7 PPS अफसरों पर गिरी भ्रष्टाचार की गाज, योगी सरकार ने किया जबरन रिटायर
लखनऊ: भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने 7 प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। इन अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। इसके अलावा इन पर काम में लापरवाही बरतने का भी आरोप है। जानकारी के मुताबिक दो दर्जन से अधिक अधिकारी सरकार की रडार पर हैं।
योगी सरकार का बड़ी कार्रवाई
जिन पीपीएस अधिकारियों पर योगी सरकार ने कार्रवाई की है, उसमें अरुण कुमार, सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा, विनोद कुमार राणा, पुलिस उपाधीक्षक फैजाबाद, नरेंद्र सिंह राना,पुलिस उपाधीक्षक आगरा, रतन कुमार यादव, सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएससी झांसी, तेजवीर सिंह यादव,सहायक सेनानायक 27वीं वाहिनी पीएसी झांसी, संतोष सिंह,मंडलाधिकारी मुरादाबाद और तनवीर अहमद खान,सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी गोंडा हैं।
दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर नजर
जानकारी के मुताबिक इन सात पीपीएस अधिकारियों के अलावा कई अन्य अधिरकारी भी यूपी सरकार के रडार पर हैं। बताया जा रहा है कि करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारियों की फाइल सीएम योगी के पास पहुंच गई है। काम में कोताही और लापरवाही बरतने वाले कई अधिकारियों को लेकर वो फैसला ले सकते हैं।
जुलाई नें किया था ऐलान
गौरतलब है कि सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जुलाई में केंद्र की मोदी सरकार का तर्ज पर सुस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को उम्र से पहले रिटायर करने का ऐलान किया था। योगी सरकार ने 50 साल की उम्र में ही सुस्त अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का फैसला किया था, इसके तहत कई बड़े अफसरों के साथ कर्मचारी भी रडार पर आए हैं।
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