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किसान विरोध के बीच गाजीपुर बॉर्डर पर 'छात्र चौक' नाम का कोना आखिर क्यों बनाया गया है? जानें

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे हैं। दोपहर का समय है और किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की जा रही है।

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नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे हैं। दोपहर का समय है और किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की जा रही है। शनिवार को होने वाले चक्का जाम को लेकर भाषण दिये जा रहे हैं और चारों ओर ट्रैक्टर घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। लेकिन चारों तरफ फैले शोर-शराबे के बीच यहां गाजीपुर बॉर्डर पर एक कोना ऐसा है जो बेहद शांत और कलात्मक दिखाई दे रहा है।

Chaatra Chowk

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आपको बताते हैं इस कोने के बारे में...
दरअसल इस कोने को 'छात्र चौक' नाम दिया गया है। जहां वामपंथी छात्र संघ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन AISF द्वारा एक शिविर लगाया गया है। इस शिविर के चारों तरफ का माहौल और क्रियाकलाप लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। यहां लगभग 6 छात्रों को कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए और कलाकृति बनाते हुए देखा गया। छात्र संगठन को किसानों के विरोध में शामिल होते देखना आश्चर्यजनक था। लखनऊ विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश के लिए AISF के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया, "कई छात्र कृषि पृष्ठभूमि से आते हैं और इसलिए उन्होंने किसानों को कृषि कानूनों की खामियों के बारे में शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है।''

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शिविर एक अस्थायी तम्बू है जो पिछले 10 दिनों से चल रहा है। छात्रों का दावा है कि उनके पास हर दिन कई आगंतुक आते हैं। छात्र चौक में विभिन्न विषयों पर और विभिन्न भाषाओं में पुस्तकों के साथ एक पुस्तकालय भी है। यहां होने वाली चर्चा और यहां मौजूद किताबें न केवल युवा किसानों को व्यस्त रख रही हैं बल्कि उनका यह तम्बू प्रदर्शनकारियों के बीच खासा लोकप्रिय भी हो गया है। कैंप के बाहर एक आर्ट गैलरी भी है। दिल्ली विश्वविद्यालय की स्नातक छात्र खुशबू ने कहा, "कई लोग हमारे पास आते हैं और हम उन्हें चित्रों और चित्रों के रूप में या यहां तक ​​कि नारों के साथ पोस्टर के रूप में व्यक्त करने के लिए कागजात प्रदान करते हैं। अभी कुछ दिनों पहले, तेलंगाना की एक टीम यहां आई थी और हमारे लिए एक अच्छी कला का निर्माण किया था।"


ये छात्र उन बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं, जो अपने परिवारों के साथ प्रदर्शन में शामिल होने आए हैं और यहां डेरा डाले हुए हैं। यूपी के एक छात्र स्वयंसेवक शिवम नायक ने कहा, "अगर कोई छात्र अपनी शंकाओं को लेकर आता है तो हम उन्हें हल करने का प्रयास करते हैं। साथ ही यदि वे अपने टैंट में अव्यवस्था के कारण पढ़ नहीं पा रहे हैं तो हम उन्हें अध्ययन के लिए एक माहौल प्रदान करते हैं।" वहीं मौजूद जामिया हमदर्द की छात्र और दिल्ली AISF की सचिव अभिप्सा ने बताया, "किसानों और प्रदर्शनकारियों को खाली समय में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम उन्हें तीनों कृषि कानूनों के बार में कई पुस्तकें उपलब्ध करा रहे हैं। हमारा मकसद पढ़ो, लड़ो और आगे बढ़ो है।"

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English summary
What are the farmers studying in the 'Chaatra Chowk' Corner on the Ghazipur border amidst farmer protest?
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