क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

आगरा-दिल्ली वालों को धीरे-धीरे नपुंसक बना रही है यमुना नदी

By Konark Ratan
Google Oneindia News

जरूरी नहीं है कि आप अगर यमुना नदी से सटे इलाकों में रहते हैं, तभी आप पर खतरा मंडरा रहा है। सच तो यह है कि पूरी दिल्ली और आगरा, मथुरा जैसे शहरों के लोगों के लिये यमुना नदी स्लो प्वाइंजन बन चुकी है। यह बात हम नहीं बल्क‍ि दि एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट कह रही है। रिपोर्ट की गहरायी में जायेंगे तो आपको पता चलेगा कि यमुना नदी आगरा, दिल्ली और सटे हुए शहरों के लोगों को धीरे-धीरे नपुंसक बना रही है।

सबसे पहले हम आपको दिल्ली की सब्जी मंडी में लेकर चलते हैं, जहां हरी भरी साग सब्जियां आपको अपनी ओर खींचती हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इन सब्जि‍यों को पैदा करने से लेकर धुलाई तक में और सिंचाई से छिड़काव तक जिस पानी का इस्तेमाल हो रहा है, वो जहरीला हो चुका है। वो जहर जो आपके शरीर में कैंसर पैदा कर सकता है।

दिल्ली से गुजरने वाली यमुना नदी का पानी इतना दूषित हो चुका है कि वहां आस पास के इलाकों में हो रही धड़ल्ले से खेती का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। यहां उगाई जा रही सब्जियां दिल्ली और आसपास के इलाकों में पहुंच तो जाती हैं पर यमुना नदी के जिस पानी से होकर ये सब्जियां गुजरती हैं, वह बिल्कुल भी साफ नहीं है।

दि एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में सामने आयीं ये बातें-

  • यमुना के आसपास के आसपास की मिट्टी भी खेती के लिहाज से खराब हो चुकी है।
  • यहां जो भी सब्जी उगाई जाती हैं उनमें वो धातु पाये जा रहे हैं, जो नदी किनारे पाये जाते हैं।
  • गोभी, बैंगन, भिंडी, पालक यह कुछ ऐसी सब्जियां हैं जिनकी पैदावर यहां अधिक है।
  • यमुना के पानी में निकेल, लेड, मैगनीज, क्रोमियम सरीखे हेवी मेटल खतरे की तय सीमा से कई गुना बढ़ गये हैं।
  • इस प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण आसपास में मौजूद कारखाने हैं, जहां से निकलने वाले अपश‍िष्ट नदी में मिलते हैं।

टॉक्स‍िक लिंक के शोध की रिपोर्ट और धतुओं से होने वाली बीमारियों के बारे में स्लाइडर में पढ़ें-

यमुना नदी में भारी धातु

यमुना नदी में भारी धातु

यमुना की गाद में औसतन लेड 57 मिग्रा/किग्रा, कैडमियम 0.38मिग्रा/किग्रा है। इस गाद में क्रोमियम 796मिग्रा/किग्रा और आर्सेनिक की मात्रा 11मिग्रा/किग्रा मौजूद है।

इसी में उगायी जाती हैं सब्ज‍ियां

इसी में उगायी जाती हैं सब्ज‍ियां

ये खतरनाक तत्व यहां उगाई जाने वाली सब्जि‍यों में भी पाये जा रहे हैं। भले वह बारिश के पहले हो या बाद में। सब्ज‍ियों के माध्यम से यही धातु हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं।

ये सब्जी है खतरनाक

ये सब्जी है खतरनाक

यमुना में हेवी मेटल्स की मात्रा इतनी ज्यादा हैं कि इन सब्जियों को अच्छे से धोने और उबालने के बावजूद कहीं न कहीं यह हानिकारक धतु रह जाते हैं।

क्या-क्या हो सकता है इन सब्ज‍ियों को खाने से

क्या-क्या हो सकता है इन सब्ज‍ियों को खाने से

आगे की स्लाइड में हम आपको बतायेंगे कि इन सब्जि‍यों को खाने से क्या-क्या हो सकता है और कौन-कौन सी बीमारियां लग सकती हैं।

लेड के कारण नपुंसकता

लेड के कारण नपुंसकता

लेड के कारण नपुंसकता बढ़ती है और यौन समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। लेड की वजह से हृदय रोग, किडनी डैमेज, एनीमिया हो सकता है। लेड के कारण किडनी व लीवर डैमेज हो सकता है। लेड के कारण हमारा नर्वस सिस्टम ही बिगड़ सकता है।

कैडमियम के कारण त्वचा रोग

कैडमियम के कारण त्वचा रोग

कैडमियम की वजह से त्वचा रोग हो सकते हैं। कैडमियम के कारण तेज़ बुखार होने लगता है, जो जल्दी उतरता नहीं। कैडमियम के कारण आर्थराइटिस का खतरा बढ़ता है। कैडमियम के कारण सूंघने की क्षमता कम होने लगती है।

मूत्र में जलन

मूत्र में जलन

आर्सेनिक की वजह से ब्लड कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आर्सेनिक की वजह से मूत्र में जलन, मूत्राशय में कैंसर पैदा हो सकता है। आर्सेनिक की वजह से त्वचा में सफेद दाग पड़ने लगते हैं। आर्सेनिक की वजह से उल्टी दस्त होने लगते हैं।

आंखों में जलन

आंखों में जलन

क्रोमियम की वजह से आंखों में ग्लूकोमा हो जाता है। मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रोल बढ़ता है जिससे हृदय रोग हो सकता है। पेट संबंधी बीमारियां हो जाती हैं।

मासिक धर्म थम जाता है

मासिक धर्म थम जाता है

महिलाओं के शरीर में पहुुंचने के बाद क्रोमियम कैलश‍ियम की कमी पैदा करने लगता है और हड्ड‍ियां कमजोर पड़ने लगती हैं। यही नहीं इसके कारण मासिक धर्म अनियमित होने लगता है और ज्यादा गंभीर होने से थम जाता है।

चिंता नहीं नेताओं को

चिंता नहीं नेताओं को

यमुना नदी में इतना खतरनाक प्रदूषण हो रहा है और दिल्ली के चुनावों में इसका जिक्र नाम मात्र का है। केजरीवाल हों या किरण बेदी या फिर अजय माकन, यमुना नदी को प्रदूषण रहित बनाने की बात कोई नहीं कर रहा है।

'हेल्थ इज वेल्थ'

'हेल्थ इज वेल्थ'

एक पुरानी कहावत है कि ‘हेल्थ इज वेल्थ'। अगर स्वास्थ्य अच्छा है तो सब कुछ अच्छा है। इसलिए जरुरत इस बात की है कि सब्जियों को खरीदने से पहले उन्हें अच्छे से जांच परख लें, तभी खरीदें। उसी दुकानदार से सब्जियां खरीदें, जहां से आप आश्वस्त हो सकें। इसके साथ ही साथ सरकार को भी ऐसे ठोस और सख्त कदम उठाने की जरुरत है जिससे नदी का पानी साफ और सुरक्षित रहे और हर आम आदमी को इसका कई रुपों में फायदा मिल सके।

Comments
English summary
A latest report came out from the research done by The Energy Resources Institute, which says toxic agents in Yamuna River is creating impotency in people residing in Delhi.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X