नई दिल्ली। अप्वाइंटमेंट कमेटी ने सोमवार को हसमुख अधिया को देश का नया वित्त सचिव बनाया है, अधिया इससे पहले राजस्व सचिव थे। रेवेन्यू विभाग में आढिया जीएसटी और डायरेक्ट टैक्स सुधार जैसे सरकार के फैसलों के साथ थे। जीएसटी लागू होने के बाद अधिया ने कहा था कि लघु एवं मझौले उद्योगों के बोझ को कम करने के लिए दरो में पूरी तरह से बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि जीएसटी को स्थिर होने में एक साल का समय लगेगा। गत वर्ष अशोक लवासा के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद खाली हो गया था। अधिया को वित्त विभाग में वित्त मामलो को लंबा अनुभव है, जिसे देखते हुए सरकार ने उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए चुना है।

1981 बैच आईएएस हैं
हंसमुख आधिया ने स्वामी विवेकानंद योगा विश्वविद्यालय, बेंगलुरू से योग में पीएचडी हासिल की है। इसके साथ ही वह बेंगलुरू आईआईएम के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन पब्लिक मैनेजमेंट एंड पॉलिसी विषय से गोल्ड मेडल हासिल किया था। आधिया ने गुजरात विश्वविद्यालय से बी कॉम और एम कॉम की डिग्री हासिल की है। मूल रूप से गुजरात से आने वाले अधिया को वरिष्ठता के आधार पर सरकार ने वित्त सचिव बनाया है, वह 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 1984 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार वित्तीय सेवा के सचिव हैं, जबकि अजय नारायण झा व्यय सचिव और नीरज कुमार गुप्ता दीपम के सचिव हैं। दोनों 1982 वैच के आईएएस अधिकारी हैं, वहीं 1983 बैच के सुभाष चंद्र गर्ग आर्थिक मामलों के सचिव हैं।
कई पदों पर रह चुके हैं
वित्त सचिव बनाए जाने से पहले हसमुख अधिया कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं, वह गुजरात सरकार के अलावा केंद्र सरकार में अहम पदों पर रह चुके हैं। जिसमे अडिशनल चीफ सेक्रेटरी (वित्त), प्रिंसिपल सेक्रेटरी (शिक्षा), प्रिंसिपल सेक्रेटरी (ट्रांसपोर्ट), गुजरात के मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, सरदार सरोवर नर्मदा निगम के एक्जेक्युटिव डायरेक्टर, जैसे तमाम पदों पर अधिया अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
नोटबंदी का किया था समर्थन
अधिया को प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी माना जाता है। उन्हें ना सिर्फ समय से जीएसटी को लागू करने का श्रेय जाता है बल्कि नोटबंदी के पीछे भीअधिया ही अहम किरदार थे। 8 नवंबर को जब प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था तो उसके बाद अधिया ने ट्वीट किया था कि कालाधन को खत्म करने के लिए सरकार का यह सबसे बड़ा और बोल्ड फैसला है।
योग से करीब आए पीएम के
वह ना सिर्फ इन तमाम नीतियों में प्रधानमंत्री के पसंदीदा हैं बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री का योगा का मेंटर माना जाता है। गुजरात के राजकोट में अधिया का जन्म हुआ था, उनकी उम्र 58 वर्ष है और वह गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री मोदी और अधिया के बीच करीबी की एक बड़ी वजह योग को भी माना जाता है। पीएम मोदी ने चिंतन शिविर, जैसे तमाम सेशन का आयोजन मंत्रियों और अधिकारियों के लिए किया था, जिसमें अधिया भी हिस्सा लेते थे, यहीं से पीएम ने उन्हें अपने योगा टीचर बनाया। इसके बाद से ही जल्द ही योग को चिंता शिविर में अनिवार्य कर दिया गया और 21 जून को यूएन ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया।
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