राज्यों को जनसंख्या, बीमारी के बोझ और वैक्सीन की बर्बादी के आधार पर किया जाएगा वैक्सीन का वितरण- केंद्र
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 21 जून से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के लिए प्रारंभिक दिशानिर्देश जारी किए हैं।
नई दिल्ली, 9 जून। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 21 जून से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के लिए प्रारंभिक दिशानिर्देश जारी किए हैं। सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित संशोधित नीति के अनुसार, केंद्र भारत में निर्मित सभी कोविड-19 टीकों का 75% टीका खरीदेगा। भविष्य में भ्रम की स्थिति से बचने के लिए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को अपने कोटे का 75 प्रतिशत वितरण कई कारकों पर आधारित होगा। इन कारकों में जनसंख्या, बीमारी की अधिकता और टीकाकरण की प्रगति शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन के वितरण के दौरान यह भी देखा जाएगा कि संबंधित राज्य या जिले में वैक्सीन की कितनी बर्बादी हुई है। वैक्सीन की बर्बादी आवंटन को नकारात्म रूप से प्रभावित करेगी। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति, उपयोग और अपव्यय के मुद्दों की लगातार निगरानी कर रही है। कई राज्यों को वैक्सीन की बर्बादी के खिलाफ चेतावनी देने वाली एडवाइजरी भी भेजी गई है।
भारत
में
टीकाकरण
की
दर
भारत
सरकार
के
अनुसार
भारत
में
60
साल
से
अधिक
उम्र
के
33
प्रतिशत
लोगों
का
टीकाकरण
हुआ
है,
जबकि
45-60
साल
की
उम्र
के
बीच
के
लोगों
का
41.7
प्रतिशत
टीकाकरण
हुआ
है।
जबकि
18-44
साल
की
उम्र
के
बीच
के
लोगों
का
25.3
प्रतिशत
टीकाकरण
हुआ
है।
अभी
तक
24
करोड़
वैक्सीन
की
आपूर्ति
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
अनुसार
केंद्र
ने
राज्यों
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
को
अभी
तक
24
करोड़
वैक्सीन
की
मुफ्त
सप्लाई
की
है,
जिनमें
से
23,47,43,489
वैक्सीनों
का
इस्तेमाल
किया
जा
चुका
है।
इसमें
बेकार
हुई
वैक्सीनों
की
संख्या
भी
शामिल
है।
इसका
मतलब
ये
है
कि
अभी
राज्यों
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
के
पास
1.19
करोड़
वैक्सीन
उपलब्ध
हैं।
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केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में टीकाकरण की गति तुलनात्मक रूप से धीमी है इसके अलावा कई राज्यों में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों की बड़ी संख्या ऐसी है जिसे कोरोना का टीका नहीं लगा है। यह मुद्दा इसलिए उठाया गया क्योंकि केंद्र की ओर से ऐसे कर्मियों के लिए प्राथमिकता के रूप में टीकाकरण के लिए कहा गया था और इनके टीकाकरण के लिए केंद्र की ओर से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति कराई गई थी।
नए दिशा-निर्देशों के महत्वपूर्ण तत्व
1. हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नागरिकों और जिन्हें पहले ही पहली खुराक मिल चुकी है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
2. 18-44 आयु वर्ग के जो लोग टीकाकरण के लिए रह गए हैं। उनके लिए राज्यों को प्राथमिकता तय करनी होगी।
3.
केंद्र
राज्यों/केंद्र
शासित
प्रदेशों
को
आपूर्ति
की
जाने
वाली
खुराक
के
बारे
में
अग्रिम
रूप
से
जानकारी
प्रदान
करेगा।
फिर
इन
खुराकों
को
जिलों
और
टीकाकरण
केंद्रों
को
आवंटित
किया
जाएगा।