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29 मई को पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा 'खतरा', 47,196 km प्रति घंटे की होगी रफ्तार

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नई दिल्ली, 2 मई: इस महीने फिर से ब्रह्मांड में एक प्राकृतिक घटना होने वाली है, जिसका पृथ्वी से सीधा कनेक्शन है। एक बहुत ही तेज रफ्तार क्षुद्रग्रह हमारे बहुत पास से गुजरने वाला है, जिसे वैज्ञानिकों ने संभावित तौर पर खतरनाक आकाशीय घटना की श्रेणी में रखा है। वैसे इंसान अब इस तरह के कुदरती आफतों से बचाव के तरीके खोजने पर भी काम कर रहा है और हो सकता है कि महज तीन साल के अंदर कुछ बड़ा चमात्कार देखने को मिल जाए। फिलहाल चीन इस तरह की तकनीक विकसित कर रहा है।

क्षुद्रग्रह को दूरबीन से भी देख सकेंगे

क्षुद्रग्रह को दूरबीन से भी देख सकेंगे

सूर्य के चक्कर काट रहा 1.8 किलोमीटर चौड़ा ऐस्टरॉइड (क्षुद्रग्रह) इस महीने पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने वाला है। जो ऐस्टरॉइड पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला है, उसकी रफ्तार 47,196 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। हालांकि, यह क्षुद्रग्रह धरती को बिना नुकसान पहुंचाए गुजर जाएगा, लेकिन फिर भी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस बाहरी वस्तु को संभावित रूप से खतरनाक श्रेणी में रखा है। पालोमर ऑब्जर्वेटरी में 1989 में खोजे गए इस ऐस्टरॉइड को 1989 जेए नाम दिया गया है और जब यह धरती की कक्षा के पास होगा तो इसे दूरबीन से भी देखा जा सकेगा।

29 मई को पृथ्वी के पास से गुजरेगा क्षुद्रग्रह

29 मई को पृथ्वी के पास से गुजरेगा क्षुद्रग्रह

29 मई को पृथ्वी के पास से बहुत ही तेजी से गुजरते हुए यह ऐस्टरॉइड अपने ग्रह के 40,24,182 किलोमीटर नजदीक तक आ जाएगा, जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में खतरनाक तौर पर बेहद नजदीक माना जा रहा है। पिछली बार यह ऐस्टरॉइड 1996 में जब पृथ्वी के नजदीक आया था, तब वह सिर्फ 40 लाख किलोमीटर से थोड़े दूर से निकला था। अगली बार यह 2029 के सितंबर में इसी तरह पृथ्वी के पास से तेजी से गुजरेगा। यह सिलसिला 2055 और 2062 में भी चलेगा।

सौर मंडल के चट्टानी टुकड़े हैं क्षुद्रग्रह

सौर मंडल के चट्टानी टुकड़े हैं क्षुद्रग्रह

क्षुद्रग्रह करीब 4.6 अरब साल पहले सौर मंडल बनने के दौरान बचे हुए चट्टानी टुकड़े हैं। नासा के ज्वाइंट प्रपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) के मुताबिक एक ऐस्टरॉइड को तब पृथ्वी के नजदीक वस्तु के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है, जब यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के 1.3 गुना से कम दूरी पर होता है। जेपीएल क्षुद्रग्रहों की गतिविधियों को ट्रैक करता है। गौरतलब है की पृथ्वी से सूर्य की दूरी करीब 14,96,68,992 किलोमीटर है।

मार्च में भी हुई थी यह आकाशीय घटना

मार्च में भी हुई थी यह आकाशीय घटना

इस महीने जितना बड़ा ऐस्टरॉइड धरती के पास आने वाला है, उससे पहले ऐसा बड़ा क्षुद्रग्रह 1.3 किलोमीटर चौड़ा था। 4 मार्च को पृथ्वी के नजदीक आया वह ऐस्टरॉइड हमारे ग्रह से 49,11,298 किलोमीटर दूर से गुजरा था। सूर्य की ओर बढ़ रहा वह क्षुद्रग्रह 400 दिनों से भी कम समय में अपनी कक्षा पूरी करने वाला है। पिछले महीने ही अमेरिका के मिसिसिपी में आसमान के ऊपर एक उल्का भी फटा था और लोगों के आग का गोला देखने की रिपोर्ट आई थी। उस आसमानी चीज को वैज्ञानिकों ने उल्का पिंड बताया है, जो 88,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए टुकड़ों में बिखर गया और पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर चला गया।

इसे भी पढ़ें- वैज्ञानिकों को मिला सबसे विशाल रैप्टर डायनासोर का जीवाश्म, क्यों महत्वपूर्ण है ये खोज ? जानिए

ऐस्टरॉइड डिफ्लेक्शन सिस्टम पर काम शुरू

ऐस्टरॉइड डिफ्लेक्शन सिस्टम पर काम शुरू

राहत की बात है कि ये ऐस्टरॉइड खतरनाक दूरी से पृथ्वी के पास से गुजर रहे हैं, लेकिन फिलहाल हम सुरक्षित हैं। क्योंकि, एक पुराना मजाक है कि डायनासोर इसीलिए विलुप्त हो गए क्योंकि उनके पास कोई स्पेस एजेंसी नहीं थी। मानव इस स्थिति में बेहतर स्थान पर है कि हमारा अंतरिक्ष विज्ञान पिछले करीब साढ़े 6 दशकों में काफी विकिसत हुआ है और हम पहले ही ऐसी आसमानी चीजों का पता लगाने में सक्षम हैं। अब तो ऐस्टरॉइड डिफ्लेक्शन सिस्टम पर भी काम शुरू है, जो कि 2025 तक हकीकत बन सकती है। चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने तीन साल बाद इसके परीक्षण की घोषणा की है। (तस्वीरें- प्रतीकात्मक)

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English summary
An asteroid will pass a potentially dangerous distance from Earth on May 29, it was first reported in 1989. This phenomenon can also be seen with binoculars
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