"बॉस" को नियम तोड़ने क्यों देती है ट्रैफिक पुलिस
अखबारों में, न्यूज चैनलों में कई बार गाड़ी के नंबरों के गेम को उजागर करने की कोशिश की गई। कोई 4141 लिखाकर पापा दर्शाना चाहता है। तो कुछ लोग 8055 के जरिए बॉस बन गए। आम से लेकर खास...ज्यादातर लोग गाड़ी की नंबर प्लेट में स्टाइल झाड़ने के चक्कर नियमों को सरेआम नीलाम करते दिखाई देते हैं। और ट्रैफिक पुलिस है कि इन्हें बॉस बनने से रोकती भी नहीं।
लेकिन जब बात उन लोगों की हो जो सरकार में हैं, जनता के सवालों के प्रति जवाबदेह हैं यदि वो भी नियमों से खिलवाड़ करने लगे तो भई हो गया बंटाधार। आम लोगों के पास भी जवाब तैयार हो जाता है कि वो बड़े लोग हैं, सरकार में हैं तो वो कर सकते हैं और हम आम लोग हैं तो नहीं कर सकते। आदि आदि।
''रूतबे का डर'' या फिर ''दलाली का असर''!
दरअसल लखनऊ के खुर्रम नगर से जब वन इंडिया के पत्रकार ने एक गाड़ी की नंबर प्लेट को देख उसका पीछा किया, तो नियमों पर भारी पड़ता प्रभाव गवाही देने लगा। प्रशासन की कलई खुली साथ ही उनके साथ चस्पा की गई जिम्मेवारियों को नजरंदाज करने की हकीकत भी सामने आ गई। उत्तर प्रदेश सचिवालय की गाड़ी नंबर UP 32 GO 8055 पर लिखे नंबरों को एक अलग शक्ल देकर बॉस लिखाया गया है। जो कि नियमों के अनुसार पूर्णतया गलत है। और सुनिये हाल ही में व्हॉटसऐप पर एक फोटो वायरल हुई जिसमें वाहन का नंबर था 1515 अगर इसे कैल्कुलेटर फॉन्ट में लिखें तो यह ISIS लगेगा। व्हॉट्सऐप पर लोगों ने वाहन मालिक को देशद्रोही करार दे दिया।
वाहनों पर नंबर प्लेट को लेकर सख्त नियम हैं। पालन न होने पर चालान और गाड़ी जब्त भी हो सकती है। लेकिन फर्राटा भर रही कथित बॉस की गाड़ी की नंबर प्लेट क्या अभी तक किसी की नजर में नहीं आई। या रूतबे से डर कर किसी ने उसे रोकने का प्रयास ही नहीं किया। हालांकि यह हाल केवल उत्तर प्रदेश का नहीं, बल्कि सभी राज्यों का है।
ये हैं मानक
टू व्हीलर और थ्री व्हीलर नंबर प्लेट का साइज 200 एमएम, ऊंचाई 35 एमएम, मोटाई 7 एमएम होनी चाहिए। नम्बरों के बीच में खाली स्थान 5 एमएम को होना चाहिए। 10 एमएम होना चाहिए नियम के मुताबिक, व्हाइट कलर की नंबर प्लेट पर ब्लैक कलर से नम्बर ही लिखा होना चाहिए। नंबर प्लेट पर एक समान, सीधे और साधारण नंबर लिखे होने चाहिए।