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Kartarpur Corridor: पाकिस्तान कहीं 'चाल' तो नहीं चल रहा ?

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बेंगलुरु। बार-बार युद्ध की धमकी देने वाला कंगाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ चाल चलने से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर मामला पाकिस्तान में स्थित करतारपुर दरबार साहिब गुरुद्वारें से जुड़ा हैं।

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जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद भारत के साथ जारी तनाव के बावजूद करतारपुर कॉरिडोर मामले में नरम रुख दिखा कर सिखों का हितैशी बना पाकिस्तान नापाक इरादों के तहत करतारपुर में दरबार साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करने के इच्छुक सिख श्रद्धालुओं की दो श्रेणियां बनाने का फैसला किया है। जिसमें से एक श्रेणी भारत से जाने वाले श्रद्धालुओं की होगी । वहीं दूसरी श्रेणी में दुनिया के अन्‍य देशों से आने वालें भारतीय मूल के इच्छुक सिख श्रद्धालुओं के नाम होंगे।

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह निर्णय पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत किया है। माना जा रहा है कि करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को दो श्रेणियों में रखना पाकिस्तान की नयी चाल हैं। वह सिख समुदाय का हिमायती बन कर भारत के खिलाफ उन्हें मोहरा बनाने की फिराक में हैं। पाक सिखों का हितैशी का ढोंग कर वह उनके कंधे पर बंदूक रखकर भारत पर निशाना साधने की कोशिश में है।

एक ओर कतरारपुर कॉरिडोर के बहाने वह भारतीय सिखों का पाक हमदर्द बन रहा हैं वहीं दूसरी ओर पाक सरकार के नाक के नीचे वहां पर रहने वाले सिखों पर हर दिन अत्‍याचार हो रहा हैं । पिछले दिनों पाकिस्तान के लाहौर के ननकाना साहिब क्षेत्र में एक सिख लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। जिसमें 19 वर्ष की जगजीत कौर सिख लड़की का बंदूक की नोक पर इस्लाम कबूल करवाया गया था। पाकिस्तान में धर्मपरिवर्तन का यह पहला मामला नहीं था। पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र में हिंदू लड़कियों को अगवा कर धर्मांतरण की घटनाएं आम हो चुकी हैं। इतना ही नहीं पाक में हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार चरम पर हैं।

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मीडिया के अनुसार विदेश मंत्रालय ने करतारपुर के दौरे के लिए आवेदन करने वाले सिख तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन वीजा प्रणाली में धार्मिक पर्यटन की श्रेणी को जोड़ने का फैसला किया है। जिसमें यह भी खुलासा किया गया है कि पाक विदेश मंत्रालय मंत्रालय द्वारा दो अलग श्रेणियों में वीजा आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। जिसमें एक भारतीय मूल के सीख तीर्थयात्रियों जो दुनिया में कहीं और बसे हुए हैं जबकि दूसरे भारत में बसे सिख तीर्थयात्री नाम दर्ज होगे। इसमें कहा गया कि प्रस्तावित कदम के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा मंत्रिमंडल से इजाजत मांगी जाएगी। करतारपुर की यात्रा के लिए सभी धार्मिक पर्यटन वीजा अनुरोधों पर प्रक्रियाओं को सात से 10 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच बीते बुधवार को पंजाब के अटारी बॉर्डर पर करतारपुर कॉरिडोर मामले पर भारत-पाकिस्तान के संयुक्त सचिव स्तरीय बैठक हुई थी। जिसमें सहमति बनी थीं कि कि प्रस्तावित करतारपुर गलियारे से गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त यात्रा की इजाजत होगी लेकिन सीमापार मार्ग पर समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। जिस कारण अब करतापुर जाने वाले यात्रियों को वीजा लेना पड़ेगा।

गौरतलब हैं कि विगत बुधवार को हुई इस अहम बैठक के बाद गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया था कि प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को गलियारे से पाकिस्तान में प्रवेश दिया जाएगा। यह गलियारा पूरे साल, सातों दिन खुला रहेगा और श्रद्धालु जब चाहें करतारपुर साहिब के दर्शन करने जा सकेंगे। उन्हें बस एक परमिट लेना होगा। इतना ही नहीं विदेशी नागरिकता वाले भारतीय मूल के श्रद्धालु भी इस रास्ते से बिना वीजा के गुरुद्वारे के दर्शन करने की बात कहीं गयी थीं। हालांकि पूरे मसौदे को लेकर दोनों देशों में कुछ मतभेद था। जिन पर अगली बैठक होनी थी। पाकिस्तान श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वसूलना चाहता था, जिसका भारत ने विरोध किया था।

पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के आदेश पर पिछले दिनों लाहौर में सिख गुरुओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था। जिसमें दुनिया भर के सिख एकत्र हुए थे। लाहौर में आयोजित इस इंटरनेशनल सिख सम्मेलन में उपस्थित सिख विद्वानों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पंजाब के गवर्नर चौधरी मोहमद सरवर ने कि पाकिस्तान सरकार सभी श्रद्धालुओं को 30 सितंबर तक वीजा जारी कर देगी। उन्‍होंने सिखों को वादा किया था कि श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान सरकार भारत से आने वाले दस हजार श्रद्धालुओं को वीजा जारी करेगी। इससे पहले दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार, पाकिस्तान तीन हजार श्रद्धालुओं को वीजा जारी करता था।

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English summary
Pakistan dividing into two groups of Sikhs going to Darshan in Kartarpur
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