सेंटर, चिल्ड्रेन ऑफ स्मिथफील्ड की सारा टेलाहुन बिरहे के मुताबिक उनकी मां ने पहले काम पर नहीं लौटने का फैसला लिया था लेकिन जब उन्होंने बोनस के बारे में सुना तो उन्होंने अपना फैसला बदल लिया. सारा ने बताया, "हम इस बात से बेहद दुखी थे कि वह महज 500 डॉलर के लिए काम पर जा रही हैं."

स्मिथफील्ड ने अपने बयान में कहा है कि यह बोनस कंपनी #ThankAFoodWorker इनिशिएटिव का हिस्सा था. कंपनी ने अपने बयान में कहा, "जो कर्मचारी कोविड-19 संक्रमण या इलाज के चलते काम पर नहीं आ पाए उन सबको भी रिस्पांस्बिलिटी बोनस मिलेगा."

एक तो प्लांट में काम जारी रहने और दूसरे प्लांट के कर्मचारियों में संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले के चलते 11 अप्रैल को साउथ डाकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम और सायोक्स फॉल्स के मेयर टेनहेकेन ने संयुक्त रूप से स्मिथफील्ड को एक पत्र भेजकर प्लांट को 14 दिनों के लिए बंद करने को कहा. अगले दिन स्मिथफील्ड प्रबंधन ने घोषणा की प्लांट 15 अप्रैल से बंद होगा, यानी बंद के आदेश दिए जाने के बाद भी प्लांट में एक दिन काम हुआ.

कारावे ने बताया कि जो वर्कर 14 अप्रैल यानी मंगलवार को काम पर गए थे, उन्हें आम मजदूरी की तुलना में दोगुनी मजदूरी मिली थी, लेकिन प्लांट पूरी तरह से साफ नहीं था. कारावे ने बताया, "कर्मचारी गंदी इमारत में ही काम करने गए थे."

स्मिथफील्ड ने प्लांट को पूरी तरह से सफाई किए जाने के सवाल का जवाब तो नहीं दिया लेकिन बताया है, "हमारे प्लाटं पूरी तरह साफ होते हैं और हर दिन उन्हें सैनिटाइज भी किया जाता रहा है."

जूलिया के माता पिता को भी 14 अप्रैल को काम पर लौटना था. 14 दिनों के लिए प्लांट बंद किए जाने से पहले यह काम का आखिरी दिन था. लेकिन इससे पहले शनिवार को हेलन को खांसी होने लगी. अगले दिन सियोक्स फॉल्स में बर्फबारी जैसी धुंध छाई हुई थी लेकिन जूलिया ने अपनी मां पर कोरोना टेस्ट के लिए दबाव डाला. हेलने ने पहले तो कहा कि वह पूरी तरह ठीक हैं, इसकी कोई जरूरत नहीं है.

लेकिन जूलिया उन्हें मनाती रहीं. जूलिया ने बताया, "मेरी मां को डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करती हैं." लेकिन आखिर जूलिया ने अपनी मां को मना लिया. हेलन स्थानीय अस्पताल के टेस्टिंग केंद्र में गई. वहां उनके दोनों नथुनों से स्वैब लेकर उन्हें वापस घर भेज दिया गया.

जूलिया की मां को कोरोना

हेलन सोच रही थीं, "अगर मुझे कोविड-19 हुआ तो यह मुझे फैक्ट्री से ही हुआ है. मैं ने इस सप्ताह तीन अलग अलग फ्लोर पर काम किया था. दो अलग अलग कैंटीन में खाना खाया था. मैं फैक्ट्री की हर जगह गई थीं, हर जगह को टच किया था. मैं पूरे प्लांट में घूम चुकी थी."

मंगलवार को दोनों को काम पर लौटना था. हर दिन की तरह के जूलिया के माता-पिता चार बजे सुबह उठ गए थे. उन्होंने स्मिथफील्ड प्लांट में फोन करके बताया कि वे काम पर नहीं आ पाएंगे क्योंकि हेलन ने कोरोना संक्रमण का टेस्ट कराया है और उसकी रिपोर्ट आनी वाली है.

आखिरकार रिपोर्ट वाली कॉल दोपहर में आयी.

जूलिया ने मेडिकल टेक्नीशियन से अपनी मां के मोबाइल फोन पर बात की, माता-पिता उनका चेहरा देख रहे थे ताकि प्रतिक्रिया से उन्हें नतीजे का पता चले. जब जूलिया के कानों कोविड-19 पॉजिटिव सुनाई दिया तो उसने इशारे से अंगूठा दिखाया ताकि उन्हें मालूम हो कि रिजल्ट पॉजिटिव आया है. हेलन और जुआन, ने उसे गलत समझ लिया. वे एक दूसरे के नजदीक पहुंचे और कोरोना नहीं होने को सेलीब्रेट करने की मुद्रा में आ गए. बुरी तरह डरी जूलिया ने तब उन्हें बताया कि मां कोरोना संक्रमित हो चुकी हैं. उसके पिता किचन में चले गए जहां जूलिया ने उन्हें आंसू पोछते देखा.

जिस दिन हेलेन का कोरोना टेस्ट का नतीजा आया उसी दिन स्मिथफील्ड प्लांट के मुद्दे ने राजनीतिक रूप ले लिया. मेयर टेनहेकेन ने आधिकारिक तौर पर गवर्नर नोएम से अनुरोध किया के वे शेल्टर इन प्लेस ऑर्डर घोषित कर दें और सियोक्स फॉल्स के आस पास वाले इलाके को आइसोलेशन सेंटर घोषित कर दें. नोएम इन दोनों अनुरोधों को मानने से इनकार कर दिया. संक्रमण के बढ़ते मामले के बाद भी नोएम ने साउथ डाकोटा में शेल्टर इन प्लेस का आर्डर जारी नहीं किया. नोएम ये कहती रहीं कि ऐसे आर्डर से स्मिथफील्ड के संक्रमण मामले को रोकना संभव नहीं था.

हेलन ने कहा, "यह पूरी तरह झूठ है." लेकिन उन्होंने टेस्ट के बाद पहले स्तर पर दवा हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्वीन लेनी शुरू की. इस दवा को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस इलाज के मामले में गेम चेंजर दवा बताया है.

इसी दिन आस्टिन रोड्रिगेज मार्टिनेज की अस्पताल में मौत हो गई. मूल रूप से अल सल्वाडोर के मार्टिनेज एक धार्मिक आस्था वाले शख्स थे. उनकी उम्र 64 साल की थी. स्मिथफील्ड फूडस प्लांट में कोरोना संक्रमण से पहली मौत मार्टिनेज की थी.

रेयनोजा बीते एक सप्ताह से मार्टिनेज के दोस्त थे. रेयनोजा के मुताबिक मार्टिनेज का काम सूअर के पांव पकड़ कर पटकने वाले उनके मुश्किल काम से उन्होंने शायद ही कभी शिकायत की. एंजेलिया से शादी करने से पहले मार्टिनेज ने उनके साथ महज एक महीने डेट किया था. दोनों ने एक दूसरे के साथ 24 साल बिताए.

मार्टिनेज अपनी पत्नी एंजेलिया के लिए राजकुमार थे.

एंजेलिया ने बताया कि जब एक दिन उसके पति काम से लौटे तो उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ है क्योंकि एंजेलिया ने जो लंच बनाकर उन्हें दिया था उस पैकेट को मार्टिनेज ने खोला भी नहीं. इसके बाद एक अप्रैल को मार्टिनेज में कोरोना के लक्षण आ गए. इससे सात दिन पहले स्मिथफील्ड ने सार्वजनिक तौर पर अपने यहां कोरोना वायरस संक्रमण की बात मानी थी.

पहले मार्टिनेज के सिर में दर्द था, फिर शरीर में दर्द बढ़ता गया. इसके बाद सांस लेने में तकलीफ होने लगी. एंजेलिया के मुताबिक वे जब आखिरी दिन फैक्ट्री गए थे, उस दिन उन्होंने बुखार में प्लांट की फर्श पर पोछे लगाए थे. लेकिन रविवार को उन्हें सांस लेने में मुश्किल होने लगी.

एंजेलिया उन्हें अस्पताल लेकर गई. लेकिन उन्हें अपने पति के साथ अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली. एंजेलिया को उनके पादरी ने बतायाकि मार्टिनेज को अस्पताल में तुरंत वेंटिलेटर भी मिल गया था. मार्टिनेज वेंटिलेटर पर दस दिनों तक रहे. 14 अप्रैल को उनकी मौत हो गई.

एंजेलिया ने बताया, "मैं उन्हें लेकर अस्पताल गई थी. खाली हाथ लौटी. अब मेरे पास कुछ भी नहीं है."

अपने पति के दुख में डूबी एंजेलिया को स्मिथफील्ड फूड प्लांट से काफी नाराजगी हैं, उनके मुताबिक प्लांट को पहले बंद करना चाहिए था. आंसू भरी आंखों से एंजेलिया ने बताया, "उन लोगों ने हमारी जिंदगगी के बदले कमाई की ज्यादा चिंता की. मालिकों को हमारे दुखों का अंदाजा तक नहीं है. माएं अपने बच्चों के लिए रो रही हैं. महिलाएं अपने पति के लिए रो रही हैं. यहां पर कोरोना संक्रमण के ढेरों मामले हुए हैं."

73 साल की एंजेलिया ने यह भी बताया कि उन्हें भी बलगम वाली खांसी होने लगी है.

हेलेन के कोरोना संक्रमित होने के दो दिन बाद जूलिया जब सोकर उठी तो उनके सिर में दर्द हो रहा था, खांसी हो रही थी और गला सूख रहा था. जब से उनके जीवन में कोरोना वायरस की महामारी आयी तबसे ये पहली रात थी जब जूलिया को अच्छी नींद आयी ती लेकिन जब वह सोकर उठीं तो और दिनों की अपेक्षा कहीं ज्यादा थकी हुई थीं.

जूलिया ने इसके बाद कोविड हॉटलाइन पर फोन किया और बताया कि वह स्मिथफील्ड प्लांट की वर्कर की बेटी हैं. फिर उन्होंने अपनी फर वाली जैकट पहनी. स्टीयरिंग व्हील को सैनिटाइज किया और मां की कार लेकर टेस्टिंग साइट की ओर निकल पड़ीं.

जूलिया का मनोबल बना हुआ था. हालांकि सच तो यह था कि उन्होंने अपने आस पड़ोस के इलाके में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किया थ. उन्होंने एक महीने पहले ही अखबार में सूचना भी दी थी. लेकिन प्लांट खुला रहा. उनकी मां कोरोना संक्रमित हो गई, पिता भी संक्रमण की चपेट में आ सकते थे. जूलिया का शह साउथ डाकोटामें कोरोना महामारी का केंद्र बना चुका था. लोग मर रहे थे.

और अब जूलिया खुद भी बीमार हो सकती थी. अस्पताल की ओर जाते हुए जूलिया ने बताया, "मैं केवल रोना चाहती थी, रोना."

जूलिया ने भी कराई जांच

पूरे शहर में स्मिथफील्ड के कर्मचारियों और उनके परिवार वालों की यही स्थिति थी. जिस दिन जूलिया की मां की पॉजिटिव रिपोर्ट आयी उसी दिन सारा तेलाहुन बिरहे की मां की रिपोर्ट निगेटिव आयी थी.

नीला और अहमद को खबर मिली की अहमद कोरोना संक्रमित हो चुका है. दोनों ने एक दूसरे को अलग कर लिया और अलग अलग कमरे में सोने लगे. वे आपस में मोबाइल संदेशों में बात करते थे. नीला अदरख की चाय बनाकर काउंटर पर रख देती थी, बाद में अहमद ले आता था और जिन चीजों को छुता था उसे सैनिटाइज भी करता था.

टिम ने बताया कि वह 14 अप्रैल यानी मंगलवार को वह अपनी अंतिम शिफ्ट करने स्मिथफील्ड प्लांट गया था. अगले दिन वह अपना टेस्ट कराने गया, उसे अपने रिजल्ट का इंतजार है. उसका कहना है कि उसके यूनिट के 20 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जब जूलिया अपना कोरोना टेस्ट कराने घर से निकली उसी वक्त सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) की टीम स्मिथफील्ड प्लांट पहुंची थी. उनके साथ प्रांत और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी शामिल थे.

साउथ डाकोटा के गर्वनर ऑफिस के मुताबिक सीडीसी अधिकारी वाशिंगटन डीसी से विमान से यहां पहुंचे थे ताकि वे देख सकें कि प्लांट में लोगों के बचाव के लिए क्या उपाय किए गए थे. तब तक स्मिथफील्ड ने मिसौरी और विस्कोनसिन के अपने दो प्लांट को बंद करने का फैसल ले लिया था हालांकि इन यूनिटों में कोरोना संक्रमण के मामले कम ही पाए गए थे.

मीट फैक्ट्री में काम करने वाले लोग
BBC
मीट फैक्ट्री में काम करने वाले लोग

जूलिया टेस्टिंग केंद्र के खुलने के महज 20 मिनट बाद वहां पहुंची थी, लेकिन उसकी कार के आगे 15 कारें खड़ी थीं. जूलिया ने कहा, "मुझे कतार में लगने से नफरत सी है." उन्होंने पानी की बोतल निकाली और पानी पीने लगी. लेकिन इस दौरान भी जूलिया को कफ आता रहा.

करीब 30 मिनट के बाद जूलिया वहां पहुंचीं जिसे आप बहुत बड़ा गैराज कह सकते हैं, वहां निर्देशों के साइन बोर्ड लगे हुए थे, अपना पहचान पत्र और इंश्यूरेंस कार्ड तैयार रखें.

इसके बाद के अपने मनोभावों के बारे में जूलिया ने बताया, "मुझे चिंता हो रही थी. क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मेरा टेस्ट हो."

लेकिन उनकी कार के सामने पूरी तरह प्रोटेक्टिव सूट, मास्क और ग्लव्स पहने एक हेल्थकेयर वर्कर ने जूलिया के दाएं और बाएं नथुने से स्वॉब का सैंपल लिया. जूलिया मुस्कुराने लगी और फिर झेंप गई. हेल्थकेयर वर्कर ने जूलिया से पूछा कि 'क्या टिश्यू पेपर चाहिए.' जूलिया ने कहा, 'हां, कृप्या करके दीजिए.'

इसके बाद जूलिया को निर्देश मिला कि वह घर जाए, घर पर ही रहे और कहीं बाहर नहीं जाए. इसके बाद जूलिया वहां से निकली. उन्होंने बताया, "यह इतना असहज था कि मैं तो रोने लगी थी. मुझे वास्तव में पार्किंग स्पेस की जरूरत थी जहां मैं खुद को थोड़ा संभालती."

जूलिया कार की स्टीयरिंग सीट संभाले पार्किंग स्पेस में गाड़ियों को आते जाते देख रही थी लेकिन उसे अंदेशा हो रहा था कि घर में नया संक्रमित मरीज के होने पर खुद को क्वारंटीन करना होगा. इसके बाद जूलिया ने सीधे अपने घर पहुंचने का फैसला लिया.

कुछ ही मिनटों के बाद जूलिया अपने घर के पास थी. उस घर के पास जिसका खर्च उठाने के लिए उसके माता पिता ने स्मिथफील्ड प्लांट में घंटों घंटों काम करते थे. लेकिन अब इसी घर में अगले 14 दिनों तक तीनों को क्वारंटीन होकर रहना होगा.

जूलिया ने बताया, "मेरे लिए इंतजार शुरू हो चुका था. मैं इस पर ज्यादा सोचना नहीं चाहती थी, लेकिन मैं सोच रही थी."

जूलिया की कोरोना टेस्ट का रिजल्ट पांच दिनों में आना है.

(इस स्टोरी में कई नाम अनुरोध पर बदल दिए गए हैं. एंजेलिका एम. कासास की एडिशनल रिपोर्टिंग और इमा लिंच के इलेस्ट्रेशन के साथ)

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English summary
America: How did Coronavirus spread in the largest hotspot area?
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