15000 साल से बर्फ में कैद हैं 33 खतरनाक वायरस, भारत के पड़ोसी देश में वैज्ञानिकों ने खोजा
नई दिल्ली, 22 जुलाई। पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस ने लाखों लोगों को जिंदगियां लील लीं। महामारी की वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था को झटका लगा तो कुछ ने पूरी तरह कोरोना के सामने घुटने टेक दिए। कोरोना की उत्पत्ति कहां और कैसे हुई इस पर रिसर्च जारी है, लेकिन वायरस को लेकर हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तिब्बती ग्लेशियर की बर्फ के नीचे 15,000 साल पुराने वायरस दबे हुए हैं और वह बाहर आने का इंतजार कर रहे है।
15 हजार पुराने बर्फ में मिले वायरस
माइक्रोबायोम जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार चीन के तिब्बती पठार में 15 हजार साल पुराने बर्फ के नमूनों में वायरस मिले हैं। हैरान की बात ये है कि हमारे वैज्ञानिकों को इन वायरस के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। यह वायरस दुनिया में पहली बार सामने आए हैं, जिसका मेडिकल साइंस में भी कोई जिक्र नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हजारों साल पहले बर्फ में जमने से पहले ये वायरल पृथ्वी पर सक्रिय रहे होंगे।
वायरस की जांच कर रहे हैं वैज्ञानिक
फिलहाल वैज्ञानिक बर्फ में पाए गए वायरस की विकास-यात्रा को समझने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया के हजारों साल बाद भी कई वायरस जिंदा मिले हैं, इसकी बड़ी वजह यह है कि ये बर्फ में जमे रहे। हैरानी की बात यह है कि अब तक खोजे गए सभी वायरसों से अलग है। इससे पहले अब तक विशेषज्ञों को इसकी जानकारी नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया कि वायरस की जांच के लिए वैज्ञानिकों ने नया तरीका अपनाया है, जो की बेहद सुरक्षित है।
इस तरह बर्फ में कैद हो गए होंगे वायरस
इसमें सूक्ष्मजीवों का विश्लेषण करने का बहुत ज्यादा सफाई वाली पद्धति है जिससे बर्फ में संक्रमण नहीं होता। अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि बर्फ के ये ग्लेशियर समय के साथ धीरे-धीरे बने और इसमें हवा और धूल के कड़ों के साथ वायरस भी जम गए। रिसर्च के प्रमुख लेखक और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ब्रिड पोलर एंड क्लाइमेट रिसर्च सेटर के शोधकर्ता झी-पिंग झोंग ने बताया कि अभी चीन के पश्चिमी ग्लेशियरों का अध्ययन नहीं किया गया है।
बर्फ में दबे मिले 33 वायरस
उन्होंने कहा, मेरा उद्देश्य पुरातन वातावरण की जानकारी इकट्ठा करना था जिसका ये वायरस भी हिस्सा थे। शोधकर्ताओं की टीम ने इस वायरस को साल 2015 में पश्चिमी चीन से गुलिया आइस कैप से निकाली गई बर्फ के विश्लेषण के दौरान खोजा, ये नमूने काफी ऊंचाई वाले इलाके से लिए गए थे। वैज्ञानिकों को बर्फ में जमे 33 वायरस के जेनेटिक कोड मिले, जिसमें से चार की पहचान पहली की गई है। वहीं 28 ऐसे वायरस थे जो पूरी तरह नए थे।
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