#TripleTalaqBill: लोकसभा में खारिज हो गए सांसदों के संशोधन बिल, कांग्रेस बोली- जल्दी में क्यों सरकार, जानें 10 बड़ी बातें
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नई दिल्ली। लोकसभा में इंस्टैंट तीन तलाक पर आज बिल पास हो गया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017' को महिलाओं के लिए न्याय और सम्मान देने के प्रयास रूप में बताया। अगस्त में, सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि इंस्टैंट ट्रिपल तालक, जो गलत तरीके से विवाह को समाप्त करता है वो असंवैधानिक था। आइए आपको इस बिल से जुड़ी 10 खास बाते बतातें हैं।
इस बिल में तीन तलाक या उसके अन्य रूप शामिल
इस बिल में इंस्टैंट तलाक या तलाक के अन्य समान रूप शामिल हैं, जिसमें 'मुस्लिम पति द्वारा इंस्टैंट तलाक और ना बदलने जाने वाले तलाक' का प्रभाव होता है।
तीन साल की सजा का प्रावधान
पास हुए कानून के तहत, किसी व्यक्ति द्वारा "तालक का कोई भी तरीक" - या तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में या किसी अन्य तरीके से लिखी गई बोली, अमान्य और अवैध होगा। इसमें एक मुस्लिम व्यक्ति को दंड देने का भी प्रावधान है, जो अपनी पत्नी को "ट्रिपल तालक" का उपयोग करके तलाक देने का प्रयास करेगा है, जो अधिकतम तीन साल की सजा है।
सांसदों ने पेश किए संसोधन
बता दें कि आज इस बिल के लिए लोकसभा में वोटिंग हुई। अधिकतर सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया। हालांकि कांग्रेस से सांसद सुष्मिता देव, AIMIM से सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सीपीआईएम सांसद ए संपत,बीजेडी सांसद भर्तुहरी महताब की ओर से लोकसभा में संशोधन भी पेश किए गए।
इससे अधिक अन्याय होगा
असद्दुीन ओवैसी की ओर से दिए गए संशोधन को लोकसभा में सिर्फ 2 सांसदों का ही समर्थन मिला। जबकि 241 ने उनके विरोध में वोट किया। बिल पास होने के बाद ओवैसी ने कहा कि ट्रिपल तालाक विधेयक से मुसलमान महिलाओं को न्याय नहीं मिलेगा बल्कि इससे अधिक अन्याय होगा।
कांग्रेस बोली इतनी जल्दी में क्यों है सरकार!
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तालक पर प्रतिबंध लगाया क्योंकि उसका मानना था कि एक जोड़े को सुलह के लिए समय मिलना चाहिए। इस बिल के साथ, अपराध अब एक गैर जमानती अपराध होगा, कोई समाधान नहीं होगा। मैंने मुस्लिम महिलाओं के लिए मुआवजे पर संशोधन दिया था, इसे अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों सरकार इस बिल को पारित करने की जल्दी में थी।
रविशंकर ने बताया क्यों होगी जेल
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जेल की अवधि प्रावधान में शामिल की गई है क्योंकि शीर्ष अदालत की ओर से प्रतिबंध के बावजूद मुस्लिम पुरुषों द्वारा तत्काल तलाक के मामले जारी रहे।
इस 300 मामले
रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा को बताया कि सरकार इस साल भारत में तत्काल ट्रिपल तालक के 300 मामलों को ट्रैक कर पाई है। प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में लगभग 100 मामले सामने आए हैं, जिसमें एक मामला दर्ज किया गया था।
अगर वह जेल में है,तो पुरुष भत्ता कैसे देगा?
लोकसभा में बहस के दौरान, कई विपक्षी नेताओं ने सरकार को मुस्लिम व्यक्ति के लिए जेल की अवधि के प्रावधान की फिर से समीक्षा करने को कहा है जो इंस्टैंट ट्रिपल तालक करता है। कहा गया कि अगर वह जेल में है,तो वह भत्ता कैसे देगा?
जेल की सजा पर सरकार ने कहा...
सरकार ने इस बात को को ठुकराते हुए कहा कि कोर्ट जमानत पर रिहा करने के लिए स्वतंत्र है। इसके अलावा, कम से कम अवधि के लिए जेल को जेल भेजने के लिए मजिस्ट्रेट को एक स्वतंत्र कर दिया गया है।
बच्चा मां के पास
इस बिल में कहा गया है कि तीन तलाक पीड़ित महिला को ही उसका बच्चा मिलेगा। महिला अपना और बच्चों का खर्च पा सकती है। एक मजिस्ट्रेट पति की आय को ध्यान में रखते हुए इस भत्ते की राशि पर फैसला करेगा।