कोरोना मरीज को युवक-युवती ने बाइक पर बैठाकर पहुंचाया अस्पताल, बचाई जान, लोगों को याद आई 'थ्री इडियट्स'
तिरुवंतपुरम, 8 मई: कोरोना वायरस के डर से जब अपने ही अपनों से दूरी बनाए हुए हैं, वहीं केरल में अनजान युवक-युवती ने एक कोरोना मरीज की तबीयत अचानक खराब होने पर उसे बाइक में बीच में बैठकर समय पर अस्तपाल पहुंचाया, जिसके चलते मरीज की जान बच पाई। सोशल मीडिया पर ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसे देख लोगों को आमिर खान की थ्री इडियट फिल्म की याद आ गई वहीं केरल मुख्यमंत्री पी विजयन ने इन दोनों की इस दिलेरी की सराहना की।
बता दें अन्य राज्यों की तरह केरल में भी अचानक कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद लोगों को एंबुलेंस, अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और दवा की किल्लत का सामना करना पड़ा रहा है। सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे इस वीडियो में जो दिख रहा वो केरल की अपंग स्वास्थ प्रणाली की मौजूदा हकीकत है। इस वीडियो को देखकर लोग जहां इन जांबाज युवक- युवती की तारीफ कर रहे है वहीं केरल सरकार की मौजूदा कार्यप्रणाली पर जबरदस्त आक्रोश जता रहे हैं।
अपनी जान की परवाह किए बिना मरीज की मदद की
दरअसल, अलप्पुझा में पुन्नपरा उत्तर पंचायत में अचानक एक कोरोना मरीज की तबीयत खराब हो गई। उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी और काफी इंतजार के बाद भी गांव में एंबेलेंस नहीं पहुंची ऐसे में दो युवा कोविड -19 योद्धाओं ने अपन जान की परवाह किए बिना उस मरीज को अपनी बाइक पर बैठाकर अस्पताल में पहुंचाया।
पीपीटी किट पहन मरीज को बाइक से पहुंचाया अस्पताल
वीडियो में आप देख सकते हैं कि दोनों कोरोना योद्धा जो कि पीपीकिट पहने हुए हैं उन्होंने मरीज को बाइक में बीच में बैठाया और फिर अस्पताल ले जाते दिख रहे हैं। ये युवक युवती अश्विन कुंजुमोन और रेखा पी मोल हैं। जो अलप्पुझा में आइसोलेशन सुविधा के लिए कोरोना स्वयंसेवकों के रूप में कार्य कर रहे हैं। अश्विन और रेखा एक होम आइसोलेशन के लिए बनाए गए केंद्र में स्वयंसेवकों के रूप में काम कर रहे हैं। उन रोगियों को सुविधा दे रहे जिनके पास अपने घरों में कमरे की क्वोरंटीन की सुविधा नहीं है।
युवक- युवती कर रहे हैं कोरोना मरीजों की सेवा
22 वर्षीय अश्विन ने बताया वो पिछले महीने एक स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुए थे। इस समय भी हम रोगियों को नाश्ते सप्लाई करने के लिए ड्यूटी पर थे। हम लोग खाना देने के लिए जब भी जाते हैं तो हम पीपीटी किट ही पहन कर जाते हैं तभी हमने किट पहनी हुई थी। "अचानक, एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया, यह कहते हुए सुना कि एक मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मरीज इमारत की तीसरी मंजिल पर था और हम दोनों उसके पास पहुँचे। उसकी हालत काफी गंभीर थी हमने एम्बुलेंस के लिए कॉल किया। हमने तीन एम्बुलेंस को बुलाने की कोशिश की लेकिन उनमें से कोई भी तुरंत उपलब्ध नहीं थी।"
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युवती ने सुझाई ये तरकीब
अश्विन ने कहा कि जब समय समाप्त हो रहा था, उन्होंने केंद्र में पार्क किए गए दोपहिया वाहन पर मरीज को अस्पताल ले जाने का फैसला किया।"दोपहिया वाहन एक मरीज का था। मरीज के साथ जाने वाला कोई नहीं था क्योंकि वहां मौजूद सभी लोग कोरोना पॉजिटिव थे। 23 वर्षीय रेखा ने कहा, "मैं दुपहिया वाहन पर मरीज के पीछे बैठ जाती हूं और इसके बाद हमने बाइक पर ले जाकर 100 मीटर दूर एक अस्पताल में भर्ती कराया।" अगर हम एम्बुलेंस आने तक इंतजार करते, तो मरीज अपनी जान गवां देता। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दो युवाओं की सराहना की। बताया जा रहा है कि ये दोनों सत्तारूढ़ माकपा के युवा विंग डीवाईएफआई के कार्यकर्ता भी हैं।