15 अगस्त को वीर चक्र से सम्मानित होंगे विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान!
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा। अभिनंदन ने 26 फरवरी के अगले दिन 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर में हुई डॉग फाइट में अपने मिग-21 से पाकिस्तान एयरफोर्स के एफ-16 को ढेर कर दिया था। अभिनंदन के अलावा बालाकोट एयरस्ट्राइक में शामिल मिराज-2000 के पायलट्स को भी सम्मानित किया जाएगा। बुधवार को सूत्रों के हवाले से हिन्दुस्तान टाइम्स ने यह जानकारी दी है।
पीओके में जा गिरे थे अभिनंदन
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान और मिराज-2000 के पांच पायलट्स जिन्होंने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों पर बम गिराए थे, उन्हें बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। अभिनंदन वर्तमान ने 27 फरवरी को उस समय इतिहास रचा था जब उन्होंने मात्र 90 सेकेंड्स में एफ-16 को ढेर कर दिया था। अभिनंदन दुनिया के पहले पायलट हैं जिन्होंने मिग से एफ 16 को ढेर किया। हालांकि उनका जेट भी क्रैश हो गया था और इसके बाद वह पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर में जा गिरे थे। विशेषज्ञों ने अभिनंदन को ऐसा कारनामा करने वाला दुनिया का पहला पायलट बताया था।
क्यों हीरो बन गए थे अभिनंदन
मिग-21 जहां 60 के दशक का फाइटर जेट है तो वहीं एफ-16 एक मॉर्डन जेट है। ऐसे में अभिनंदन ने जो किया वह दुनिया में लोगों ने पहली बार देखा था। 27 फरवरी को अभिनंदन पीओके में जा गिरे और एक मार्च को 60 घंटे तक कैद में रखने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें वापस वतन भेजा था। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद अगले दिन पाकिस्तान एयरफोर्स के फाइटर जेट्स जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर तक में दाखिल हो गए थे। बालाकोट एयरस्ट्राइक 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले का जवाब थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
क्या है वीर चक्र की अहमियत
वीर चक्र भारत का तीसरा सर्वोच्च मिलिट्री सम्मान है और इससे पहले दूसरे नंबर पर परमवीर चक्र और पहले नंबर पर महावीर चक्र है। अभिनंदन फिलहाल इजेक्शन के बाद होने वाली चोटों से उबर रहे हैं। जिस समय घटना हुई थी उस समय वह श्रीनगर स्थित एयरफोर्स की 51वीं स्क्वाड्रन में पोस्टेड थे। कुछ दिनों पहले सुरक्षा कारणों की वजह से उन्हें दूसरे बेस पर शिफ्ट कर दिया गया है। फिलहाल वह नए बेस पर प्रशासनिक ड्यूटीज को अंजाम दे रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि 15 अगस्त वाले दिन अगर पुरस्कार का ऐलान किया जाता है तो फिर यह फाइटर पायलट की बहादुरी और उनके प्रोफेशनलिज्म को पहचान देने के बराबर होगा।